कोटा. राजस्थान में कोटा एक मात्र ऐसा शहर बनने जा रहा है, जहां अब सड़कों पर बसों की पार्किंग नहीं होगी. इसके लिए नगर विकास न्यास ने अलग व्यवस्था की है. करोड़ों रुपए की जमीन को बस पार्किंग के लिए तय कर दिया गया है, जहां निजी बसें खड़ी होंगी. यह पूरी व्यवस्था मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल शहरों की तर्ज पर की जा रही है. बसों को खड़ी करने के लिए बस मालिकों को कुछ मासिक किराया भी देना होगा.
पर्यटन सिटी बनाने में होगा अहम कदम : यूआईटी के विशेषाधिकार आरडी मीणा ने बताया कि कोटा का स्वरूप काफी बदल गया है. सरकार के दृष्टिकोण और मंत्री शांति धारीवाल के विजन के अनुसार शहर को कोचिंग और एजुकेशन के साथ ही एक टूरिस्ट प्लेस के रूप में डेवलप किया जा रहा है. इसके लिए कुछ काम किए जा चुके हैं. रिवर फ्रंट कंप्लीशन की तरफ से सिटीपार्क भी लगभग बन गया है.
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उन्होंने बताया कि शहर की सुंदरता को देखकर मंत्री शांति धारीवाल ने प्राइवेट बस स्टैंड बनवाया है. यहां पर हर रूट की बसें संचालित की जाएंगी. शहर भर से आने वाले यात्री यहां आएंगे और यहीं से अपने गंतव्य की ओर यात्रा कर सकेंगे. वर्तमान में शहर के कई चौराहों पर बस स्टॉपेज बने हुए हैं. शहर के यातायात को सुधारने के क्रम में नगर विकास न्यास इसे खत्म करने जा रहा है. इसके लिए बड़ तिराहा के नजदीक बस स्टॉपेज व स्टैंड बनाया जा रहा है. स्लीपर कोच, लोक परिवहन, उप नगरीय, स्टेट और कांटेक्ट कैरिज की बसें एक जगह खड़ी हो सकेंगी.
चौराहे को ट्रैफिक फ्री बनाने के लिए प्रयत्न : मीणा ने बताया कि शहर के अधिकांश चौराहों को ट्रैफिक फ्री करने की योजना है. अभी यहां काफी बसें कई घंटे तक खड़ी रहती हैं. जबकि अधिकांश चौराहों को स्मार्ट सिटी और पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया गया है. ऐसे में यह बसें चौराहों पर खड़ी होकर चौराहों को बदरंग करती हैं. बस ऑपरेटर अशोक चांदना का कहना है कि अग्रसेन चौराहा, महर्षि नवल सर्किल, विवेकानंद चौराहा, छावनी चौराहा, सब्जी मंडी, एरोड्रम, रावतभाटा रोड की जगह बड़ तिराहे से ही बसें संचालित होंगी.
500 बसें खड़ी करने की जगह : आरडी मीणा ने बताया कि शहर में लगभग 400 से 500 बसे हैं. इनके रूट शहर के विभिन्न भागों में हैं. अब बसों के लिए पार्किंग बनाई गई है. जिला कलेक्टर ट्रांसपोर्ट कमेटी के अध्यक्ष हैं और उनकी अध्यक्षता में मीटिंग हुई थी. एमबीएस मार्ग पर यह पार्किंग बनाई जा रही है. इसके चारों तरफ बाउंड्री करवाई गई है और बड़े जगह को पक्का करवाया जा रहा है. इसके लिए ग्रेवल का बेस तैयार किया गया है. अब उस पर डामरीकरण करवाया जाएगा. टॉयलेट, बिजली, पानी, रेस्टोरेंट और अन्य सुविधाओं का निर्माण भी करवाया जाएगा. यहां बड़ी लाइट लगवा दी गई है.
शहर में बनाएंगे नो पार्किंग जोन : कोटा की बसावट करीब 32 किलोमीटर में है. इसलिए बड़ी पार्किंग की जरूरत थी. स्टॉपेज के रूप में सवारियों को बैठना औ उतरना होगा. बड़ तिराहे पर सिटी के बीच में एक स्टॉपेज या स्टैंड बनाया है. यहां पर भी बस कुछ मिनट के लिए रुकेगी और सवारियों को बैठाकर वहां से रवाना हो जाएगी. इसके बाद शहर के अलग-अलग चौराहों को नो पार्किंग जोन घोषित किया जा सकेगा.
यात्रियों को एक जगह से मिल जाएगी बसें : कोटा में हर साल 2 लाख से ज्यादा कोचिंग स्टूडेंट्स पढ़ने के लिए आते हैं. इनमें से अधिकांश स्टूडेंट्स ट्रेनों में वेटिंग होने के चलते स्लीपर कोच बसों के जरिए ही अपने शहर जाते हैं. सैकड़ों की संख्या में बसें रोज कोटा से संचालित होती हैं. यह सभी बसें वर्तमान में नयापुरा चौराहे से होकर ही गुजरती हैं. रात के समय नयापुरा चौराहे से महर्षि नवल सर्किल, अग्रसेन चौराहा और सीबी गार्डन के बाहर तक कई स्लीपर कोच बसों को पार्क कर दिया जाता है. इसके अलावा छावनी चौराहा, जवाहर नगर व केशवपुरा चौराहे के पास भी कई बसें खड़ी रहती हैं.
बसों के हटने से व्यवस्थित होगा ट्रैफिक : बसों के हट जाने के बाद ट्रैफिक व्यवस्थित रूप से संचालित हो सकेगा. बसों के चलते ही ऑटो अन्य वाहन भी इन चौराहों पर आते हैं. ऐसे में जब इन चौराहों पर बस नहीं होने पर यह सारे संसाधन भी यहां से हट जाएंगे. उसके चलते शहर की लाखों की आबादी को सुव्यवस्थित यातायात चौराहों पर मिलेगा. जाम नहीं होने के चलते लोगों का समय की भी बचत होगी. साथ ही बस बदलने के लिए अभी एक बस स्टैंड से दूसरे पर जाना पड़ता है. ऐसे में एक जगह ही बसें चलने पर एक बस स्टॉप से दूसरे बस स्टॉप पर जाने की मुसीबत भी खत्म हो जाएगी.
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पुलिस, प्रशासन और आम जनता है परेशान : बस मालिक संघ के संभागीय अध्यक्ष सत्यनारायण साहू ने कहा कि अभी बसें अव्यवस्थित रूप से कहीं भी खड़ी हो जाती हैं. बस मालिक, आम जनता, प्रशासन, चालक व परिचालक, मालिक भी परेशान होते हैं. ट्रैफिक जाम, गंदगी व सड़कों पर भीड़भाड़ होती है. हमारी कई सालों से मांग थी कि बसों को खड़ी करने के लिए कोई जगह दी जाए. अब हमारी बसें एक जगह खड़ी होंगी. बस ऑपरेटर अशोक चांदना का यह भी कहना है कि अभी जिन जगहों पर बसें खड़ी होती हैं वहां कई बार चोरी की घटना भी सामने आती है. इससे बस मालिकों को भी नुकसान हो रहा है.
संचालन के लिए लेंगे किराया : नगर विकास न्यास इन बसों को खड़ा करने के लिए ऑपरेटरों से किराए की मांग कर रहा है. प्रति बस के हिसाब से 3 से 5 हजार मासिक किराया देना होगा. इस किराए को लेकर बस ऑपरेटरों और नगर विकास न्यास के बीच सहमति नहीं बनी है. नगर विकास न्यास के किराए को बस ऑपरेटर ज्यादा बता रहे हैं. उनका कहना है कि मध्य प्रदेश के शहरों में किराया कम है. जिस तरह से जमीन निशुल्क आवंटित हुई है, वैसे ही किराया भी नहीं लिया जाए. नगर विकास न्यास ने काफी बड़ा इन्वेस्टमेंट यहां पर किया है. इसके चलते ये शुल्क रखा गया है. शीघ्र ही टेंडर भी निकाले जाएंगे.
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जमीन का हुआ था निशुल्क आवंटन : संभागीय अध्यक्ष सत्यनारायण साहू का कहना है कि यह जमीन 2007 के तत्कालीन कलेक्टर आलोक ने 22800 स्क्वायर मीटर जगह हमें उपलब्ध कराई थी. यह 120 गुना जगह थी. लेकिन यह गड्ढा काफी गहरा था. इसके लिए मिट्टी भरवाने की आवश्यकता थी. अब तक यहां बस की पार्किंग के लिए जगह नहीं बन पाई थी. इस बार नगर विकास न्यास ने व्यवस्था की है. इस जगह पर किराया नगर विकास न्यास को नहीं वसूलना नहीं चाहिए. इसके लिए अधिकारियों से भी हमने बात की है.
केवल व्यवस्था का ही शुल्क वसूला जाए : सत्यनारायण साहू का कहना है कि लाइट, पानी और सफाई व्यवस्था का ही शुल्क लिया जाए. जबकि जमीन तो हमें 2007 में निशुल्क दी गई थी. इसलिए हमें यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और जिला कलेक्टर ने आश्वासन दिया है. पार्किंग बनने से कोटा शहर को बहुत बड़ी समस्या से निजात मिलेगी. अब सभी बसें एक जगह से संचालित हो जाएगी और निर्धारित अलग-अलग रूट पर ही रुकेंगी.