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कोटा शहर में निकली साईं बाबा की पालकी

कोटा के टिप्टा स्थित साईं बाबा मंदिर से गुरु पूर्णिमा पर हर वर्ष की तरह इस बार भी साईं बाबा की पालकी निकली. जो मंदिर से शुरू होकर शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए वापस मंदिर प्रांगण में पहुंची. जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया. पालकी के साथ साईं की विभिन झांकिया भी चल रही थी.

कोटा शहर में निकली साईं बाबा की पालकी
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Published : Jul 18, 2019, 7:05 AM IST

कोटा. शहर में टिप्टा स्थित साईं बाबा मंदिर से गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हर वर्ष की तरह इस बार भी साईं बाबा की पालकी निकली. जिसमें हजारों श्रद्धालु उमड़े. शाम 5 बजे मंदिर से प्रारंभ होकर पालकी कैथूनीपोल, श्रीपुरा, सब्जीमंडी से गुमानपुरा होते हुए वापस मंदिर प्रांगण पहुंची. इस दौरान पालकी के आगे हजारों श्रद्धालु नाचते गाते चल रहे थे. वहीं पालकी के साथ झांकिया व ढोल नगाड़ों की थाप पर डांडियों की खड़खड़ाहट के साथ युवक-युवतियां परम्परागत वेश भूषा में चले. पालकी के रास्ते में दर्शनार्थियों को प्रसाद का वितरण किया गया.

कोटा शहर में निकली साईं बाबा की पालकी

मंदिर संचालक शिशु पंचोली ने बताया कि 2005 से हर वर्ष गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर चांदी की पालकी में साईं बाबा की प्रतिमा विराजित कर पालकी नगर भ्रमण को निकलती है. इस दौरान बाबा के सबका मालिक एक संदेश का बैनर लेकर लोग चलते है. लोगों के सहयोग से विशाल आयोजन सफल होता है. साईं भक्त ओम प्रकाश ने बताया कि जब से साई बाबा की पालकी की शुरुआत हुई है, तब से आज तक पालकी का स्वरूप बढ़ता जा रहा है. जो करीब एक किलोमीटर तक चलता है.

कोटा. शहर में टिप्टा स्थित साईं बाबा मंदिर से गुरु पूर्णिमा के अवसर पर हर वर्ष की तरह इस बार भी साईं बाबा की पालकी निकली. जिसमें हजारों श्रद्धालु उमड़े. शाम 5 बजे मंदिर से प्रारंभ होकर पालकी कैथूनीपोल, श्रीपुरा, सब्जीमंडी से गुमानपुरा होते हुए वापस मंदिर प्रांगण पहुंची. इस दौरान पालकी के आगे हजारों श्रद्धालु नाचते गाते चल रहे थे. वहीं पालकी के साथ झांकिया व ढोल नगाड़ों की थाप पर डांडियों की खड़खड़ाहट के साथ युवक-युवतियां परम्परागत वेश भूषा में चले. पालकी के रास्ते में दर्शनार्थियों को प्रसाद का वितरण किया गया.

कोटा शहर में निकली साईं बाबा की पालकी

मंदिर संचालक शिशु पंचोली ने बताया कि 2005 से हर वर्ष गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर चांदी की पालकी में साईं बाबा की प्रतिमा विराजित कर पालकी नगर भ्रमण को निकलती है. इस दौरान बाबा के सबका मालिक एक संदेश का बैनर लेकर लोग चलते है. लोगों के सहयोग से विशाल आयोजन सफल होता है. साईं भक्त ओम प्रकाश ने बताया कि जब से साई बाबा की पालकी की शुरुआत हुई है, तब से आज तक पालकी का स्वरूप बढ़ता जा रहा है. जो करीब एक किलोमीटर तक चलता है.

Intro:साई बाबा की पालकी में उमड़े लोग।
कोटा शहर के टिप्टा स्थित साईं बाबा मंदिर से गुरु पूर्णिमा पर हर वर्ष साईं बाबा की पालकी निकली जाती है इसमें सभी धर्मों के हजारो श्रद्धालु हिस्सा लेते है।यह पालकी 2005 साई बाबा मंदिर से शुरू हो कर शहर के मुख्य मार्गो से होती हुई वापीस मंदिर प्रांगण में पहुंची ।पूरे रास्ते पालकी का लोगो ने भव्य स्वागत किया गया।वही पालकी के साथ साई की विभिन झांकिया साथ चल रही थी।वही पालकी का मंदिर प्रवेश के बाद महाआरती के बाद प्रशाद वितरण किया।
Body:कोटा शहर में टिप्टा स्थित साईं बाबा मंदिर से गुरु पूर्णिमा के अवसर हर वर्ष की भांति इस बार भी साई बाबा की पालकी में हजारों श्रद्धालु उमड़े।वही पालकी टिप्टा से शाम5 बजे प्रारम्भ हो कर कैथूनीपोल, श्रीपुरा,सब्जीमंडी, से गुमानपुरा होती हुई वापस मंदिर प्रांगण पहुँची वही पालकी में हजारो श्रद्धालु नाचते गाते चल रहे थे वही पालकी करीब एक किलोमीटर तक झांकिया व ढोल नगाड़ों की थाप पर डंडियों की खड़खड़ाहट के साथ युवक युवतियां परम्परागत वेश भूषा में चले।वहीमार्ग में दर्शनार्थियों को प्रशाद वितरण किया जा रहा था बेंड की धुन पर हजारो श्रद्धालु झूमते नाचते चल रहे थे।वही मंदिर संचालक शिशु पंचोली ने बताया कि इस पालकी का आयोजन2005 से गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व परचांदी की पालकी में साई बाबा की प्रतिमा विराजित पालकी नगर भ्रमण को निकलती है।बाबा का जो सन्देश सबका मालिक एक के बैनर ले कर लोग चलते है।वही मंदिर के कार्येक्रताओ द्वारा उनके सहयोग से यह विशाल आयोजन सफल होता है। विशाल आयोजन किया जाता है।वही साई भक्त ओम प्रकाश ने बताया कि जब से साई बाबा की पालकी की शुरुवात हुई है तब से आज तक पालकी का स्वरूप बढ़ता जा रहा है।वही इसमे पांच झांकिया डांडिया करते हुए लोग चलते हुए वही पालकी का स्वरूप करीब एक किलोमीटर तक चलता है।
Conclusion:साई बाबा की पालकी मे हजारो श्रद्धालु साई भजनों पर झूमते नाचते चलते है वही पालकी को देखने के लिए शहरभर से लाखों लोग देखने का आनंद लेते है। पालकी के मंदिर प्रांगण में पहुंचे के बाद महाआरती की जाती जे उसके पश्चात प्रशाद वितरण किया जाता है।
बाईट-शिशू पांचाल, मंदिर संचालक
बाईट-ओम प्रकाश, साई भक्त
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