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कोटा: श्रम कानूनों में बदलाव का मजदूर यूनियन ने जताया विरोध, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन - Memorandum to the president

कोटा जिले में मजदूर यूनियन के पदाधिकारियों ने श्रम कानूनों में हुए बदलावों को लेकर विरोध किया. यूनियन ने काली पट्टी बांधकर अपना रोष प्रकट किया. यूनियन ने उपखण्ड अधिकारी को मजदूरों की न्यूनतम वेज 21 हजार रुपए करने, ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने, श्रमिकों को समान काम के लिए नियमित मजदूरी और दूसरे वेतन भत्ते और सुविधाएं प्रदान करने की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा.

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श्रम कानूनों में बदलाव को लेकर मजदूर यूनियन ने किया प्रदर्शन
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Published : Jul 3, 2020, 6:43 PM IST

रामगंजमंडी (कोटा). लॉकडाउन में राज्य सरकारों ने श्रम कानूनों में बदलाव किए थे. जिसके बाद से लगातार मजदूर यूनियन इन बदलावों के विरोध कर रही हैं. शुक्रवार को यूनियन इंटक मोड़क ने उपखंड कार्यालय पर प्रदर्शन किया और उपखंड अधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में 12 सूत्रीय मांगों को रखा गया है. जिसमें मजदूरों के हक के लिए बने श्रम कानूनों को खत्म करने के प्रावधान का विरोध किया गया है. सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों और उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने की बात कही है.

पढ़ें: चूरूः चयनित लोगों को नहीं मिल रहा प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ, कलेक्टर से लगाई गुहार

यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि मजदूरों की न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपए करने, ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने, श्रमिकों को समान काम के लिए नियमित मजदूरी और दूसरे वेतन भत्ते और सुविधाएं प्रदान करने की मांग की है. मजदूरों ने निजीकरण नीति का भी विरोध किया. मजदूरों का कहना था कि श्रमिकों का उत्पीड़न किया जा रहा है, मजदूर आंदोलन में पुलिस प्रशासन का हस्तक्षेप बंद होना चाहिए. उपखण्ड कार्यालय पर यूनियन के अधिकारियों के साथ मजदूरों ने भी काली पट्टी बांध कर अपना विरोध जताया.

रोस्टर नियम से जिला आवंटन करवाने की मांग को लेकर ज्ञापन

राजधानी में कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा 2018 के चयनित अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के जरिए अभ्यर्थियों ने LDC में चयनित अभ्यर्थियों के जिला आवंटन में धांधली का आरोप लगाया है. इसमें वर्ग विशेष के अभ्यर्थियों को गृह जिलों से 500-600 किलोमीटर की दूरी के जिले आवंटित करने की बात कही गई है.

बता दें कि राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा 2018 में कार्मिक विभाग द्वारा जिन अभ्यर्थियों को शिक्षा विभाग आवंटित हुआ था, उनको 27 जून को शिक्षा विभाग द्वारा जिला आवंटन की सूची जारी की गई थी. इस सूची में राजस्थान अधिनस्थ मंत्रालय कर्मचारी सेवा नियम 1999 के नियम 28 (4) का उल्लंघन कर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को रोस्टर प्रणाली से जिला आवंटित नहीं किए गए.

रामगंजमंडी (कोटा). लॉकडाउन में राज्य सरकारों ने श्रम कानूनों में बदलाव किए थे. जिसके बाद से लगातार मजदूर यूनियन इन बदलावों के विरोध कर रही हैं. शुक्रवार को यूनियन इंटक मोड़क ने उपखंड कार्यालय पर प्रदर्शन किया और उपखंड अधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में 12 सूत्रीय मांगों को रखा गया है. जिसमें मजदूरों के हक के लिए बने श्रम कानूनों को खत्म करने के प्रावधान का विरोध किया गया है. सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों और उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने की बात कही है.

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यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि मजदूरों की न्यूनतम वेतन 21 हजार रुपए करने, ठेकेदारी प्रथा समाप्त करने, श्रमिकों को समान काम के लिए नियमित मजदूरी और दूसरे वेतन भत्ते और सुविधाएं प्रदान करने की मांग की है. मजदूरों ने निजीकरण नीति का भी विरोध किया. मजदूरों का कहना था कि श्रमिकों का उत्पीड़न किया जा रहा है, मजदूर आंदोलन में पुलिस प्रशासन का हस्तक्षेप बंद होना चाहिए. उपखण्ड कार्यालय पर यूनियन के अधिकारियों के साथ मजदूरों ने भी काली पट्टी बांध कर अपना विरोध जताया.

रोस्टर नियम से जिला आवंटन करवाने की मांग को लेकर ज्ञापन

राजधानी में कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा 2018 के चयनित अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन के जरिए अभ्यर्थियों ने LDC में चयनित अभ्यर्थियों के जिला आवंटन में धांधली का आरोप लगाया है. इसमें वर्ग विशेष के अभ्यर्थियों को गृह जिलों से 500-600 किलोमीटर की दूरी के जिले आवंटित करने की बात कही गई है.

बता दें कि राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा 2018 में कार्मिक विभाग द्वारा जिन अभ्यर्थियों को शिक्षा विभाग आवंटित हुआ था, उनको 27 जून को शिक्षा विभाग द्वारा जिला आवंटन की सूची जारी की गई थी. इस सूची में राजस्थान अधिनस्थ मंत्रालय कर्मचारी सेवा नियम 1999 के नियम 28 (4) का उल्लंघन कर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को रोस्टर प्रणाली से जिला आवंटित नहीं किए गए.

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