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नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने घोषित किया जेईई मेंस का परिणाम

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने मंगलवार देर रात जेईई मेंस अप्रैल परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया. परिणाम घोषित होने के साथ ही कोटा में खुशी की लहर दौड़ गई. कोचिंग संस्थानों के बाहर जश्न मनाए गए और टॉपर रहे स्टूडेंट्स के लिए बधाइयों का दौर शुरू हो गया.

कोचिंग संस्थानों के बाहर सेलिब्रेशंस करते स्टूडेंट्स
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Published : Apr 30, 2019, 11:05 PM IST

कोटा. जेईई मेंस के घोषित परिणाम में कोटा से कोचिंग कर रहे 3 छात्र, टॉप 20 में आए हैं, इनमें छठी रैंक गुजरात निवासी निशांत अभांगी, 12वीं पर शुभांकर और 18वीं पर समीक्षा दास रही हैं. गुजरात निवासी निशांत ने ऑल इंडिया सिक्स रैंक हासिल की है. उनका कहना है कि सफलता नियमित पढ़ाई से मिली है. यहां नियमित क्लासरूम में जो पढ़ाया गया उस पर ही फोकस रखते हुए जेईई मैन की तैयारी की है, निशांत इससे पहले राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं. साथ ही इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलंपियाड में भी गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं. वहीं किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना के तहत अखिल भारतीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं.

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने घोषित किया जेईई मेंस का परिणाम

उन्होंने कहा कि 'मेरा लक्ष्य एडवांस में अच्छी रैंक हासिल करना है'. निशांत के पिता विनोद गुजरात में व्यवसायी हैं और मां कोटा में उनके साथ रहती हैं. वह ग्रहणी है. इसी तरह से कोटा में रहकर कोचिंग कर रही मुंबई की छात्रा समीक्षा दास ने भी अपनी सक्सेस के लिए नियमित पढ़ाई और टीचर्स की गाइडलाइन को फॉलो करना बताया है. उन्होंने कहा कि क्लासरूम स्टडी के अलावा 7 से 8 घंटे सेल्फ स्टडी भी की है. अब एडवांस की तैयारी है, साइंटिफिक फैक्ट के बारे में जानना और पढ़ना पसंद है. उनका कहना है कि वह आईआईटी मुंबई से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करने के बाद रिसर्च में जाने की इच्छा रखती हैं. उनकी मां शाश्वती दास भी उसके साथ कोटा में रहती हैं और पिता अनूपदास ओएनजीसी सूरत में इंजीनियर हैं.

कोटा. जेईई मेंस के घोषित परिणाम में कोटा से कोचिंग कर रहे 3 छात्र, टॉप 20 में आए हैं, इनमें छठी रैंक गुजरात निवासी निशांत अभांगी, 12वीं पर शुभांकर और 18वीं पर समीक्षा दास रही हैं. गुजरात निवासी निशांत ने ऑल इंडिया सिक्स रैंक हासिल की है. उनका कहना है कि सफलता नियमित पढ़ाई से मिली है. यहां नियमित क्लासरूम में जो पढ़ाया गया उस पर ही फोकस रखते हुए जेईई मैन की तैयारी की है, निशांत इससे पहले राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं. साथ ही इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलंपियाड में भी गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं. वहीं किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना के तहत अखिल भारतीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं.

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने घोषित किया जेईई मेंस का परिणाम

उन्होंने कहा कि 'मेरा लक्ष्य एडवांस में अच्छी रैंक हासिल करना है'. निशांत के पिता विनोद गुजरात में व्यवसायी हैं और मां कोटा में उनके साथ रहती हैं. वह ग्रहणी है. इसी तरह से कोटा में रहकर कोचिंग कर रही मुंबई की छात्रा समीक्षा दास ने भी अपनी सक्सेस के लिए नियमित पढ़ाई और टीचर्स की गाइडलाइन को फॉलो करना बताया है. उन्होंने कहा कि क्लासरूम स्टडी के अलावा 7 से 8 घंटे सेल्फ स्टडी भी की है. अब एडवांस की तैयारी है, साइंटिफिक फैक्ट के बारे में जानना और पढ़ना पसंद है. उनका कहना है कि वह आईआईटी मुंबई से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करने के बाद रिसर्च में जाने की इच्छा रखती हैं. उनकी मां शाश्वती दास भी उसके साथ कोटा में रहती हैं और पिता अनूपदास ओएनजीसी सूरत में इंजीनियर हैं.

Intro:कोटा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने कल देर रात जेईई मेंस अप्रैल परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया. इसके बाद कोटा में खुशी की लहर दौड़ गई. कोचिंग संस्थानों के बाहर सेलिब्रेशंस आयोजित हुए टॉपर रहे स्टूडेंट्स को बधाइयों के दौर शुरू हो गए हैं. कोटा में रहकर कोचिंग कर रहे 3 छात्र छात्र टॉप 20 में आए हैं, इनमें छठी रैंक गुजरात निवासी निशांत अभांगी, 12वीं पर शुभांकर और 18 वीं समीक्षा दास रही है. गुजरात निवासी निशांत ने ऑल इंडिया सिक्स रैंक हासिल की है. उनका कहना है कि सफलता नियमित स्टडी से मिली है. यहां नियमित क्लासरूम में जो पढ़ाया गया उस पर ही फोकस रखते हुए जेईई मैन की तैयारी की है, निशांत पहले राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं. साथ ही इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलंपियाड में भी गोल्ड मेडलिस्ट रहे हैं. वहीं किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना के तहत भी अखिल भारतीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि मेरा तुरंत लक्ष्य एडवांस में अच्छी रैंक हासिल करना है. निशांत के पिता विनोद गुजरात में ही व्यवसायी है और उनकी मां कोटा में उनके साथ रहती हैं वह एक ग्रहणी है.


Body:इसी तरह से कोटा में रहकर कोचिंग कर रही मुंबई की छात्रा समीक्षा दास ने भी अपनी सक्सेस के लिए रेगुलर स्टडी और टीचर्स की गाइडलाइन को फॉलो करना बताया है. उन्होंने कहा कि क्लासरूम स्टडी के अलावा 7 से 8 घंटे सेल्फ स्टडी भी की है. अब एडवांस की तैयारी है, साइंटिफिक फैक्ट के बारे में जानना और पढ़ना पसंद है. उनका कहना है कि वह आईआईटी मुंबई से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करने के बाद रिसर्च में जाने की इच्छा रखती है. उनकी मां शाश्वती दास भी उसके साथ कोटा में रहती है और पिता अनूपदास ओएनजीसी सूरत में इंजीनियर है.


Conclusion:पैकेज में बाइट का क्रम

बाइट-- निशांत अभांगी, 6 रैंक वाला स्टूडेंट
बाइट-- भावना, निशांत की मां
बाइट-- समीक्षा दास, 18 रैंक वाली स्टूडेंट
बाइट-- शाश्वती, समीक्षा की मां

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