कोटा. लाडपुरा विधानसभा सीट से कांग्रेस ने नईमुद्दीन गुड्डू को मैदान में उतारा है. नईमुद्दीन गुड्डू और उनका परिवार इस सीट से चौथी बार चुनाव में उतरेगा. नईमुद्दीन गुड्डू दो बार चुनाव लड़ चुके हैं. जबकि 2018 के चुनाव में उनकी पत्नी गुलनाज गुड्डू को मैदान में उतारा था, लेकिन तीनों बार हार का सामना करना पड़ा था. इस सीट पर बीते चार चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ही काबिज हुई है. टिकट मिलने के बाद नईमुद्दीन गुड्डू ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहा कि वे तीन बार की हार का बदला भारत जनता पार्टी और उनके प्रत्याशी कल्पना देवी से लेंगे. इस बार जीत का सेहरा उनके माथे पर बंधेगा.
नईमुद्दीन गुड्डू ने आरोप लगाया कि लाडपुरा विधानसभा में कल्पना देवी महारानी होने के चलते क्षेत्र में नहीं गई. हम 7 तारीख से पंचायत के गांव और उसके बाद लगातार निगम के वार्डों में जाएंगे. राजस्थान के मुख्यमंत्री की योजनाएं, लाडपुरा की जनता का प्यार, कार्यकर्ता के दम पर चुनाव हम लड़ेंगे व चुनाव में विजय भी होंगे.
पढ़ें: गहलोत के गढ़ में बगावत, सूरसागर से निर्दलीय उतरेंगे पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच
गुड्डू बोले मेरा वोट प्रतिशत बढ़ाई: जब उनसे चार बार इस सीट से भाजपा की जीत और उनकी तीन बार पर सवाल किया गया, तो वे बोले कि हार का अंतर बड़ा है, लेकिन वोट का प्रतिशत बढ़ा है. पहली बार 2008 में मुझे 57 हजार, फिर 2013 में 67 हजार और तीसरी बार मेरी पत्नी गुलनाज गुड्डू को 83 हजार वोट मिले हैं. उन्हें राजनीति का अनुभव भी नहीं था. एक तरफ गृहणी थी और दूसरी तरफ महारानी.
पढ़ें: Exclusive : कल निर्दलीय नामांकन दाखिल करेंगे कैलाश मेघवाल, भाजपा नेतृत्व को लेकर कह दी ये बड़ी बात
गुड्डू ने गिनाए अपनी तीन हार के कारण: नईमुद्दीन गुड्डू ने कहा कि बीते चार बार से भाजपा का विधायक यहां पर है, लेकिन तीनों बार कारण रहे हैं. मैं तीन बार चुनाव हार हूं, पहले बार पूनम गोयल हारी थी. मैं 750 वोटों से चुनाव हारा था, समय कम मिला था और मेरे पास ताकत भी नहीं थी. दूसरी बार पूरे राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की हवा थी, मात्र 21 सीट कांग्रेस की आई थी. मैं मात्र 16000 वोटों से चुनाव हारा था, तीसरी बार में सबको पता है. यहां से सांसद इज्यराज सिंह थे और वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले गए थे. कांग्रेस के कार्यकर्ता उनके निजी सम्पर्क में थे. जातिगत समीकरण भी थे. वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले गए. यह सब मेरी हार के कारण रहे है.
पढ़ें: अजमेर में कांग्रेस-भाजपा समेत निर्दलीय उम्मीदवारों का हुआ नामांकन, कुछ ऐसा है सियासी समीकरण
कोटा शहर से पिछड़ने के सवाल पर नईमुद्दीन ने कहा कि कोटा से भी वोट मिलते हैं. शहर के 30 वार्डों में से 23 या 24 में कांग्रेस के मेंबर हैं. पंचायत समिति लाडपुरा में 15 वार्डों में से 10 वार्ड हमारे पास हैं. नगरपालिका कैथून में 25 वार्डों में से 18 हमारे पास हैं. हम लाडपुरा में कहीं कमजोर नहीं हैं.
भाजपा प्रत्याशी का सब जगह विरोध: नईमुद्दीन गुड्डू ने कहा कि विधायक कल्पना देवी का सब जगह पर विरोध है. चुनाव जीतने के बाद जनता में भी नहीं गई और महलों में ही रही थीं. हम जिस दिन से चुनाव हारे थे, उसे दिन से ही काम पर लौट गए. उसका परिणाम है कि पूरे जिले में सिंगल प्रधान कांग्रेस का हूं और प्रधान के रूप में 18 करोड़ रुपए का काम कर उद्घाटन कराया और 8 करोड़ के काम अभी चल रहे हैं. इन कार्यों और मुख्यमंत्री गहलोत की योजनाएं और कार्यकर्ताओं के प्यार के आधार पर इस बार चुनाव जीतेंगे.
कांग्रेस के खिलाफ नहीं है एंटी-इनकंबेंसी: नईमुद्दीन गुड्डू ने कहा कि आप सब देख रहे हैं कि 5 साल सत्ता में रहने के बाद राजनीतिक दल का विरोध हो जाता है, लेकिन इस बार कांग्रेस का विरोध नहीं है. कल्पना देवी लाडपुरा विधानसभा से जीतने के बाद क्षेत्र में नहीं गई, इसीलिए उनका विरोध है. भाजपा के लोग बागी होकर भी चुनावी मैदान में उतर रहे हैं. लोगों ने उन्हें पूरी ताकत के साथ जिताया था और आशाएं भी उनके साथ थी, लेकिन वे खरी नहीं उतरीं.