उदयपुर : जिले की गोवर्धन विलास थाना पुलिस ने फाइनेंस कर्मियों से लूट की वारदातों को अंजाम देने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गिरोह के दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार कर उनके पास से एक पावर बाइक जब्त की है. आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद फाइनेंस कर्मियों के साथ लूट की आठ वारदातों का खुलासा हुआ है.
एसपी योगेश ने जानकारी कि 28 नवंबर को फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी अफजल मोहम्मद ने सुरपुरी थाना कपासन से एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में बताया गया कि वह बारापाल से कंपनी की लोन किश्तों की रकम 78,000 रुपये लेकर उदयपुर वापस आ रहे थे, तभी रास्ते में हाईवे पर काया जैन मंदिर के पास तीन अज्ञात बदमाशों ने उन्हें मारपीट कर रुपये से भरा बैग लूट लिया. इस पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की.
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एसपी योगेश गोयल ने घटना की गंभीरता को देखते हुए लूट की वारदातों के खुलासे के लिए पुलिस टीम का गठन किया. एसपी के निर्देश पर एएसपी गोपाल स्वरूप मेवाड़ा और सीओ सूर्यवीर सिंह राठौड़ के नेतृत्व में गठित टीम ने तकनीकी सहायता से कुछ संदिग्ध युवकों को चिन्हित किया. इसके बाद पुलिस ने राकेश कुमार और अजीत कुमार को गिरफ्तार किया गया. दोनों आरोपियों ने अपनी गैंग के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर फाइनेंस कर्मियों के साथ लूट की आठ वारदातें करना स्वीकार किया.
इन वारदातों में शामिल प्रमुख घटनाएँ निम्नलिखित हैं
- 16 फरवरी को काया में नेशनल हाईवे पर आरबीएल फाइनेंस कम्पनी के कर्मचारी से 72,000 रुपये की लूट.
- 16 मार्च को काया में आरबीएल फाइनेंस कम्पनी के कर्मचारी से 98,000 रुपये की लूट.
- 23 मई को होटल चरण कमल के पास उण्डावेला नेशनल हाईवे पर भारत फाइनेंस लिमिटेड के कर्मचारी से 88,000 रुपये की लूट.
- 26 जुलाई को उंडावेला नेशनल हाईवे पर भारत फाइनेंस लिमिटेड के कर्मचारी से 79,000 रुपये की लूट.
- 4 अक्टूबर को उंडावेला नेशनल हाईवे पर इंडिया क्रेडिट के कर्मचारी से 1.90 लाख रुपये की लूट.
- 22 नवम्बर को बारापाल में नेशनल हाईवे पर ईक्वीटास स्माल फाइनेंस कम्पनी के कर्मचारी से 1.08 लाख रुपये की लूट.
- 27 नवम्बर को काया जैन मंदिर के पास नेशनल हाईवे पर क्रेडिट एक्सेस ग्रामीण लिमिटेड के कर्मचारी से 78,000 रुपये की लूट.
- 1 अक्टूबर को बोरी कुंआ पास नेशनल हाईवे पर 5 एमएफजी इंडिया क्रेडिट के कर्मचारी से 1.50 लाख रुपये की लूट.
वारदात का तरीका: आरोपी गैंग के सदस्य फाइनेंस कम्पनी के कर्मचारियों की रैकी करते थे और जैसे ही कर्मचारी लोन की किश्तें इकट्ठा कर हाईवे से गुजरते थे, गैंग के सदस्य उन्हें सूचित कर देते थे. उसके बाद अन्य सदस्य अपने चेहरे पर मास्क पहनकर पावर बाइक पर सवार होकर कर्मचारी को रोकते और मारपीट कर उनका बैग छीनकर भाग जाते. लूट की रकम को कच्चे रास्तों पर जाकर आपस में बांट लेते थे. पूछताछ में और भी वारदातों के खुलासे की संभावना जताई जा रही है. पुलिस अब आरोपियों से पूछताछ कर गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है.