कोटा. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में इलेक्ट्रॉनिक्स डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार की ओर से छात्रा को पास करने के एवज में अस्मत मांगने का मामला (Rajasthan Professor sex Demand case) सामने आया था. इस मामले में एसोसिएट प्रोफेसर के खिलाफ दादाबाड़ी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था. जिस पर एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार और मामले में उनका सहयोग करने वाले एक बिचौलिए छात्र अर्पित अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया. गुरुवार को आरोपी प्रोफेसर को न्यायालय में पेश करने के लिए ले जाते समय एक एडवोकेट ने थप्पड़ जड़ दिया. आक्रोशित वकीलों के चलते न्यायालय में काफी देर तक आरोपियों को पुलिस ने बैठाए रखा. जिसके बाद भारी पुलिस जाप्ता भी बुलाया गया. हालांकि आक्रोशित वकीलों की संख्या बढ़ गई और वापसी में जाते समय भी वकीलों ने हाथापाई की है.
एसोसिएट प्रोफेसर गिरीश परमार और आरोपी छात्र अर्पित अग्रवाल को भारी पुलिस सुरक्षा में न्यायालय में पेश किया गया, लेकिन पहले से ही कुछ एडवोकेट आक्रोशित थे. जिनमें कोटा बार के पूर्व उपाध्यक्ष सतीश सक्सेना ने भारी पुलिस सुरक्षा को धता बताते हुए परमार के एक चांटा मार दिया. हालांकि वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने बाद में उन्हें रोक लिया. इसके बाद भी कुछ एडवोकेट परमार के पीछे भागे थे. लेकिन पुलिस कार्मिक उसे तुरंत न्यायालय में पेश करने के लिए ले गए, जहां से उसे 25 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है. इस संबंध में एडवोकेट सुबह से ही मुखर होकर घटना का विरोध जता रहे थे.
एडवोकेट राजेश अड़सेला सहित कई इस घटना पर आक्रोशित थे. इससे पहले गिरीश परमार को बर्खास्त करने की मांग को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के छात्र वीसी सचिवालय के बाहर धरने (Protest in Rajasthan Technical University) पर बैठ गए. इनको संबोधित करने के लिए कोटा दक्षिण के विधायक संदीप शर्मा भी पहुंचे. इस दौरान पुलिस से भी कई बार छात्रों और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का टकराव हुआ है. आपस में पुलिस अधिकारी और नेता उलझ गए.
कुलपति पर जूते से हमलाः अन्य पुलिसकर्मियों ने बीच-बचाव कर नेताओं को दूर हटाया है. इस दौरान पुलिस के खिलाफ भी नारे लगाए गए. साथ ही वे वाइस चांसलर एसके सिंह से मिलने की मांग पर अड़ गए. इसके बाद जब वाइस चांसलर एसके सिंह बाहर छात्रों से मिलने आए तो इसी दौरान एक छात्र ने उन पर जूते से हमला कर दिया. पुलिस ने एक छात्र को गिरफ्तार कर लिया है. इसके बाद मौके पर हंगामा लगातार जारी है.
राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी लिया प्रसंज्ञानः आरटीयू के मसले पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया है. इस संबंध में शुक्रवार को जांच दल कोटा पहुंचेगा. जांच दल राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय का निरीक्षण करेगा. इसके अलावा पुलिस और प्रशासन से भी पूरे प्रकरण की जानकारी लेगा.
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अन्य फैकल्टी छात्र-छात्राओं की संलिप्तता की भी होगी जांचः अन्य छात्र छात्राओं के फैकल्टी के इस प्रकरण में जुड़े होने के मामले की भी जांच की जाएगी. इस संबंध में एसपी केसर सिंह शेखावत ने बताया कि अनुसंधान चल रहा है और किसी का भी उल्लेख आएगा तो, इस संबंध में भी साक्ष्य संकलित किए जाएंगे. इसकी जांच एडिशनल एसपी उमा शर्मा के नेतृत्व में गठित टीम कर रही है. जिसका अनुसंधान पुलिस उप अधीक्षक अमर सिंह राठौड़ को सौंपा गया. उन्होंने बताया कि साइबर टीम को भी लगाया गया है, हर पहलू की जांच करके और अंतिम तह तक जाएंगे, पहले भी इस तरह की घटनाएं हुई हैं, उसको भी जांच का जोड़ा जाएगा.
एसपी बोले इतिहास को कलंकित कियाः एसपी शेखावत ने कहा कि राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय की सुचिता को बहाल करने और जिस तरह कलंकित इतिहास एसोसिएट प्रोफेसर द्वारा लिखा गया है. ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं हो इसका समुचित उपाय करने के लिए प्रत्येक छात्र से अपील की है कि अगर उनके साथ किसी भी रुप में ज्यादती हुई है, तो उसको दबाएं नहीं और खुले मन से पुलिस के पास आकर अपनी रिपोर्ट व साक्ष्य पेश करें. उन्होंने कहा कि पुलिस कप्तान की ओर से 'मैं उनको विश्वास दिलाता हूं कि उनकी निजता को किसी भी रूप में भंग नहीं किया जाएगा'.
यूनिवर्सिटी को छात्राओं ने पहले शिकायत नहीं दीः उधर, आरटीयू के वीसी एसके सिंह का कहना है कि स्टूडेंट अर्पित अग्रवाल को भी सस्पेंड कर दिया है. उन्होंने कहा कि कुछ छात्राओं को बुलाकर बातचीत की थी. जिसमें छात्राओं ने इस तरह की शिकायत होने की पुष्टि की है. इन सभी छात्राओं को हमने विश्वास दिलाया है कि त्वरित और न्याय संगत कार्रवाई होगी. साथ इस तरह की पुनरावृति नहीं हो, इसके लिए कठोरतम निर्णय लेंगे. उन्होंने कहा कि यह भी शर्मनाक है कि छात्राओं ने यूनिवर्सिटी की वुमन सेल को इन्फॉर्म नहीं किया. वीसी ने कहा कि जिन बच्चों की लगातार बैक आने की शिकायतें हैं, उनके लिए विशेष परीक्षा सत्र आयोजित कर ली जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि सस्पेंशन की प्रक्रिया है. जिसके तहत ही हमने आदेश दिया है. स्टूडेंट्स बर्खास्तगी की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार में एक प्रक्रिया है, उसके तहत हम कार्रवाई कर रहे हैं. ऐसे में कठोरतम और निष्पक्ष कार्रवाई होगी.
इतना बड़ा कांड कर दिया, छोटे-मोटे तो किए ही होंगेः पेपर लीक करने और विश्वविद्यालय की इंटीग्रिटी को नुकसान पहुंचाने के सवाल पर वीसी सिंह का कहना है कि गिरीश परमार ने छात्राओं को परेशान करने का इतना बड़ा कांड कर दिया. ऐसे में छोटे-मोटे कांड किए ही होंगे, पेपर देते थे या नहीं, उस समय कोई शिकायत नहीं आई है. अब दो 4 महीने बाद अगर शिकायत कर रहे हैं, इसकी भी जांच की जाएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि मैं विश्वास दिलाता हूं कि आगे से इस तरह का कुछ भी विश्वविद्यालय में नहीं होगा.
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क्या है पूरा मामलाः आरोपी गिरीश परमार छात्राओं को अपने चंगुल में फंसाने के लिए कई तरह की ट्रिक अपनाता था. यह खुद ही एक फर्जी पेपर बनाकर बच्चों के बीच सर्कुलेट करवा देता (Rajasthan Technical University) था. जिसमें पूरा प्रश्नपत्र हूबहू आने की जानकारी देता था, लेकिन बाद में ऐसा होता नहीं था और अधिकांश विद्यार्थी पूरा प्रश्नपत्र करने से चूक जाते थे. जिसके चलते उनके अच्छे नंबर भी नहीं आ पाते थे तो कई विद्यार्थी फेल तक हो जाते थे. जिसका फायदा उठाकर आरोपी छात्राओं को परीक्षा में पास कराने की एवज में अस्मत की मांग करता था.