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दौसा विधानसभा उपचुनाव को लेकर हाईकोर्ट में याचिका - RAJASTHAN HIGH COURT

दौसा विधानसभा उपचुनाव को लेकर हाईकोर्ट में याचिका. यहां जानिए पूरा मामला...

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 11, 2024, 10:53 PM IST

जयपुर: दौसा विधानसभा के 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. जिस पर हाईकोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा. अधिवक्ता नरेन्द्र कुमार मीना की ओर से दायर इस याचिका में मुख्य निर्वाचन आयुक्त, नई दिल्ली, राज्य के मुख्य निर्वाचन आयुक्त, जिला निर्वाचन अधिकारी दौसा व दौसा के रिटर्निंग अधिकारी को पक्षकार बनाया है.

मामले से जुड़े अधिवक्ता सुरेश कुमार शर्मा और अधिवक्ता डॉ. विभूतिभूषण शर्मा ने बताया कि याचिकाकर्ता भी दौसा विधानसभा के उपचुनाव में प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ना चाहता है. ऐसे में उसने रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष नामांकन किया, लेकिन रिटर्निंग अधिकारी ने जानबूझकर उसका नामांकन पत्र नहीं लिया और बाद में उच्चाधिकारियों के साथ वीसी में व्यस्त होना बताकर नामांकन पत्र लेने से ही इनकार कर दिया.

पढ़ें : चुनाव प्रचार के अंतिम दिन भाजपा ने झोंकी ताकत, सीएम-अध्यक्ष ने संभाला मोर्चा, लेकिन वसुंधरा की दूरी

याचिका में यह भी कहा गया कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 34 में प्रावधान है कि विधानसभा चुनाव में एसटी वर्ग के उम्मीदवार से पांच हजार रुपए लिए जाएगे, इसके बावजूद भी प्रावधानों की अवहेलना कर उससे दस हजार रुपए की वसूली कर रसीद दी गई. याचिका में कहा गया कि जब उससे फीस वसूल की गई है तो रिटर्निंग अधिकारी का दायित्व था कि वह उसका नामांकन पत्र भी स्वीकार करते.

वहीं, उसे अन्य विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा एमएलए की ओर से भी फोन कर किसी अन्य प्रत्याशी के पक्ष में समर्थन देने की बात कही. ऐसे में उसे जानबूझकर दौसा विधानसभा के उप चुनाव में हिस्सा नहीं लेने दिया गया. याचिका में गुहार की गई है कि उसका नामाकंन पत्र स्वीकार कर उसे चुनाव प्रक्रिया में शामिल किया जाए.

जयपुर: दौसा विधानसभा के 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. जिस पर हाईकोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा. अधिवक्ता नरेन्द्र कुमार मीना की ओर से दायर इस याचिका में मुख्य निर्वाचन आयुक्त, नई दिल्ली, राज्य के मुख्य निर्वाचन आयुक्त, जिला निर्वाचन अधिकारी दौसा व दौसा के रिटर्निंग अधिकारी को पक्षकार बनाया है.

मामले से जुड़े अधिवक्ता सुरेश कुमार शर्मा और अधिवक्ता डॉ. विभूतिभूषण शर्मा ने बताया कि याचिकाकर्ता भी दौसा विधानसभा के उपचुनाव में प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ना चाहता है. ऐसे में उसने रिटर्निंग अधिकारी के समक्ष नामांकन किया, लेकिन रिटर्निंग अधिकारी ने जानबूझकर उसका नामांकन पत्र नहीं लिया और बाद में उच्चाधिकारियों के साथ वीसी में व्यस्त होना बताकर नामांकन पत्र लेने से ही इनकार कर दिया.

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याचिका में यह भी कहा गया कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 34 में प्रावधान है कि विधानसभा चुनाव में एसटी वर्ग के उम्मीदवार से पांच हजार रुपए लिए जाएगे, इसके बावजूद भी प्रावधानों की अवहेलना कर उससे दस हजार रुपए की वसूली कर रसीद दी गई. याचिका में कहा गया कि जब उससे फीस वसूल की गई है तो रिटर्निंग अधिकारी का दायित्व था कि वह उसका नामांकन पत्र भी स्वीकार करते.

वहीं, उसे अन्य विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा एमएलए की ओर से भी फोन कर किसी अन्य प्रत्याशी के पक्ष में समर्थन देने की बात कही. ऐसे में उसे जानबूझकर दौसा विधानसभा के उप चुनाव में हिस्सा नहीं लेने दिया गया. याचिका में गुहार की गई है कि उसका नामाकंन पत्र स्वीकार कर उसे चुनाव प्रक्रिया में शामिल किया जाए.

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