सांगोद (कोटा). जयपुर में राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ धरना दे रही पुलवामा आतंकी हमले की वीरांगनाओं को जबरन उनके घरों पर भेज दिया गया है. इसी तरह से कोटा के सांगोद निवासी शहीद हेमराज मीणा की वीरांगना मधुबाला मीणा को भी पुलिस ने धरना स्थल से उठाकर सांगोद में सेन कॉलोनी स्थित उनके घर पर छोड़ दिया, जहां भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दी गई. इस वाकया को लेकर मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुई वीरांगना मधुबाला मीणा ने कहा कि अशोक गहलोत सरकार हमारा सम्मान तो नहीं कर रही है, लेकिन हमारा अपमान जरूर कर रही है. वीरांगना ने कहा कि देर रात 3 बजे के आसपास 700 के करीब पुलिसकर्मी धरना स्थल पर पहुंचे और उन्हें जबरन गाड़ियों में बिठाकर लाया. हालांकि, तब उन्हें अस्पताल ले जाने की बात कही गई, क्योंकि उस समय सभी बेसुध थे.
पुलिसकर्मियों पर झूठ बोलने का लगाया आरोप - मधुबाला ने कहा कि गुरुवार देर रात भारी संख्या में पुलिसकर्मी धरना स्थल पहुंचे और उन्हें गाड़ियों में डाल दिया गया. हालांकि, तब उन लोगों को कुछ पता नहीं था, पुलिस भला उनके साथ ऐसा बर्ताव क्यों कर रही है और उन्हें ले जाया कहां जा रहा है. वहीं, अधिक पूछने पर अस्पताल ले जाने की बात कही गई. लेकिन उन्हें कोटा के बाहर बपावर रोड आने पर पता चला कि उनको कोटा लाया गया है. घर के बाहर प्रशासन लगाया था. वीरांगना मधुबाला ने कहा कि ऐसा अत्याचार तो किसी के साथ भी नहीं होना चाहिए. उनके पति देश के लिए शहीद हुए हैं. लेकिन उनका सम्मान करने की बजाय मौजूदा सरकार उनका अपमान कर रही है.
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बिगड़ी वीरांगना की तबीयत, घर पर उपचार जारी - वीरांगना मधुबाला मीणा की तबीयत खराब है. बावजूद इसके उन्हें अस्पताल न ले जाकर उनका घर पर ही इलाज चल रहा है. उन्हें ड्रिप और इंजेक्टबल लगाए गए हैं. साथ ही घर के बाहर भारी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है. इसके अलावा घर पर महिला पुलिसकर्मियों के साथ ही सांगोद थाने के जवानों की तैनाती की गई है. मौजूदा आलम यह है कि उनसे मिलने आने वालों से पुलिस पूछताछ कर रही है. ऐसे में केवल रिश्तेदारों और परिचितों को ही घर में जाने की अनुमति दी रही है.
पति की मूर्ति और गांव में सड़क बनाने की मांग - वीरांगना मधुबाला मीणा की मांग है कि सांगोद के अदालत चौराहे पर उनके शहीद पति की मूर्ति लगाई जाए. इस संबंध में नगर पालिका से अतिक्रमण नहीं हटाने की बात कही जा रही है. साथ ही उनका कहना है कि उनके गांव में भी सड़क बनाई जाए. हालांकि, इस पर मंत्री रमेश मीणा, प्रमोद जैन भाया और शांति धारीवाल पहले ही सहमति जता चुके हैं. लेकिन आज तक इन दोनों मांगों को पूरा नहीं किया जा सका है. यही कारण है कि वीरांगना अपनी मांगों को लेकर बीते एक सप्ताह से जयपुर में धरना दे रही थी.