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कोटा: वेस्ट सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज यूनियन ने मोदी सरकार के खिलाफ किया आंदोलन का आगाज

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Published : Sep 14, 2020, 4:11 PM IST

कोटा में सेंट्रल रेलवे एम्प्लाइज यूनियन ने केंद्र सरकार के खिलाफ सोमवार को आंदोलन का आगाज किया. रेलवे की सभी शाखाओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए सभाओं का आयोजन किया.

Railway employees protest, kota news
मोदी सरकार के खिलाफ रेलवे कर्मचारियों का प्रदर्शन

कोटा. वेस्ट सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज यूनियन ने शनिवार को केंद्र सरकार के खिलाफ जन आंदोलन का आगाज किया. यूनियन के महामंत्री मुकेश गौरव के मुताबिक रेलवे के निजीकरण के खिलाफ ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन एवं वेस्ट सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज यूनियन ने जन आंदोलन की शुरुआत कर दी है.

रेलवे की सभी शाखाओं के द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए सभाओं का आयोजन किया गया. एंप्लाइज यूनियन का यह जन आंदोलन 14 सितंबर से लेकर 19 सितंबर तक चलेगा.

केंद्र सरकार की रेलवे का निजीकरण करने की नीतियों का खुलासा किया गया. केंद्र सरकार द्वारा 151 यात्री गाड़ियों को 109 रूटों पर प्राइवेट ऑपरेटर्स के द्वारा चलाई जाने, रेलवे कारखानों का निजीकरण करने, रेलवे स्टेशनों को उद्योगपतियों को बेचने व रेलवे कर्मचारियों के कार्यों को ठेकेदारों कराए जाने से नाराज रेल कर्मचारियों ने अब आम जनता को भी इस आंदोलन में शामिल करने का निर्णय लिया है.

पढ़ें- अलवर में बीते साल प्याज से छुड़ाए कर्ज, इस साल भी किसानों को प्याज से आस

रेलवे के निजीकरण से रेल कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय होगा. इसके साथ-साथ रेलवे में दिन प्रतिदिन यात्रा करने वाले छात्रों, महिलाओं, ग्रामीण जनता, आमजन और समाज के सभी वर्गों के साथ-साथ रेलवे के माध्यम से अपना धंधा करके जीवन यापन करने वाले करोड़ों आमजन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

यूनियन कार्यकर्ताओं ने आमजन को आंदोलन में शामिल करने के लिए बुद्धिजीवी वर्ग, राज्य कर्मचारी संगठन, पेंशनर्स एसोसिएशन ,श्रमिक संगठनों, व्यापारिक संगठनों, छात्र संगठन, दैनिक यात्री संघ, अल्पसंख्यक समुदाय, एसटी-एससी व ओबीसी ग्रुप, खिलाड़ियों, छोटे उद्यमियों, महिला वर्गों से संपर्क कर जन आंदोलन में जुड़ने की अपील की.

कोटा. वेस्ट सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज यूनियन ने शनिवार को केंद्र सरकार के खिलाफ जन आंदोलन का आगाज किया. यूनियन के महामंत्री मुकेश गौरव के मुताबिक रेलवे के निजीकरण के खिलाफ ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन एवं वेस्ट सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज यूनियन ने जन आंदोलन की शुरुआत कर दी है.

रेलवे की सभी शाखाओं के द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए सभाओं का आयोजन किया गया. एंप्लाइज यूनियन का यह जन आंदोलन 14 सितंबर से लेकर 19 सितंबर तक चलेगा.

केंद्र सरकार की रेलवे का निजीकरण करने की नीतियों का खुलासा किया गया. केंद्र सरकार द्वारा 151 यात्री गाड़ियों को 109 रूटों पर प्राइवेट ऑपरेटर्स के द्वारा चलाई जाने, रेलवे कारखानों का निजीकरण करने, रेलवे स्टेशनों को उद्योगपतियों को बेचने व रेलवे कर्मचारियों के कार्यों को ठेकेदारों कराए जाने से नाराज रेल कर्मचारियों ने अब आम जनता को भी इस आंदोलन में शामिल करने का निर्णय लिया है.

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रेलवे के निजीकरण से रेल कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय होगा. इसके साथ-साथ रेलवे में दिन प्रतिदिन यात्रा करने वाले छात्रों, महिलाओं, ग्रामीण जनता, आमजन और समाज के सभी वर्गों के साथ-साथ रेलवे के माध्यम से अपना धंधा करके जीवन यापन करने वाले करोड़ों आमजन को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

यूनियन कार्यकर्ताओं ने आमजन को आंदोलन में शामिल करने के लिए बुद्धिजीवी वर्ग, राज्य कर्मचारी संगठन, पेंशनर्स एसोसिएशन ,श्रमिक संगठनों, व्यापारिक संगठनों, छात्र संगठन, दैनिक यात्री संघ, अल्पसंख्यक समुदाय, एसटी-एससी व ओबीसी ग्रुप, खिलाड़ियों, छोटे उद्यमियों, महिला वर्गों से संपर्क कर जन आंदोलन में जुड़ने की अपील की.

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