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कोटा के कनवास में फसल अवशेष जलाने वाले पर SDM की कार्रवाई, 2500 रु जुर्माना वसूला - फसल अवशेष जलाने के नियम

एसडीएम राजेश डागा कनवास क्षेत्र के आवां दौरे पर थे. इस दौरान उन्होंने देखा कि आंवा निवासी रामनारायण माली गेंहू की फसल के अवशेषों को जला रहा है. एसडीएम ने रामनारायण माली से 2500 रुपये का जुर्माना भी वसूला.

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फसल अवशेष जलाने वाले पर SDM की कार्रवाई
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Published : May 27, 2021, 9:20 PM IST

कोटा. कनवास एसडीएम राजेश डागा ने खेत में फसल अवशेष जलाने पर कार्रवाई की है. एसडीएम राजेश डागा ने बताया कि राज्य सरकार के नियमानुसार गेंहू के फसल की नोलाइयों और अन्य फसलों के अवशेषों को आग लगाना कानूनी अपराध है. अवशेष जलाने से उठने वाले धुएं से पर्यावरण प्रदूषित होता है. आग से पैदा होने वाली जहरीली गैसों से मानव स्वास्थ्य को दमा, कैंसर, चर्म रोग जैसी बीमारियों का खतरा रहता है.

ये भी पढ़ें- CMHO ऑफिस में लगे नर्सिंग कर्मी पर ACB ने दर्ज किया मुकदमा, सीएमएचओ की भूमिका संदिग्ध

उन्होंने उपखण्ड क्षेत्र के सभी किसानों से अपील की है कि गेहूं व अन्य फसलों के अवशेषों को भूमि में ही जोत देना चाहिए. इससे खेतों में खाद की जरूरत कम पड़ेगी.

क्या है नियम?

राज्य सरकार के फसल अवशेष जलाने के नियमानुसार वायु प्रदुषण एवं रोकथाम अधिनियम 1981 की धारा 19 (5) के तहत गेंहू के नाड़ एवं अन्य फसलों के अवशेषों को आग लगाना कानूनी अपराध है. ऐसा करते पाए जाने पर सरकार जुर्माना और कानूनी कार्रवाई कर सकती है.

राज्य सरकार के नियमानुसार फसल अवशेष जलाने पर दो एकड़ भूमि के किसानों को 2500 रुपए. 5 एकड़ तक भूमि के किसानों को 5000 रुपए, 5 एकड़ से अधिक भूमि वाले किसानों को 15000 रुपए का जुर्माना वसूल किया जाता है.

अब तक कनवास उपखण्ड में कुल फसल अवशेष जलाने पर 12 व्यक्तियों से 30000 रुपए का जुर्माना वसूल किया जा चुका है.

कोटा. कनवास एसडीएम राजेश डागा ने खेत में फसल अवशेष जलाने पर कार्रवाई की है. एसडीएम राजेश डागा ने बताया कि राज्य सरकार के नियमानुसार गेंहू के फसल की नोलाइयों और अन्य फसलों के अवशेषों को आग लगाना कानूनी अपराध है. अवशेष जलाने से उठने वाले धुएं से पर्यावरण प्रदूषित होता है. आग से पैदा होने वाली जहरीली गैसों से मानव स्वास्थ्य को दमा, कैंसर, चर्म रोग जैसी बीमारियों का खतरा रहता है.

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उन्होंने उपखण्ड क्षेत्र के सभी किसानों से अपील की है कि गेहूं व अन्य फसलों के अवशेषों को भूमि में ही जोत देना चाहिए. इससे खेतों में खाद की जरूरत कम पड़ेगी.

क्या है नियम?

राज्य सरकार के फसल अवशेष जलाने के नियमानुसार वायु प्रदुषण एवं रोकथाम अधिनियम 1981 की धारा 19 (5) के तहत गेंहू के नाड़ एवं अन्य फसलों के अवशेषों को आग लगाना कानूनी अपराध है. ऐसा करते पाए जाने पर सरकार जुर्माना और कानूनी कार्रवाई कर सकती है.

राज्य सरकार के नियमानुसार फसल अवशेष जलाने पर दो एकड़ भूमि के किसानों को 2500 रुपए. 5 एकड़ तक भूमि के किसानों को 5000 रुपए, 5 एकड़ से अधिक भूमि वाले किसानों को 15000 रुपए का जुर्माना वसूल किया जाता है.

अब तक कनवास उपखण्ड में कुल फसल अवशेष जलाने पर 12 व्यक्तियों से 30000 रुपए का जुर्माना वसूल किया जा चुका है.

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