कोटा. राजस्थान की जनता ने इस बार के विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत दिया है. भाजपा को कुल 115 सीटों पर जीत मिली तो कांग्रेस महज 69 सीटों पर सिमट कर रह गई. चुनाव से पहले भाजपा ने सीएम फेस की घोषणा नहीं थी और पार्टी पीएम मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ी, जिसका उन्हें फायदा भी मिला. वहीं, अब फेस की रेस में कई नाम हैं और पार्टी के लिए किसी एक नाम पर मुहर लगाना आसान नहीं है, क्योंकि किसी एक की नाराजगी उसे आगे भारी पड़ सकती है. वहीं, इन सब के बीच हाड़ौती रीजन की बात करें तो इस बार के चुनाव में यहां की 17 में से 11 सीटों पर भाजपा को और 6 पर कांग्रेस को जीत मिली है. हाड़ौती में भाजपा को कांग्रेस से 144004 वोट अधिक मिले हैं, जबकि कुल 3090821 वोट पड़े थे.
इसमें नोटा को 40469 वोट गए यानी नोटा को 1.31 फीसदी के आसपास वोट पड़े. कहने का तात्पर्य यह है कि इस बार हाड़ौती के 40469 मतदाताओं ने 17 सीटों पर चुनाव लड़ रहे 128 प्रत्याशियों को खारिज कर दिया. दूसरी तरफ इन 128 में से 73 प्रत्याशी ऐसे हैं, जिन्हें उनकी विधानसभा में नोटा से भी कम वोट मिले हैं.
अंता में सबसे कम और छबड़ा में नोटा को मिला सबसे अधिक वोट : सबसे कम नोटा को बारां जिले के अंता में पसंद किया गया और यहां नोटा को 0.72 फीसदी वोट पड़े तो सांगोद में 0.79, कोटा उत्तर में 0.83, कोटा दक्षिण में 0.94 और पीपल्दा में 1 फीसदी वोट मिला. वहीं, इसके उलट नोटा को सबसे अधिक वोट छबड़ा में 1.56 फीसदी गए. इसके अलावा डग में 1.51, केशोरायपाटन 1.46, बूंदी में 1.46 और मनोहर थाना में 1.42 मत पड़े.
जीतने वाले 4 प्रत्याशियों को पोस्टल बैलेट में मिले कम वोट : बात अगर पोस्टल बैलेट की करें तो इनमें हाड़ौती से जीते 17 प्रत्याशियों में से चार ऐसे हैं, जो पोस्टल बैलेट में तो पीछे थे, लेकिन ईवीएम की काउंटिंग में जीत गए. ऐसे में माना जा रहा है कि घरों में हुई वोटिंग और सरकारी कर्मचारियों की वोटिंग में ये प्रत्याशी पीछे थे. इनमें कोटा उत्तर से कांग्रेस के शांति धारीवाल, सांगोद क्षेत्र से भाजपा के हीरालाल नागर, डग से भाजपा के कालूलाल मेघवाल और बारां अटरू से राधेश्याम बैरवा शामिल हैं. वहीं, कोटा उत्तर से भाजपा के प्रह्लाद गुंजल, सांगोद से कांग्रेस के भानुप्रताप सिंह, झालावाड़ की डग सीट से कांग्रेस प्रत्याशी चेतराज गहलोत और बारां जिले की बारां अटरू सीट से पानाचंद मेघवाल को पोस्टल बैलेट में अधिक वोट मिले, लेकिन ईवीएम की काउंटिंग में ये प्रत्याशी हार गए.