कोटा. रामपुरा पुरानी सब्जी मंडी निवासी नंदिनी गुप्ता फेमिना मिस इंडिया चुनी गई है. वे अपने परिवार के साथ अभी मणिपुर के इंफाल में ही है, जबकि उनके परिवार के अन्य सदस्य उदयपुर में हैं. कोटा में वर्तमान में उनके पिता सुमित गुप्ता के पारिवारिक संबंध के लोग मौजूद हैं, जिनसे ईटीवी भारत ने बातचीत की. जानने वालों ने बताया कि बचपन से ही नंदिनी ग्लैमर की दुनिया में जाना चाहती थी और उसकी तैयारी करने लग गई थी. हालांकि, इस तैयारी में उसका हाथ पकड़ने वाला केवल उसका परिवार का ही सहयोग रहा है. कोई गॉडफादर उसका इस फील्ड में नहीं था और न हीं उसने कोई क्लास या ट्रेनिंग इसके लिए ली है.
कोटा जैसे टियर-3 शहर में ही वह बड़े शहरों की प्रतिभागियों से कंपटीशन में जुटी हुई थी. हालांकि, जब नंदिनी को पढ़ाई का मौका मिला तो, उसने इसके लिए मुंबई को चुन लिया ताकि उसको ग्लैमर और मॉडलिंग की दुनिया में करियर बनाने में मदद मिल सके. कोटा में उनके सभी पारिवारिक मित्रों को यही विश्वास है कि नंदिनी फेमिना मिस इंडिया के बाद अब मिस यूनिवर्स या वर्ल्ड का खिताब जीतेगी. सभी लोग कह रहे हैं कि नंदिनी का कोटा पहुंचने पर पूरे परिवार के साथ भव्य स्वागत किया जाएगा.
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टीवी देख कर करती थी कैटवॉक : कोटा के श्रीसर्राफा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र गोयल विचित्र का कहना है कि नंदनी के पिता सुमित गुप्ता से पारिवारिक संबंध हैं. तीन दशक से उनकी दोस्ती है. जब भी हम मित्रों का पारिवारिक कार्यक्रम होता है, उसमें बचपन से ही नंदिनी में एक चीज देखी है कि वह ग्लैमर के प्रति काफी आकर्षित थी. छोटी उम्र में ही टीवी देखकर कैटवॉक किया करती थी, मॉडल्स की तरफ अपना बर्ताव रखती थी. हम शुरू से ही अंदेशा रखते थे कि वह ग्लैमर और पेज-3 की दुनिया में आगे जा सकती है. आज पूरे कोटावासियों को खुशी हुई है. कोटा की कोई बेटी मिस इंडिया चुनी गई है. वह अब मिस वर्ल्ड की तैयारी कर रही है, तो हम उसको शुभकामनाएं देते हैं. नंदिनी ने कोटा का मान बढ़ाया है और आगे भी मान बढ़ाएगी. जब भी वह कोटा आएगी, अपने परिवार के साथ हम सब मित्र उसका भव्य स्वागत करेंगे.
कोटा के लिए इतिहास बना, यह गर्व की बात : नंदिनी से बचपन से जुड़ी ज्योति का कहना है कि नंदनी एक बहुत ही प्यारी बिटिया है. उससे हम जब भी मिले हैं, बहुत ही खुश मिजाज रहती है. नंदिनी इसी फील्ड में कुछ करना चाहती थी, जब भी मिलती थी यही बात होती थी. उसकी बॉडी लैंग्वेज बताती थी कि बहुत कुछ इस लाइन में कर सकती है. आज वह मिस इंडिया बनी है. इतना गर्व महसूस हो रहा है, जैसे खुद की बेटी हो. कोटा के लिए बहुत गर्व की बात है, इतिहास में पहली बार हुआ है. नंदिनी भी मुंबई पढ़ाई के लिए गई थी, लेकिन उसका मन इसी लाइन में आगे जा रहा था. इसीलिए उसने मुंबई को चुना था.
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खुद किया स्ट्रगल, नहीं था कोई गॉडफादर : ग्लैमर की दुनिया में मेट्रो सिटीज में कई गॉडफादर प्रतिभागियों को मिल जाते हैं, जो उनकी मदद करते हैं. इसके अलावा ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट से लेकर क्लासेज भी इसकी होती है, लेकिन नंदिनी ने ऐसा कुछ भी नहीं किया. वह कोटा में ही टेलीविजन या इस तरह के शो व कंटेस्टेंट को देखकर ही आगे बढ़ी है. नंदिनी के पिता के बचपन के मित्र आदित्य आवास निवासी राकेश चतुर्वेदी का कहना है कि मैंने बचपन से ही नंदिनी को देखा है. पढ़ाई के साथ-साथ इन चीजों का ध्यान रखती थी. वह 10 से 12 साल की थी, तब से ही अपने आप को मेंटेन करना रख दिया. इस प्रतियोगिता में बनने के लिए क्या करना चाहिए, स्ट्रगल उसने खुद ने किया है. उसने कोई ट्रेनिंग नहीं ली है व कोई गॉडफादर उसका नहीं है. उसके घर वालों ने कोई ऑब्जेक्शन नहीं किया, केवल सहयोग किया है.