कोटा. प्रदेश में इन दिनों मेडिकल कॉलेज अस्पतालों की अव्यवस्थाओं को लेकर नित नए समाचार देखने को मिल रहे हैं. वहीं कहीं पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड में कुत्ते पलंग पर बैठे हैं तो कहीं वार्डों में चूहे आंख मिचौली का खेल खेलते साफ नजर आ जाते हैं. इस पर सरकार के सवेंदनशील नहीं होने से संक्रमण का खतरा बना रहता है.
जिले के भी अस्पतालों में चूहों की काफी संख्या है. न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ट्रॉमा वार्ड जंहा इमरजेंसी मरीजों को भर्ती किया जाता है. वंहा पिंजरा लगाकर चूहे पकड़ने का काम किया गया. मंगलवार को वार्ड से पिंजरे में करीब 5 से सात बड़े चूहे पकड़े गए. जिन्हें अस्पताल परिसर से बाहर आकर खुले जंगल में छोड़ा गया.
अस्पताल में अक्सर देखने में आता है कि अस्पताल के गलियारे में तीमारदारों के परिजन खाना खाते हैं. वहीं, बचा जूठन और गंदगी कूड़ेदान में फेंक देते हैं. जिसकी वजह से अस्पताल के आस-पास चूहों का संकट गहरा जा रहा है. उस बचे हुए भोजन में मुंह मारते हुए वार्ड तक सीधे जा पहुंचते हैं. जिससे संक्रमण का खतरा पैदा होता है.
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अस्पताल प्रशासन के साथ-साथ तीमारदारों के परिजनों को भी चाहिए कि अस्पताल में गंदगी ना फैलाएं जिससे इस तरह की अव्यवस्था ना फैले. जब इस बारे में अस्पताल अधीक्षक से बात करनी चाही तो उन्होंने छुट्टी होने का हवाला देकर टाल दिया.