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मानवाधिकार और जेल अधीक्षक की अनूठी पहल, कैदियों को जेल में दी जाएगी शिक्षा

मंगलवार को भारतीय मानवाधिकार एसोसिएशन न्यू दिल्ली की कोटा इकाई और जेल अधीक्षक की ओर से रामगंजमंडी जेल में कैदियों को शिक्षा देने की पहल की गई है. जिसके तहत इन कैदियों को हिंदी, इंग्लिश और गणित की शिक्षा दी जाएगी.

कैदीयों को दी जाएगी शिक्षा, Prisoners will be given education
कैदीयों को दी जाएगी शिक्षा
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Published : Dec 31, 2019, 8:58 PM IST

रामगंजमंडी (कोटा). उपखण्ड में भारतीय मानवाधिकार एसोसिएशन न्यू दिल्ली की कोटा इकाई और जेल अधीक्षक की ओर से जेल में विचाराधीन कैदियों को शिक्षा देने की एक नई पहल की गई है. जिसमें कैदियों को बंदी ग्रह में हिंदी, इंग्लिश और गणित की शिक्षा दी जाएगी.

इस पहल में उपजिलाधिकारी ने 2 शिक्षकों को जेल में विचाराधीन कैदियों को शिक्षा देने के लिए भी लगाने की बात कही है. वहीं कैदियों के लिए कई प्रकार की किताबें भी उपलब्ध कराई जाएंगी. कार्यक्रम में उपजिलाधिकारी चिमनलाल मीणा और जेल अधीक्षक विनोद कुमार, मानवाधिकार एसोशिएशन कोटा जोन की लीगल सेक्रेटरी विलमा फ्रांसिस मौजूद रहे.

कैदीयों को जेल में दी जाएगी शिक्षा

वहीं उपजिलाधिकारी ने कहा कि कैदियों को जेल से निकलने के बाद समाज की मुख्यधारा में सकारात्मक रूप से जोड़ने के लिए प्रेरित किया जाने का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति जन्म से अपराधी नहीं होता. बल्कि अशिक्षा, गरीबी और परिस्थिति उन्हें अपराधी बना देती है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे आगे भी अपराधी बनकर जीवन जियें. शिक्षा ही वह माध्यम है जिससे आगे चलकर व्यक्ति की सोच को बदला जा सकता है. उसे अच्छा और बुरा का अंतर समझाया जा सकता है.

पढ़ें: सरपंच, पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्य के चुनावी खर्च की सीमा बढ़ाई, 15 दिन में देना होगा ब्योरा

वहीं विलमा फ्रांसिस ने बताया कि जो कैदी जेल से बाहर जा कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ेंगें, उनका जीवन पहले के जीवन से अलग होगा. इस पहल से वे सज्जनता पूर्वक अपनी जिंदगी जिएगें. जेल अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि जेल में कैदियों को शिक्षा देने के लिए दो शिक्षक भी लगाए जाएंगे, जो प्रति दिन 1 घण्टे अपना समय देकर इनको पढ़ाई करवाएंगे.

रामगंजमंडी (कोटा). उपखण्ड में भारतीय मानवाधिकार एसोसिएशन न्यू दिल्ली की कोटा इकाई और जेल अधीक्षक की ओर से जेल में विचाराधीन कैदियों को शिक्षा देने की एक नई पहल की गई है. जिसमें कैदियों को बंदी ग्रह में हिंदी, इंग्लिश और गणित की शिक्षा दी जाएगी.

इस पहल में उपजिलाधिकारी ने 2 शिक्षकों को जेल में विचाराधीन कैदियों को शिक्षा देने के लिए भी लगाने की बात कही है. वहीं कैदियों के लिए कई प्रकार की किताबें भी उपलब्ध कराई जाएंगी. कार्यक्रम में उपजिलाधिकारी चिमनलाल मीणा और जेल अधीक्षक विनोद कुमार, मानवाधिकार एसोशिएशन कोटा जोन की लीगल सेक्रेटरी विलमा फ्रांसिस मौजूद रहे.

कैदीयों को जेल में दी जाएगी शिक्षा

वहीं उपजिलाधिकारी ने कहा कि कैदियों को जेल से निकलने के बाद समाज की मुख्यधारा में सकारात्मक रूप से जोड़ने के लिए प्रेरित किया जाने का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति जन्म से अपराधी नहीं होता. बल्कि अशिक्षा, गरीबी और परिस्थिति उन्हें अपराधी बना देती है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे आगे भी अपराधी बनकर जीवन जियें. शिक्षा ही वह माध्यम है जिससे आगे चलकर व्यक्ति की सोच को बदला जा सकता है. उसे अच्छा और बुरा का अंतर समझाया जा सकता है.

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वहीं विलमा फ्रांसिस ने बताया कि जो कैदी जेल से बाहर जा कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ेंगें, उनका जीवन पहले के जीवन से अलग होगा. इस पहल से वे सज्जनता पूर्वक अपनी जिंदगी जिएगें. जेल अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि जेल में कैदियों को शिक्षा देने के लिए दो शिक्षक भी लगाए जाएंगे, जो प्रति दिन 1 घण्टे अपना समय देकर इनको पढ़ाई करवाएंगे.

Intro:रामगंजमण्डी
उपखण्ड में भारतीय मानवाधिकार एसोसिएशन न्यू दिल्ली की कोटा इकाई व जेल अधीक्षक के तत्वधान में रामगंजमंडी जेल में विचाराधीन कैदियों को शिक्षा देने की एक नई पहल की गई।जिसमे कैदियों को बंदी ग्रह में हिंदी, इंग्लिश साथ ही गणित की शिक्षा दी जाएगीBody:रामगंजमंडी कोटा
उपखण्ड में भारतीय मानवाधिकार एसोसिएशन न्यू दिल्ली की कोटा इकाई व जेल अधीक्षक के तत्वधान में रामगंजमंडी जेल में विचाराधीन कैदियों को शिक्षा देने की एक नई पहल की गई।जिसमे कैदियों को बंदी ग्रह में हिंदी, इंग्लिश साथ ही गणित की शिक्षा दी जाएगी । इस पहल में उपजिलाधिकारी ने 2 शिक्षकों को जेल में विचाराधीन कैदियों को शिक्षा देने के लिए भी लगाने की बात कही। वही कैदियों के लिये पड़ने के लिये कई प्रकार की किताबें भी उपलब्ध की जाएगी ।कार्यक्रम में उपजिलाधिकारी चिमनलाल मीणा व जेल अधीक्षक विनोद कुमार, मानवाधिकार एसोशिएशन कोटा जॉन की लीगल सेक्रेटरी विलमा फ्रांसिस मौजूद रहे। वही उपजिलाधिकारी ने केदियो को संबोधित करते हुए कहा कि जेल में विचाराधीन कैदियों को जेल से निकलने के बाद समाज की मुख्यधारा में सकारात्मक रूप से जोड़ने के लिए प्रेरित किया । साथ ही उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति जन्म से अपराधी नहीं होता अपराध का कारण अशिक्षा, गरीबी, परिस्थिति उन्हें अपराधी बना देती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे आगे भी अपराधी बनकर जीवन जिए शिक्षा ही वह माध्यम है जिसे चलकर व्यक्ति की सोच को बदला जा सकता है उसे अच्छा और बुरा का अंतर समझाया जा सकता है पढ़े-लिखे कैदियों व कम पढ़े लिखे कैदियों यहां से निकल कुछ अच्छा काम करेंगे।मानवाधिकार कोटा जोन लीगल सेक्रेटरी विलमा फ्रांसिस ने बताया कि जो यहां पर विचाराधीन कैदी है जो कैदी जेल से बाहर जा कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ें तो उनका जीवन पहले के जीवन से अलग जीवन है शिक्षित व सज्जनता पूर्वक अपनी जिंदगी जिए।जेल अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि जेल में केदियो को शिक्षा देने के लिये दो शिक्षक भी लगाए जाएंगे जो प्रति दिन 1 घण्टे अपना समय देकर इनको पढ़ाई करवाई जाएगी साथ ही हमारा लक्ष्य यह है कि जो कैदी यहां से कुछ अच्छी प्रेरणा लेकर निकले ।Conclusion:जेल में विचाराधीन कैदियों को जेल से निकलने के बाद समाज की मुख्यधारा में सकारात्मक रूप से जोड़ने के लिए प्रेरित करने का प्रयास,व्यक्ति जन्म से अपराधी नहीं होता अपराध का कारण अशिक्षा, गरीबी, परिस्थिति उन्हें अपराधी बना देती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे आगे भी अपराधी बनकर जीवन जिए शिक्षा ही वह माध्यम है ।
बाईट- भारतीय मानवाधिकार एसोसिएशन कोटा जॉन लीगल सेक्रेटरी विलमा फ्रांसिस एडवोकेट
बाईट- उपजिलाधिकारी चिमनलाल मीणा
बाईट- रामगंजमण्डी जैल अधीक्षक विनोद कुमार
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