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Rajasthan assembly Election 2023 : पूर्व विधायक राजावत ने की नामांकन दाखिल करने की घोषणा, बोले- MLA कल्पना से कार्यकर्ता हताश - Rajasthan Hindi news

पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने कोटा की लाडपुरा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. उन्होंने कहा कि वो 1 नवंबर को नामांकन दाखिल करेंगे.

EX MLA Bhawani Singh Rajawat
पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 29, 2023, 10:46 PM IST

पूर्व विधायक राजावत ने की नामांकन दाखिल करने की घोषणा

कोटा. विधानसभा चुनाव को लेकर सोमवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इसके पहले कोटा के लाडपुरा सीट से तीन बार विधायक रहे भवानी सिंह राजावत ने भी कमर कस ली है और उन्होंने 1 नवंबर को नामांकन दाखिल करने की घोषणा की है. हालांकि, राजावत यह नामांकन भाजपा की तरफ से दाखिल करने वाले हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने कोटा की लाडपुरा सीट से प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है.

वहीं, भवानी सिंह राजावत ने रविवार को अपने कार्यकर्ताओं को एकत्रित किया और 1 नवंबर को नामांकन रैली की घोषणा की. इस मीटिंग में उन्होंने कार्यकर्ताओं को टारगेट भी सौंप दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि सभी लोग अपनी बसों की संख्या और उसमें आने वाले कार्यकर्ताओं की संख्या नामांकन रैली के लिए बताएंगे. इस दौरान उन्होंने तंज कसके हुए कहा कि वो राजनीति जीवन में कुछ भी नहीं कर पाए, लेकिन उनके इर्द-गिर्द और साथ रहे लोग करोड़पति-अरबपति हो गए.

पढ़ें. Rajasthan Assembly Election 2023 : BSP की चौथी लिस्ट जारी, 5 और उम्मीदवारों को मैदान में उतारा, कुल 49 प्रत्याशी घोषित

कल्पना देवी पर साधा निशाना : पूर्व विधायक राजावत ने कार्यकर्ताओं से यह भी कहा है कि वो सर्वे में आगे चल रहे हैं और आलाकमान उन पर भरोसा जताने वाला है. वर्तमान विधायक कल्पना देवी की कार्यशैली से कार्यकर्ता हताश और निराश हैं, इसीलिए आशा भरी निगाहों से जनता उनकी तरफ देख रही है. राजावत ने कहा कि उन्होंने जनता के साथ काफी संघर्ष किया है. पार्टी के लिए उन्होंने कई पदयात्राएं की हैं. बीते 2 साल में 20 मुकदमे और 12 दिन जेल में भी रहे हैं. बता दें कि पिछली बार साल 2018 में लाडपूरा सीट से कल्पना देवी को भाजपा ने टिकट दिया था और वे जीतकर विधायक भी बनीं थीं, जबकि साल 2003, 2008 और 2013 में लगातार तीन बार विधायक रहे भवानी सिंह राजावत का टिकट काट दिया गया था.

वसुंधरा के समझाने पर लिया था वापस नामांकन : भारतीय जनता पार्टी ने साल 2018 में भवानी सिंह राजावत को टिकट नहीं दिया था. इसके बावजूद उन्होंने निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया था और चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी थी. उन्होंने कार्यकर्ताओं को एकजुट करना भी शुरू किया था, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की समझाइश के बाद उन्होंने अपना नामांकन वापस लिया था. बाद में कल्पना देवी को समर्थन भी दिया था. हालांकि, इसके बाद से ही पूर्व विधायक राजावत नाराज चल रहे हैं. उन्होंने इस बार पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे, इसलिए उन्होंने पार्टी से भी टिकट मांगा है. इस दौरान एसटी मोर्चा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष नन्दलाल मीणा, भाजयुमो पूर्व जिला अध्यक्ष प्रद्युम्नसिंह सहित कई लोग मौजूद रहे.

पूर्व विधायक राजावत ने की नामांकन दाखिल करने की घोषणा

कोटा. विधानसभा चुनाव को लेकर सोमवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इसके पहले कोटा के लाडपुरा सीट से तीन बार विधायक रहे भवानी सिंह राजावत ने भी कमर कस ली है और उन्होंने 1 नवंबर को नामांकन दाखिल करने की घोषणा की है. हालांकि, राजावत यह नामांकन भाजपा की तरफ से दाखिल करने वाले हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने कोटा की लाडपुरा सीट से प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है.

वहीं, भवानी सिंह राजावत ने रविवार को अपने कार्यकर्ताओं को एकत्रित किया और 1 नवंबर को नामांकन रैली की घोषणा की. इस मीटिंग में उन्होंने कार्यकर्ताओं को टारगेट भी सौंप दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि सभी लोग अपनी बसों की संख्या और उसमें आने वाले कार्यकर्ताओं की संख्या नामांकन रैली के लिए बताएंगे. इस दौरान उन्होंने तंज कसके हुए कहा कि वो राजनीति जीवन में कुछ भी नहीं कर पाए, लेकिन उनके इर्द-गिर्द और साथ रहे लोग करोड़पति-अरबपति हो गए.

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कल्पना देवी पर साधा निशाना : पूर्व विधायक राजावत ने कार्यकर्ताओं से यह भी कहा है कि वो सर्वे में आगे चल रहे हैं और आलाकमान उन पर भरोसा जताने वाला है. वर्तमान विधायक कल्पना देवी की कार्यशैली से कार्यकर्ता हताश और निराश हैं, इसीलिए आशा भरी निगाहों से जनता उनकी तरफ देख रही है. राजावत ने कहा कि उन्होंने जनता के साथ काफी संघर्ष किया है. पार्टी के लिए उन्होंने कई पदयात्राएं की हैं. बीते 2 साल में 20 मुकदमे और 12 दिन जेल में भी रहे हैं. बता दें कि पिछली बार साल 2018 में लाडपूरा सीट से कल्पना देवी को भाजपा ने टिकट दिया था और वे जीतकर विधायक भी बनीं थीं, जबकि साल 2003, 2008 और 2013 में लगातार तीन बार विधायक रहे भवानी सिंह राजावत का टिकट काट दिया गया था.

वसुंधरा के समझाने पर लिया था वापस नामांकन : भारतीय जनता पार्टी ने साल 2018 में भवानी सिंह राजावत को टिकट नहीं दिया था. इसके बावजूद उन्होंने निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया था और चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी थी. उन्होंने कार्यकर्ताओं को एकजुट करना भी शुरू किया था, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की समझाइश के बाद उन्होंने अपना नामांकन वापस लिया था. बाद में कल्पना देवी को समर्थन भी दिया था. हालांकि, इसके बाद से ही पूर्व विधायक राजावत नाराज चल रहे हैं. उन्होंने इस बार पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे, इसलिए उन्होंने पार्टी से भी टिकट मांगा है. इस दौरान एसटी मोर्चा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष नन्दलाल मीणा, भाजयुमो पूर्व जिला अध्यक्ष प्रद्युम्नसिंह सहित कई लोग मौजूद रहे.

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