कोटा. रक्षाबंधन का त्योहार इसी महीने 30 अगस्त को मनाया जाना है, जिसको लेकर व्यापारियों ने तैयारी शुरू कर दी है. साथ ही बाजार में भी राखियां मिलनी शुरू हो गई हैं और बहनें अपने भाइयों के लिए राखियों की खरीददारी करने लगी हैं. हर बार की तरह ही इस बार भी चांदी की राखियां मार्केट में उपलब्ध है, जिसको लेकर अब एक नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है. इसमें साल भर बांधने वाली राखियां बहनों को खासा आकर्षित कर रही हैं. वहीं, लड़कियों के लिए भी इस तरह का ट्रेंड आया है, उनके लिए भी साल भर बांधने वाली ब्रेसलेट बाजार में उपलब्ध है. हालांकि, राखी को लेकर कई तरह की मान्यताएं भी प्रचलित हैं.
गोवर्धन पूजा में चढ़ाई जाती है राखी - राखियों को साल भर बांधने को लेकर जो ट्रेंड है, उस पर पंडित नरेश गौतम शास्त्री का कहना है कि रक्षाबंधन सावन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. इस मौके पर बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं. यह पौराणिक मान्यताओं के तहत लंबे समय से चला आ रहा है. राखियों को खोल के रखने को लेकर कोई विशेष नियम नहीं है. उनका कहना है कि राखी बांधने के बाद अगर वो कुछ समय के उपरांत टूट जाती है तो उसे उठाकर रख देना चाहिए. वहीं, राखी के दो माह बाद जब दीपावली के उपरांत गोवर्धन पूजा होती है तब वहां भी उसे रखा जा सकता है. आगे उन्होंने कहा कि अगर आप चांदी की राखी धारण करते हैं तो उसे भी आप उठाकर रख सकते हैं. इसको लेकर कोई भी विशेष नियम नहीं है.
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700 से 1500 के बीच मिल रही चांदी की अच्छी राखियां - सर्राफा व्यापारी सुरेंद्र गोयल विचित्र ने बताया कि सामान्य तौर पर नकली चांदी या कम चांदी की राखियां 100 से 125 रुपए के बीच मिल जाती है, लेकिन जिन राखियों में ज्यादा चांदी होती है, वो 300 से लेकर 500 रुपए तक में मिलती है. ग्रामीण इलाके में चांदी और सोने की राखियों का चलन ज्यादा है. ऐसे में अच्छी क्वालिटी की जो राखी आती है, उनमें पर्याप्त मात्रा में चांदी होती है और उसे लंबे समय तक पहना जा सकता है. ऐसी राखियां 700 से 1500 रुपए के बीच उपलब्ध हैं. इसी तरह से लड़कों के लिए रुद्राक्ष के साथ ही चांदी की राखियां भी अबकी ट्रेंड में है. यह राखियां भी 200 से 300 रुपए के बीच मिल रही हैं.
बच्चों के लिए एंग्री बर्ड और स्पाइडर-मैन - बच्चे भी राखियों को काफी पसंद करते हैं. उनके लिए खेल खिलौने वाली राखियां भी बाजार में बिकने के लिए आई हैं. साथ ही एलईडी लाइट वाली राखियां भी बाजार में उपलब्ध है. गुमानपुरा में दुकान लगाने वाले नरेंद्र शर्मा नीरू ने बताया कि बच्चों के लिए नहीं टूटने वाली और कई दिनों तक चलने वाली राखियां ज्यादा डिमांड में है. इन सभी में कार्टून कैरेक्टर को प्राथमिकता दी जाती है, ताकि बच्चे उन्हें पसंद करें. वहीं, चांदी की राखियों में भी बच्चों के लिए कई तरह के टेडी बियर, स्पाइडर-मैन और एंग्री बर्ड की भी राखियां है.
हैंडमेड राखियों की अलग पहचान - नरेंद्र शर्मा नीरू ने बताया कि उन्होंने कई अलग-अलग तरह की हैंडमेड राखियां भी बनाई है. ये राखियां पूरे शहर में कहीं भी उपलब्ध नहीं होगी, क्योंकि इसमें काफी मेहनत लगती है और ये काफी मजबूत और सुंदर होती हैं. इनमें अलग-अलग डिजाइन की राखियां हैं, जिनमें जरी, गोटे व मोती से लेकर कई तरह के वर्क शामिल हैं.