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रामगंजमंडी में क्वालिटी व दाम के दम पर पहुंच रहा धनिया, देश में बढ़े उत्पादन से किसानों को मुनाफा कम

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Published : Mar 15, 2023, 9:23 PM IST

Updated : Mar 16, 2023, 10:33 PM IST

रामगंजमंडी के धनिया मंडी में इस बार धनिया की आवक बढ़ने वाली (Coriander market of Ramganjmandi) है. दो गुना धनिया उत्पादित होने के कारण इस बार किसानों को 40 फीसदी कम दाम मिल रहा है.

Coriander market of Ramganjmandi
रामगंजमंडी की धनिया मंडी
रामगंजमंडी की धनिया मंडी में आवक बढ़ी

कोटा. रामगंजमंडी की धनिया मंडी को एशिया की सबसे बड़ी मंडी माना जाता है. यहां पर सबसे उच्च क्वालिटी का माल पहुंचता है. पूरे देश भर से यहां पर काफी संख्या में खरीददार आते हैं. वर्तमान में धनिया का सीजन चल रहा है. ऐसे में करीब 20,000 बोरी धनिया रोज मंडी में पहुंच रही है. यह आवक लगातार बढ़ने वाली है.

एक बोरी में करीब 40 किलो के आसपास धनिया होता है. आवक बढ़ने के बाद 30 से 35 हजार बोरी प्रतिदिन आएगी. धनिये का सीजन मार्च में ही शुरू हो जाता है, हालांकि इस साल धनिया थोड़ी देरी से आया है. ऐसे में बीते 1 सप्ताह से ही धनिया की अच्छी खासी आवक शुरू हुई है. बीते साल से इस बार करीब दो गुना धनिया उत्पादित हुआ है. ऐसे में किसानों को बीते साल से करीब 40 फीसदी कम दाम मिल रहे हैं.

पढ़ें. चना और सरसों की खरीद 1 अप्रैल होगी शरू, 25 मार्च से किसान करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन

महक व रंग के जादू के चलते देशभर से पहुंचते हैं खरीददार : रामगंज मंडी कृषि उपज मंडी के सचिव दिवाकर दाधीच का कहना है कि हाड़ौती और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में अच्छी मिट्टी है. इसकी उपजाऊ क्षमता काफी अच्छी है. ऐसे में यहां पर जो धनिया उत्पादित होता है, वह काफी उच्च क्वालिटी का होता है. इसकी खुशबू काफी ज्यादा होती है. इस खुशबू के चलते ही किसानों को ज्यादा दाम मिलते हैं. इसका फायदा रामगंजमंडी की इस कृषि उपज मंडी को मिल रहा है.

Report of import and average in Five years
बीते 5 सालों में आवक और औसत दर

उन्होंने कहा कि यह विशिष्ट धनिया मंडी के रूप में भी जानी जाती है. इसके चलते यहां पर रोज हजारों बोरी माल बिकने के लिए पहुंचती है. देश के बड़े मसाला कंपनियों से खरीददार भी पहुंचते हैं. बड़ी मसाला कंपनियों ने अपने कार्मिक यहां पर रखे हुए हैं या फिर वह एजेंट के जरिए यहां से धनिया खरीदते हैं. इसके चलते किसानों को काफी अच्छे दाम मिल जाते हैं.

कम हो गए 40 फीसदी दाम : रामगंजमंडी की धनिया मंडी में बीते 5 सालों की बात की जाए तो साल 2021 में सर्वाधिक 951711 क्विंटल धनिया पहुंचा था. इसके बाद यह धनिया 2019 में 842797 क्विंटल था. जबकि बीते साल धनिया की फसल काफी कम थी. इसके चलते दाम भी काफी अच्छे हो गए थे. महज 438185 क्विंटल माल ही मंडियों में बिकने पहुंचा था, लेकिन बीते साल औसत दाम ही 10425 रुपए प्रति क्विंटल था.

पढ़ें. Mustard mandi Price: सरसों की नई फसल की आवक हुई शुरू, ये हैं मंडी भाव

मंडी सचिव दिवाकर दाधीच के अनुसार इस बार औसत दाम 5500 के आसपास है. जबकि अच्छी क्वालिटी के रंगदार और खुशबूदार धनिया के दाम 10,000 से ज्यादा है. रामगंजमंडी में धनिया की ट्रेड से जुड़े चिराग पटेल के अनुसार बीते साल एक्सपोर्ट क्वालिटी माल की कीमत 130 से 140 रुपए किलो के आसपास थी. अब रंगदार और काफी खुशबू वाले इस धनिया के दाम 70 से 75 रुपए किलो के आसपास हैं.

देश की खपत से ज्यादा माल उत्पादित : चिराग पटेल के अनुसार बीते साल पूरे भारत में 90 लाख से एक करोड़ बोरी धनिया का उत्पादन हुआ था. साथ ही 2021 का स्टॉककैरी फॉरवर्ड होकर करीब 50 हजार बोरी आया था. भारत में करीब सवा लाख बोरी धनिया की खपत हर साल होती है. इसीलिए ज्यादा माल नहीं स्टॉक किया गया. इस साल ज्यादा माल का उत्पादन हुआ है. एमपी, राजस्थान और गुजरात में ही 1 करोड़ 70 लाख बोरी से ज्यादा उत्पादन है. इसी के चलते इस बार दाम काफी कम हैं.

Coriander quality of Ramganjmandi
रंग और खुशबू है इसकी पहचान

बीते साल से 2 गुना धनिया हुआ है उत्पादित : धनिया उत्पादन में मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान ही पूरे देश में अग्रणी राज्य हैं. इन्हीं के उत्पादन पर देश भर में भाव कम ज्यादा होते हैं. इस साल 2023 में गुजरात में 65 से 70 लाख बोरी धनिया का उत्पादन हुआ है. इसी तरह से मध्यप्रदेश में 65 से 70 लाख बोरी और राजस्थान में 20 से 22 लाख बोरी धनिया किसानों ने उगाया है. ऐसे में धनिया उत्पादक अग्रणी राज्यों में करीब 160 से 170 लाख बोरी का उत्पादन हुआ है. जबकि गैर धनिया उत्पादक राज्यों में बीते साल के बराबर 25 हजार बोरी का उत्पादन हुआ है. इनमें छत्तीसगढ़, असम, आंध्र प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र शामिल हैं. कुल मिलाकर इस बार करीब 2 करोड़ बोरी के आसपास उत्पादन हुआ है. जबकि बीते साल में यह एक करोड़ बोरी के आसपास था.

पढ़ें. राजस्थानः हिमालय की वादियों में लहलहाएगी भरतपुर की 'रुक्मणि', पैदावार के साथ तेल की मात्रा भी भरपूर

स्टॉकिस्ट और प्रोसेसिंग इंडस्ट्री भी उठाएगी फायदा : बीते साल 2021 का कैरी फॉरवर्ड माल 50 हजार बोरी था. साथ ही भारत में सवा लाख बोरी की खपत हुई और उत्पादन सवा करोड़ बोरी था. इसमें बचा हुआ शेष करीब 20 से 25 हजार बोरी ही इस साल 2023 में कैरी फॉरवर्ड हुआ है. हालांकि उत्पादन ज्यादा होने से दाम कम रहेंगे. इससे स्टॉकिस्ट भी ज्यादा माल अपने पास स्टॉक करेंगे. इसके साथ ही दाम कम होने के चलते मसाला प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज भी इसमें पार्टिसिपेट करेगी और माल को स्टॉक करेगी.

इस साल इंपोर्ट की जगह एक्सपोर्ट की उम्मीद : चिराग पटेल के अनुसार इस बार दाम कम होने के चलते एक्सपोर्ट भी होगा. इनमें गल्फ कंट्री, सिंगापुर, यूरोप, यूएसए, अफ्रीकन कंट्रीज में धनिया जाएगा. यह करीब 8 से 10 लाख बोरी के आसपास होगा. जबकि चाइना भी इस बार धनिया भारत से इंपोर्ट कर रहा है. वहीं बीते सालों में भारत में ज्यादा दाम होने के चलते कई मसाला कंपनियों ने बाहर से आयात भी किया था.

जानिए कुछ फैक्ट्स :
1. बीते साल रामगंज मंडी के धनिया मंडी में रंगदार और खुशबूदार धनिया के भाव थे 130 से 140 रुपए किलो थे.
2. इस साल फसल का उत्पादन ज्यादा होने से दाम नीचे गिरकर 70 से 75 रुपए किलो के आसपास पहुंच गए हैं.
3. बीते साल 2022 देशभर में एक करोड़ बोरी के आसपास धनिया उत्पादित हुआ था.
4. इस बार 2023 में धनिया उत्पादक अग्रणी राज्यों राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश में हुआ है दुगना उत्पादन.
5. दाम कम होने के चलते इस बार सिंगापुर, यूरोप, यूएसए, चाइना, अफ्रीकन और गल्फ कंट्रीज में हो सकता है 8 से 10 हजार बोरी का निर्यात.
6. बीते साल 2023 में भारत में दाम ज्यादा होने के चलते कई देशों से आयात किया गया था 15 लाख बोरी धनिया.

रामगंजमंडी की धनिया मंडी में आवक बढ़ी

कोटा. रामगंजमंडी की धनिया मंडी को एशिया की सबसे बड़ी मंडी माना जाता है. यहां पर सबसे उच्च क्वालिटी का माल पहुंचता है. पूरे देश भर से यहां पर काफी संख्या में खरीददार आते हैं. वर्तमान में धनिया का सीजन चल रहा है. ऐसे में करीब 20,000 बोरी धनिया रोज मंडी में पहुंच रही है. यह आवक लगातार बढ़ने वाली है.

एक बोरी में करीब 40 किलो के आसपास धनिया होता है. आवक बढ़ने के बाद 30 से 35 हजार बोरी प्रतिदिन आएगी. धनिये का सीजन मार्च में ही शुरू हो जाता है, हालांकि इस साल धनिया थोड़ी देरी से आया है. ऐसे में बीते 1 सप्ताह से ही धनिया की अच्छी खासी आवक शुरू हुई है. बीते साल से इस बार करीब दो गुना धनिया उत्पादित हुआ है. ऐसे में किसानों को बीते साल से करीब 40 फीसदी कम दाम मिल रहे हैं.

पढ़ें. चना और सरसों की खरीद 1 अप्रैल होगी शरू, 25 मार्च से किसान करा सकेंगे रजिस्ट्रेशन

महक व रंग के जादू के चलते देशभर से पहुंचते हैं खरीददार : रामगंज मंडी कृषि उपज मंडी के सचिव दिवाकर दाधीच का कहना है कि हाड़ौती और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में अच्छी मिट्टी है. इसकी उपजाऊ क्षमता काफी अच्छी है. ऐसे में यहां पर जो धनिया उत्पादित होता है, वह काफी उच्च क्वालिटी का होता है. इसकी खुशबू काफी ज्यादा होती है. इस खुशबू के चलते ही किसानों को ज्यादा दाम मिलते हैं. इसका फायदा रामगंजमंडी की इस कृषि उपज मंडी को मिल रहा है.

Report of import and average in Five years
बीते 5 सालों में आवक और औसत दर

उन्होंने कहा कि यह विशिष्ट धनिया मंडी के रूप में भी जानी जाती है. इसके चलते यहां पर रोज हजारों बोरी माल बिकने के लिए पहुंचती है. देश के बड़े मसाला कंपनियों से खरीददार भी पहुंचते हैं. बड़ी मसाला कंपनियों ने अपने कार्मिक यहां पर रखे हुए हैं या फिर वह एजेंट के जरिए यहां से धनिया खरीदते हैं. इसके चलते किसानों को काफी अच्छे दाम मिल जाते हैं.

कम हो गए 40 फीसदी दाम : रामगंजमंडी की धनिया मंडी में बीते 5 सालों की बात की जाए तो साल 2021 में सर्वाधिक 951711 क्विंटल धनिया पहुंचा था. इसके बाद यह धनिया 2019 में 842797 क्विंटल था. जबकि बीते साल धनिया की फसल काफी कम थी. इसके चलते दाम भी काफी अच्छे हो गए थे. महज 438185 क्विंटल माल ही मंडियों में बिकने पहुंचा था, लेकिन बीते साल औसत दाम ही 10425 रुपए प्रति क्विंटल था.

पढ़ें. Mustard mandi Price: सरसों की नई फसल की आवक हुई शुरू, ये हैं मंडी भाव

मंडी सचिव दिवाकर दाधीच के अनुसार इस बार औसत दाम 5500 के आसपास है. जबकि अच्छी क्वालिटी के रंगदार और खुशबूदार धनिया के दाम 10,000 से ज्यादा है. रामगंजमंडी में धनिया की ट्रेड से जुड़े चिराग पटेल के अनुसार बीते साल एक्सपोर्ट क्वालिटी माल की कीमत 130 से 140 रुपए किलो के आसपास थी. अब रंगदार और काफी खुशबू वाले इस धनिया के दाम 70 से 75 रुपए किलो के आसपास हैं.

देश की खपत से ज्यादा माल उत्पादित : चिराग पटेल के अनुसार बीते साल पूरे भारत में 90 लाख से एक करोड़ बोरी धनिया का उत्पादन हुआ था. साथ ही 2021 का स्टॉककैरी फॉरवर्ड होकर करीब 50 हजार बोरी आया था. भारत में करीब सवा लाख बोरी धनिया की खपत हर साल होती है. इसीलिए ज्यादा माल नहीं स्टॉक किया गया. इस साल ज्यादा माल का उत्पादन हुआ है. एमपी, राजस्थान और गुजरात में ही 1 करोड़ 70 लाख बोरी से ज्यादा उत्पादन है. इसी के चलते इस बार दाम काफी कम हैं.

Coriander quality of Ramganjmandi
रंग और खुशबू है इसकी पहचान

बीते साल से 2 गुना धनिया हुआ है उत्पादित : धनिया उत्पादन में मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान ही पूरे देश में अग्रणी राज्य हैं. इन्हीं के उत्पादन पर देश भर में भाव कम ज्यादा होते हैं. इस साल 2023 में गुजरात में 65 से 70 लाख बोरी धनिया का उत्पादन हुआ है. इसी तरह से मध्यप्रदेश में 65 से 70 लाख बोरी और राजस्थान में 20 से 22 लाख बोरी धनिया किसानों ने उगाया है. ऐसे में धनिया उत्पादक अग्रणी राज्यों में करीब 160 से 170 लाख बोरी का उत्पादन हुआ है. जबकि गैर धनिया उत्पादक राज्यों में बीते साल के बराबर 25 हजार बोरी का उत्पादन हुआ है. इनमें छत्तीसगढ़, असम, आंध्र प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र शामिल हैं. कुल मिलाकर इस बार करीब 2 करोड़ बोरी के आसपास उत्पादन हुआ है. जबकि बीते साल में यह एक करोड़ बोरी के आसपास था.

पढ़ें. राजस्थानः हिमालय की वादियों में लहलहाएगी भरतपुर की 'रुक्मणि', पैदावार के साथ तेल की मात्रा भी भरपूर

स्टॉकिस्ट और प्रोसेसिंग इंडस्ट्री भी उठाएगी फायदा : बीते साल 2021 का कैरी फॉरवर्ड माल 50 हजार बोरी था. साथ ही भारत में सवा लाख बोरी की खपत हुई और उत्पादन सवा करोड़ बोरी था. इसमें बचा हुआ शेष करीब 20 से 25 हजार बोरी ही इस साल 2023 में कैरी फॉरवर्ड हुआ है. हालांकि उत्पादन ज्यादा होने से दाम कम रहेंगे. इससे स्टॉकिस्ट भी ज्यादा माल अपने पास स्टॉक करेंगे. इसके साथ ही दाम कम होने के चलते मसाला प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज भी इसमें पार्टिसिपेट करेगी और माल को स्टॉक करेगी.

इस साल इंपोर्ट की जगह एक्सपोर्ट की उम्मीद : चिराग पटेल के अनुसार इस बार दाम कम होने के चलते एक्सपोर्ट भी होगा. इनमें गल्फ कंट्री, सिंगापुर, यूरोप, यूएसए, अफ्रीकन कंट्रीज में धनिया जाएगा. यह करीब 8 से 10 लाख बोरी के आसपास होगा. जबकि चाइना भी इस बार धनिया भारत से इंपोर्ट कर रहा है. वहीं बीते सालों में भारत में ज्यादा दाम होने के चलते कई मसाला कंपनियों ने बाहर से आयात भी किया था.

जानिए कुछ फैक्ट्स :
1. बीते साल रामगंज मंडी के धनिया मंडी में रंगदार और खुशबूदार धनिया के भाव थे 130 से 140 रुपए किलो थे.
2. इस साल फसल का उत्पादन ज्यादा होने से दाम नीचे गिरकर 70 से 75 रुपए किलो के आसपास पहुंच गए हैं.
3. बीते साल 2022 देशभर में एक करोड़ बोरी के आसपास धनिया उत्पादित हुआ था.
4. इस बार 2023 में धनिया उत्पादक अग्रणी राज्यों राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश में हुआ है दुगना उत्पादन.
5. दाम कम होने के चलते इस बार सिंगापुर, यूरोप, यूएसए, चाइना, अफ्रीकन और गल्फ कंट्रीज में हो सकता है 8 से 10 हजार बोरी का निर्यात.
6. बीते साल 2023 में भारत में दाम ज्यादा होने के चलते कई देशों से आयात किया गया था 15 लाख बोरी धनिया.

Last Updated : Mar 16, 2023, 10:33 PM IST
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