कोटा. कोचिंग स्टूडेंट्स के आत्महत्या के मामलों को लेकर राज्य सरकार के निर्देश पर राज्य स्तरीय मनोचिकित्सकों की कमेटी कोटा आई है. इसी बीच हर मुद्दे पर पत्र लिखने वाले सांगोद के विधायक भरत सिंह ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र लिखा है. उन्होंने इसमें कहा है कि जिस कोचिंग संस्थान का बच्चा आत्महत्या करता है, उस पर भारी जुर्माना लगे. जुर्माने की राशि को मृतक छात्र के परिवार को दी जाए.
भरत सिंह ने लिखा कि कोचिंग इंडस्ट्री व्यवसाय बन गया है. करोड़ों रुपए की आमदनी इससे हो रही है. लेकिन विद्यार्थियों का हित इसमें नहीं देखा जा रहा है. भरत सिंह ने कहा है कि कोटा में कोचिंग के विस्तार को रोका जाए. जिस कोचिंग संस्थान का बच्चा आत्महत्या करता है, उस पर भारी जुर्माना लगे. यह राशि मृतक के परिवार को दी जाए. भरत सिंह ने यह भी मुद्दा उठाया है कि कोटा में डमी स्कूल संचालित होते हैं. यहां पर कोचिंग करने वाले विद्यार्थी स्कूलों में नहीं जाते, केवल कोचिंग ही पढ़ते हैं. जबकि उनकी पूरी अटेंडेंस स्कूलों में होती है.
उन्होंने अवैध हॉस्टलों में नियमों की पालना नहीं होने का आरोप लगाते हुए उन्हें बंद करने की सिफारिश की. उन्होंने यह सवाल भी उठाया है कि इन सब मुद्दों पर अमल कौन करेगा? इसके साथ ही भरत सिंह ने कहा कि आज रक्षाबंधन है, लेकिन कोटा व शहर में कुछ भाई-बहन कोचिंग करने आते है, लेकिन वापस नहीं जाते हैं. उनकी लाश वापस जाती है. वे तनाव से मुक्ति पाने के लिए मौत को गले लगाते हैं.
बच्चों को पढ़ाने अधिकारी करवाते हैं पोस्टिंग: भरत सिंह ने कहा कि देश में कोचिंग की सबसे बड़ी मंडी कोटा ही है. इस मंडी में करोड़ों का कारोबार प्रतिवर्ष होता है. इस मंडी का लाभ सभी प्राप्त कर रहे हैं. हॉस्टल व मैस शहर में चालू है. नियम-कायदों को ताक में रखकर इस धंधे में सभी शेयर होल्डर चांदी कूट रहे हैं. अधिकारी इस शहर में बच्चों को पढ़ाने के हिसाब से अपनी पोस्टिंग कोटा में करवाते हैं.