कोटा. शहर के महावीर नगर थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कोचिंग स्टूडेंट्स के पास से अवैध पिस्टल और कारतूस बरामद की है. पुलिस ने कोचिंग छात्र को गिरफ्तार भी कर लिया है. वह कोटा में रहकर ऑनलाइन मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी की तैयारी कर रहा था. उसकी उम्र 18 साल है. कोटा सिटी एसपी शरद चौधरी ने बताया कि रंगबाड़ी पावर हाउस के नजदीक पुलिस की टीम ने एक लड़के को रुकवाया. पुलिस को देख कर वह डर गया. ऐसे में सख्ती कर उसको पकड़ा. इसके बाद उसकी तलाशी लेने पर एक अवैध देसी पिस्तौल और एक कारतूस बरामद किया गया. पूछताछ में युवक ने बताया है कि वह महावीर नगर थर्ड में किराए से रह कर पढ़ाई कर रहा है. वह बिहार के शिवहर जिला के खरौना थाना क्षेत्र के सुंदरपुर गांव निवासी है.
एसपी चौधरी का कहना है कि पुलिस पूछताछ में लड़के ने अपना नाम आदित्य कुमार सिंह पुत्र प्रकाश राजपूत बताया. पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है कि वह बंदूक कहां से लेकर आया है. इसका वह क्या उपयोग करने वाला था या फिर वह कोटा में सप्लाई करने की नियत से लेकर आया है.कोटा सिटी एसपी शरद चौधरी ने बताया कि आदित्य कुमार सिंह ने ऑनलाइन एडमिशन कोटा के कोचिंग संस्थान में लिया हुआ था. जिसके जरिए ही वह किराए का कमरा लेकर पढ़ाई कर रहा था.
बिहार के छात्रों ने कोटा में बनाई थी बीटी गैंग, कहीं उसका मेंबर तो नहीं : कोचिंग छात्र आदित्य कुमार सिंह के पास से पुलिस ने पिस्टल बरामद की है. उसी तरह से कोटा में भी बिहार के छात्रों ने बिहार टाइगर्स (बीटी गैंग) बना ली थी. जिनके पास कई तरह के हथियार भी थे. यह बीटी गैंग छात्रों के झगड़ों में एक गुट से पैसा लेकर मारपीट करने पहुंच जाता था. हॉस्टल और मैस संचालक और छोटे दुकानदारों को धमकाने-रिकवरी का काम भी यह करते थे. इन लोगों ने कोचिंग एरिया में दहशत पैदा कर दी थी. यह स्टूडेंट्स को हॉस्टल, पीजी दिलाने से लेकर कई काम में कमीशन भी लिया करते थे. यहां तक कि इस गैंग के जरिए एक हत्या भी कर दी गई थी. इसके बाद पुलिस ने भी गैंग के सदस्यों पर कार्रवाई की थी. जिसके बाद यह गैंग का अंडर ग्राउंड हो गया. साथ ही साल 2020 से कोरोना आ आने के बाद भी कोचिंग, हॉस्टल व मैस बंद होने के चलते गैंग के बचे सदस्य भी पलायन कर गए थे. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि बीटी गैंग कोटा में दोबारा सक्रिय तो नहीं हो गया है. आदित्य कुमार सिंह कहीं बीटी गैंग का सदस्य तो नहीं है.
साल 2008 में बना था बीटी गैंग, हत्या, वसूली जैसे दर्जनों मुकदमें दर्ज : बिहार से कोटा आकर पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स अभिषेक ने एक बिहार टाइगर्स फोर्स साल 2008 में बनाई थी. शुरुआत में यह बिहार से कोटा आने वाले कोचिंग छात्रों की मदद करती थी. जिसमें एडमिशन, हॉस्टल व मैस दिलाना, पढ़ाई में हेल्प शामिल है. बाद में यह गैंग 2012 के आसपास बदल कर अवैध चौथ वसूली और छात्रों के झगड़ों में शामिल होकर उनकी मदद करने के काम में जुट गया. इसके अध्यक्ष बने राहुल ने नाम बदलकर 'बीटी गैंग' कर दिया. इस गैंग ने बिहार से आने वाले छात्रों से जबरन सदस्यता शुल्क लेना शुरू कर दिया था.
साल 2015 में मंजेश बीटी गैंग का अध्यक्ष बना, फिर 2016 में मुकुल अध्यक्ष बनने पर गैंग में झगड़े शुरू हो गए. इसी क्रम में साल 2016 में सत्य प्रकाश उर्फ प्रिंस की हत्या महावीर नगर सेकंड में चाकुओं से गोदकर कर दी गई थी. इस मामले में पुलिस ने मंजेश को गिरफ्तार किया था. हालांकि, बीटी गैंग खत्म नहीं हुआ. इसके अध्यक्ष बदलते रहे. साल 2019 में एक हॉस्टल में युवक का पीछा करते हुए बीटी गैंग के 15 से 20 सदस्य से घुस गए थे. इन्होंने हॉस्टल में जमकर उत्पात मचाया था. इस मामले में ही कार्रवाई करते हुए मई 2019 में जवाहर नगर थाना पुलिस ने बीटी गैंग के सरगना अंकित तिवारी उर्फ अंकित बच्चा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. अंकित के खिलाफ जानलेवा हमले, फायरिंग, वसूली के मामले दर्ज हुए थे. जबकि गैंग के प्रीतम सिंह और बलबीर सिंह को पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया था.