कोटा. राजस्थान में भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल का गठन शनिवार को हुआ है. इस मंत्रिमंडल में कोटा जिले के सांगोद सीट से विधायक हीरालाल नागर को राज्य मंत्री बनाया गया है. उन्हें स्वतंत्र प्रभार दिया गया है. नागर दूसरी बार विधायक बने हैं. लोक सभा स्पीकर ओम बिरला के काफी करीबियों में हीरालाल नागर की गिनती होती है.
इसके अलावा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से भी उनके अच्छे रिश्ते है. मूल रूप से बारां जिले के अटरू तहसील के अंताना निवासी हीरालाल नागर कोटा के सांगोद में रहते हैं. धाकड़ नागर कम्युनिटी से आने वाले हीरालाल ओबीसी वर्ग के कोटे से मंत्री बने हैं, उनकी पत्नी अरुणा ग्रहणी हैं, जबकि एक बेटी यशिता कोटा से ही स्कूलिंग कर रही है.
यह लिया था संकल्पः नागर ने चुनाव से पहले जनता के सामने कुछ संकल्प लिए थे. उनके पूरे होने तक हुए साफा और माला नहीं पहनेंगे. नागर की ओर से लिए गए संकल्प में हर घर जल, हर खेत में रास्ता, सिंचाई के लिए परवन का पानी पहुंचाना शामिल है.
रिकॉर्ड मतों से जीत कर विधायक बने हैं नागरः नागर ने सांगोद विधानसभा सीट से चौथा चुनाव लड़ा था. सबसे पहले साल 2008 में चुनाव लड़ा, तब कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह कुंदनपुर जीत गए थे. साल 2013 में हीरालाल नागर यहां से विधायक चुने गए थे. उनका मुकाबला भरत सिंह कुंदनपुर से ही हुआ था. वहीं, 2018 में भी दोनों के बीच मुकाबला हुआ, लेकिन 1869 वोटों से भरत सिंह कुंदनपुर एक बार फिर चुनाव जीत गए थे. इस चुनाव में चौथा मुकाबला था. इस बार भरत सिंह कुंदनपुर ने चुनाव नहीं लड़ा और उनकी जगह पर कांग्रेस ने भानु प्रताप सिंह को उतारा था. हीरालाल नागर ने भानुप्रताप सिंह को हराते हुए करीब 25623 वोटों से रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी.