सिरोहीः नगरपरिषद के मौजूदा बोर्ड का कार्यकाल खत्म होने से पहले सोमवार को बुलाई बोर्ड बैठक में कार्यवाहक आयुक्त आशुतोष आचार्य के शामिल नहीं होने से विवाद बढ़ गया. बैठक शुरू होने से पहले आयुक्त चैंबर में बैठे आशुतोष आचार्य को बैठक में शामिल होने के लिए बुलाने गए पार्षदों को आचार्य ने उनके पास आयुक्त का चार्ज नहीं होने के हवाला देकर आने से मना कर दिया. इसके बाद मामला गर्मा गया.
सभापति समेत पार्षदों का कहना था कि बतौर आयुक्त बोर्ड बैठक बुलाकर अब खुद को आयुक्त नहीं मान रहे तो फिर इतने दिन से काम कैसे संभाल रहे हैं ?. बहसबाजी के बाद आशुतोष आचार्य अपना कक्ष छोड़कर चले गए. इसके बाद सभापति समेत पार्षदों ने सभा भवन में बैठक करके आशुतोष आचार्य के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया. इसके बाद जिला कलेक्टर से मिलकर अगली बैठक 18 नवंबर को बुलाने का आग्रह किया. वहीं, इस मामले में आशुतोष आचार्य का कहना है कि वे अधिकारी होने के नाते किसी भी कक्ष में बैठ सकते हैं और बोर्ड बैठक सभापति ने बुलाई थी.
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निंदा प्रस्ताव किया पारितः जानकारी के अनुसार सोमवार शाम 4 बजे नगरपरिषद की बोर्ड बैठक बुलाई गई थी. बैठक में शामिल होने के लिए सभापति महेंद्र मेवाड़ा, उपसभापति जितेंद्र सिघी समेत कांग्रेसी व निर्दलीय पार्षद पहुंचे. बैठक शुरू होने से पहले पार्षद आयुक्त कक्ष में बैठे राजस्व अधिकारी आशुतोष आचार्य के पास पहुंचे और उन्हें बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया, लेकिन उन्होंने आयुक्त का चार्ज नहीं होने की बात कहकर मना कर दिया. इस पर कांग्रेसी पार्षदों ने आपत्ति जताई कि "जब आयुक्त नहीं है तो बैठक किस हैसियत से बुलाई और इतने दिन से दस्तावेजों पर हस्ताक्षर क्यों करते रहे ?." पार्षदों व आशुतोष आचार्य के बीच बहसबाजी हुई और आशुतोष आचार्य कक्ष छोड़कर चले गए. पार्षद सभापति महेंद्र मेवाड़ा के पास पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी दी. इसके बाद सभापति की अध्यक्षता में कांग्रेसी व निर्दलीय पार्षदों ने सभा भवन में बैठक कर आशुतोष आचार्य के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया.
राजस्व अधिकारी आशुतोष आचार्य का आयुक्त चार्ज 5 नवंबर को खत्म हो गया तो किस हैसियत से बोर्ड बैठक बुलाई. बोर्ड बैठक बुलाकर खुद नहीं पहुंचने से हमने निंदा प्रस्ताव पारित किया है.-महेंद्र मेवाड़ा, सभापति, नगरपरिषद, सिरोही.
हाईकोर्ट का स्पष्ट आदेश है कि ईओ या कमिश्नर पद का चार्ज उनके समकक्ष अधिकारी को सिर्फ 15 दिन के लिए एक बार दिया जाएं, लेकिन आशुतोष आचार्य को तीन बार यह चार्ज देकर कोर्ट की अवमानना की. चार्ज नहीं होने के बावजूद दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए और ठेकेदारों के भुगतान चैक काटकर डीएलबी के आदेश दरकिनार किए- सुरेश सगरवंशी, वरिष्ठ पार्षद.
कलेक्टर से मिले पार्षदः नगरपरिषद के सभा भवन में बैठक के बाद पार्षद उपसभापति जितेंद्र सिंधी के नेतृत्व में कलेक्टर से मिले और आशुतोष आचार्य की शिकायत की. जिला कलेक्टर अल्पा चैधरी को पत्र सौंपकर 18 नवंबर को बोर्ड बैठक बुलाने का आग्रह किया. पार्षदों के निंदा प्रस्ताव में बताया कि तीन बार 15-15 दिन का चार्ज देकर हाईकोर्ट व डीएलबी के आदेशों की अवहेलना की गई. अब 5 नवंबर को राजस्व अधिकारी आशुतोष आचार्य का आयुक्त चार्ज खत्म होने के बावजूद आयुक्त कक्ष में बैठकर आयुक्त की हैसियत से किए गए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर व भुगतान की जांच करवा कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
यह बैठक सभापति ने अपने आदेश से बुलाई थी. मेरा चार्ज 6 तारीख को समाप्त होने के कारण से इस बैठक के लिए मैं अधिकृत नहीं था. नियमानुसार अध्यक्ष को भी यह बैठक स्थगित करके आगे करनी चाहिए थी. रही बात आयुक्त कक्ष में बैठने की तो मैं अधिकारी होने की हैसियत से सरकार की योजना और जनता की समस्या के निस्तारण के लिए जिम्मेदार हूं. अधिकारी होने के नाते कहीं पर भी बैठ सकता हूं. -आशुतोष आचार्य, राजस्व अधिकारी, नगरपरिषद सिरोही.