जोधपुर : जयनारायण व्यास टाउन हॉल में बुधवार को राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने 16वें प्रकृति अंतरराष्ट्रीय वृत्तचित्र फिल्म महोत्सव का शुभारंभ किया. इस महोत्सव में गुरुवार को 13 डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का प्रदर्शन होगा. पहले दिन बुधवार को चार फिल्मों का प्रदर्शन हुआ, जिसमें करीब सात मिनट की फिल्म 'समय का घड़ा' ने पर्यावरण संतुलन को लेकर अद्भुत संदेश दिया.
राहुल खड़िया द्वारा निर्देशित इस फिल्म में मिट्टी के बर्तनों की जीवंत दुनिया, प्रकृति और प्लास्टिक के बीच का मेल और मार्मिक जीवन चक्र के दृश्यों ने दर्शकों को सम्मोहित किया. इसके अलावा बानी प्रकाश दास की फाइट फिर राइट, भरत जाधव की मातृ भूमि का वैभव और मृदुल गुप्ता की तटीय क्षेत्रों की सुरक्षा में विज्ञान की भागीदारी जैसी फिल्में भी प्रस्तुत की गईं. प्रत्येक फिल्म के प्रदर्शन के बाद विशेषज्ञों के पैनल ने इन पर चर्चा की. सीईसी और ईएमएमआरसी की संयुक्त मेजबानी में हो रहे इस महोत्सव में गुरुवार को भी डॉक्यूमेंट्री फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी.
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डिजिटल शिक्षा के लिए समर्पित : महोत्सव के उद्घाटन सत्र में सीईसी के निदेशक प्रो. जे. बी. नड्डा ने कहा कि सीईसी, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अंतर-विश्वविद्यालय केंद्रों में से एक है. यह उच्च शिक्षा स्तर पर डिजिटल शिक्षा के प्रचार और प्रसार के लिए समर्पित है. उन्होंने कहा कि डिजिटल सामग्री प्रारूपों की विस्तृत श्रृंखला के साथ सीईसी, एशिया के सबसे बड़े डिजिटल शिक्षा प्रसार प्लेटफॉर्म के रूप में अपनी भूमिका निभा रहा है.
महोत्सव को संबोधित करते हुए राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने विद्यार्थियों के बीच संवाद की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि संवाद के जरिए अर्जित ज्ञान और विचारों का आदान-प्रदान होता है. उन्होंने शिक्षा में प्रभावी प्रस्तुतिकरण को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि सीईसी के माध्यम से शिक्षा के डिजिटलीकरण की नई राहें खुली हैं, जिससे भारत शिक्षा क्षेत्र में तेजी से प्रगति करेगा. राज्यपाल ने वृत्तचित्रों को शिक्षा का प्रभावी माध्यम बताते हुए उच्च शिक्षा में इनके उपयोग पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि वृत्तचित्रों से प्रभावी संदेश जाता है और इसका जितना अधिक उपयोग शिक्षा में होगा, देश उतना आगे बढ़ेगा.