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कोटा के कैथून में ₹120 लीटर बिक रहा दूध...ये है वजह - kaithun flood news

कोटा के कैथून कस्बे में बाढ़ के बाद हालात बदतर होते जा रहे है. बाढ़ के कारण दुकानदारों को लाखों का नुकसान हो गया है. जिसके बाद क्षेत्र में महंगाई जोर पकड़ रही है.

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Published : Aug 16, 2019, 7:43 PM IST

कोटा. कैथून कस्बे में आई बाढ़ के बाद हालात बदतर होते जा रहे है. क्षेत्र के दुकानदारों को लाखों का नुकसान हो गया है. जिसके बाद क्षेत्र में महंगाई ने जोर पकड़ लिया है. कई घरों में पीने के लिए पानी नहीं है और कस्बे में आलम ये है कि दूध 120 रूपए लीटर मिल रहा है. बीते दो दिनों से कैथून कस्बे में आर्मी और एसडीआरएफ की टीमों ने कमान संभाली हुई है.

कैथून कस्बे में बाढ़ के बाद हालात बदतर

बाढ़ के चलते कस्बे के व्यवसायियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. क्षेत्र के व्यवसायियों ने बताया कि उनका करोड़ों रुपए का माल पानी से खराब हो गया है. अंडरग्राउंड गोदामों में रखी हुई शक्कर और किराने का सामान भी नष्ट हो गया और बाढ़ के बाद अनाज भीग कर सड़ने लगा है.

पढ़ें- हाड़ौती में तीन दिनों से मूसलाधार बारिश, जिला प्रशासन ने स्कूल बंद करने के दिए निर्देश

अनाज व्यापारी गिर्राज राठौर का कहना है कि उनके गोदाम में लाखों रुपए का अनाज रखा हुआ था जो पूरी तरह से खराब हो गया है. साथ ही कस्बे में अब पीने के पानी की किल्लत हो गई है. वहीं कस्बे के सभी अस्पतालों में पानी भरा हुआ है. जिससे बीमार व्यक्ति को इलाज मिलने में भी समस्या हो रही है.

कोटा. कैथून कस्बे में आई बाढ़ के बाद हालात बदतर होते जा रहे है. क्षेत्र के दुकानदारों को लाखों का नुकसान हो गया है. जिसके बाद क्षेत्र में महंगाई ने जोर पकड़ लिया है. कई घरों में पीने के लिए पानी नहीं है और कस्बे में आलम ये है कि दूध 120 रूपए लीटर मिल रहा है. बीते दो दिनों से कैथून कस्बे में आर्मी और एसडीआरएफ की टीमों ने कमान संभाली हुई है.

कैथून कस्बे में बाढ़ के बाद हालात बदतर

बाढ़ के चलते कस्बे के व्यवसायियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. क्षेत्र के व्यवसायियों ने बताया कि उनका करोड़ों रुपए का माल पानी से खराब हो गया है. अंडरग्राउंड गोदामों में रखी हुई शक्कर और किराने का सामान भी नष्ट हो गया और बाढ़ के बाद अनाज भीग कर सड़ने लगा है.

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अनाज व्यापारी गिर्राज राठौर का कहना है कि उनके गोदाम में लाखों रुपए का अनाज रखा हुआ था जो पूरी तरह से खराब हो गया है. साथ ही कस्बे में अब पीने के पानी की किल्लत हो गई है. वहीं कस्बे के सभी अस्पतालों में पानी भरा हुआ है. जिससे बीमार व्यक्ति को इलाज मिलने में भी समस्या हो रही है.

Intro:बाढ़ के कारण दुकानदारों को लाखों का नुकसान हुआ है. वही मंहगाई भी जोर पकड़ने लगी है. दूध कस्बे में ₹120 लीटर मिल रहा है. वहीं कई घरों में पीने का पानी भी लोगों को नहीं मिल पा रहा है. इसके चलते दुकानदारों ने भी रोष व्यक्त किया है. बीते 2 दिनों से बाहर से गिरे हुए कैथून कस्बे में आर्मी और एसडीआरएफ की टीम ने कमान संभाली हुई है.


Body:कोटा.
कोटा के कैथून कस्बे में बाढ़ से हालात बदतर हो चुके हैं. बाढ़ के कारण दुकानदारों को लाखों का नुकसान हुआ है. वही मंहगाई भी जोर पकड़ने लगी है. दूध कस्बे में ₹120 लीटर मिल रहा है. वहीं कई घरों में पीने का पानी भी लोगों को नहीं मिल पा रहा है. इसके चलते दुकानदारों ने भी रोष व्यक्त किया है. बीते 2 दिनों से बाहर से गिरे हुए कैथून कस्बे में आर्मी और एसडीआरएफ की टीम ने कमान संभाली हुई है. आर्मी और एनडीआरएफ की टीम नाव से जलमग्न बस्तियों में जा रही है और लोगों का रेस्क्यू कर उन्हें लेकर आ रहे हैं.

कस्बे में हालात यह हैं कि व्यवसायियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. उनका कहना है कि करोड़ों रुपए का माल उनका भी कर बारिश के पानी से खराब हो गया है. लोगों ने कहा कि अंडरग्राउंड गोदामों में रखी हुई शक्कर और किराने का सामान नष्ट हो गया. वहीं अनाज भी भीग कर खराब हो गया और वह सड़ने लगा है. साथ ही सीमेंट और अन्य सीमेंट उत्पाद भीग कर खराब हो गए हैं. दुकानदारों का कहना है कि जब दुकानों में ही पांच-पांच फीट पानी भर गया था. ऐसे में अंडरग्राउंड तो पूरी तरह से लबालब है. अब उनमें से पानी निकालना भी बड़ी समस्या हो गया है.
एक अनाज के व्यापारी गिर्राज राठौर का कहना है कि उनके गोदाम में लाखों रुपए का अनाज रखा हुआ था जो पूरी तरह से भी करने लगा है. साथ ही उन्होंने कहा कि कस्बे में अब पीने के पानी की किल्लत हो गई है. लोगों के पास पीने के लिए पानी भी मौजूद नहीं है.


Conclusion:अन्य दुकानदारों का कहना है कि खाने-पीने की वस्तुओं के दाम भी अब बढ़ गए हैं. बाजार में महंगाई फैलने लगी है. दूध भी ₹120 लीटर मिलने लगा है. अस्पताल में पानी भरा हुआ है. वहीं मेडिकल की दुकानों में भी दवाइयां खराब हो गई है. साथ ही निजी क्लीनिक में भी पानी भरा होने से बीमार व्यक्ति को इलाज मिलने से भी समस्या हो रही है.




बाइट-- प्रदीप कुमार अग्रवाल, सीमेंट व्यवसायी
बाइट-- गिर्राज राठौर, अनाज व्यापारी
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