रामगंजमंडी (कोटा). उपखण्ड में भारतीय मानवाधिकार एसोसिएशन न्यू दिल्ली की कोटा इकाई और जेल अधीक्षक की ओर से जेल में विचाराधीन कैदियों को शिक्षा देने की एक नई पहल की गई है. जिसमें कैदियों को बंदी ग्रह में हिंदी, इंग्लिश और गणित की शिक्षा दी जाएगी.
इस पहल में उपजिलाधिकारी ने 2 शिक्षकों को जेल में विचाराधीन कैदियों को शिक्षा देने के लिए भी लगाने की बात कही है. वहीं कैदियों के लिए कई प्रकार की किताबें भी उपलब्ध कराई जाएंगी. कार्यक्रम में उपजिलाधिकारी चिमनलाल मीणा और जेल अधीक्षक विनोद कुमार, मानवाधिकार एसोशिएशन कोटा जोन की लीगल सेक्रेटरी विलमा फ्रांसिस मौजूद रहे.
वहीं उपजिलाधिकारी ने कहा कि कैदियों को जेल से निकलने के बाद समाज की मुख्यधारा में सकारात्मक रूप से जोड़ने के लिए प्रेरित किया जाने का प्रयास किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति जन्म से अपराधी नहीं होता. बल्कि अशिक्षा, गरीबी और परिस्थिति उन्हें अपराधी बना देती है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे आगे भी अपराधी बनकर जीवन जियें. शिक्षा ही वह माध्यम है जिससे आगे चलकर व्यक्ति की सोच को बदला जा सकता है. उसे अच्छा और बुरा का अंतर समझाया जा सकता है.
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वहीं विलमा फ्रांसिस ने बताया कि जो कैदी जेल से बाहर जा कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ेंगें, उनका जीवन पहले के जीवन से अलग होगा. इस पहल से वे सज्जनता पूर्वक अपनी जिंदगी जिएगें. जेल अधीक्षक विनोद कुमार ने बताया कि जेल में कैदियों को शिक्षा देने के लिए दो शिक्षक भी लगाए जाएंगे, जो प्रति दिन 1 घण्टे अपना समय देकर इनको पढ़ाई करवाएंगे.