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कोहरे से बचाव के लिए कोटा रेल मंडल ने लगाई 401 फॉग सेफ्टी डिवाइस

फॉग सेफ्टी डिवाइस एक जीपीएस आधारित नेविगेशन डिवाइस है. यह लोको पायलट को घने कोहरे की स्थिति में ट्रेन चलाने में मदद करती है. कोहरे से बचाव के लिए कोटा रेल मंडल ने 401 फॉग सेफ्टी डिवाइस लगाई है.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 7, 2024, 2:16 PM IST

Kota Railway Division installed 401 fog safety device
कोटा रेल मंडल ने लगाई 401 फॉग सेफ्टी डिवाइस

कोटा. कोहरे के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त है. दूसरी तरफ ट्रेनों के संचालन में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. समय ट्रेनों को चलाने के लिए उनमें फॉग सेफ्टी डिवाइस लगाई गई है. कोटा रेल मंडल में ऐसी 401 डिवाइस का उपयोग ट्रेनों में किया जा रहा है.

कोटा रेल मंडल के सीनियर डीसीएम रोहित मालवीय का कहना है कि फॉग सेफ्टी डिवाइस एक जीपीएस आधारित नेविगेशन डिवाइस है. यह लोको पायलट को घने कोहरे की स्थिति में ट्रेन चलाने में मदद करती है. उन्हें सिग्नल, लेवल क्रॉसिंग गेट, किस स्पीड पर ट्रेन को चलाना आदि की जानकारी समय से देती हैं.

इसके साथ ही 500 मीटर तक ध्वनि संदेश के साथ साथ अन्य संकेतक इससे मिलते हैं. इस डिवाइस का उपयोग सिग्नल में किया जा सकता है. इसे बिजली और डीजल दोनों से चलने वाले इंजनों में भी उपयोग किया जा रहा है. ट्रेनों में ईएमयू, एमईएमयू, डीईएमयू सभी में इसका यूज हो रहा है. यह 160 किमी प्रति घंटे की स्पीड से भी ट्रेन चलाने में मदद करती है.

इसे भी पढ़ें : हेरिटेज नगर निगम को राष्ट्रपति से 11 जनवरी को मिलेगा सम्मान, यह है कारण

18 घंटे का है बैटरी बैकअप : फॉग सेफ्टी डिवाइस का उपयोग पोर्टेबल के रूप में किया जाता है. इसका बैटरी बैकअप 18 घंटे के लिए होता है. पोर्टेबल आकार में कॉम्पैक्ट और वजन में हल्का है. इसका वजन 1.5 किलोग्राम से ज्यादा नहीं है. साथ ही मजबूत डिजाइन में बनी है. लोको पायलट अपनी ड्यूटी फिर से शुरू करने पर डिवाइस को अपने साथ आसानी से लोकोमोटिव तक ले जा सकता है. लोकोमोटिव के कैब डेस्क पर आसानी से रखने की सुविधा इसमें है. ये डिवाइस कोहरे, बारिश या धूप जैसी मौसमी स्थितियों से अप्रभावित रहता है.

कोटा. कोहरे के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त है. दूसरी तरफ ट्रेनों के संचालन में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. समय ट्रेनों को चलाने के लिए उनमें फॉग सेफ्टी डिवाइस लगाई गई है. कोटा रेल मंडल में ऐसी 401 डिवाइस का उपयोग ट्रेनों में किया जा रहा है.

कोटा रेल मंडल के सीनियर डीसीएम रोहित मालवीय का कहना है कि फॉग सेफ्टी डिवाइस एक जीपीएस आधारित नेविगेशन डिवाइस है. यह लोको पायलट को घने कोहरे की स्थिति में ट्रेन चलाने में मदद करती है. उन्हें सिग्नल, लेवल क्रॉसिंग गेट, किस स्पीड पर ट्रेन को चलाना आदि की जानकारी समय से देती हैं.

इसके साथ ही 500 मीटर तक ध्वनि संदेश के साथ साथ अन्य संकेतक इससे मिलते हैं. इस डिवाइस का उपयोग सिग्नल में किया जा सकता है. इसे बिजली और डीजल दोनों से चलने वाले इंजनों में भी उपयोग किया जा रहा है. ट्रेनों में ईएमयू, एमईएमयू, डीईएमयू सभी में इसका यूज हो रहा है. यह 160 किमी प्रति घंटे की स्पीड से भी ट्रेन चलाने में मदद करती है.

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18 घंटे का है बैटरी बैकअप : फॉग सेफ्टी डिवाइस का उपयोग पोर्टेबल के रूप में किया जाता है. इसका बैटरी बैकअप 18 घंटे के लिए होता है. पोर्टेबल आकार में कॉम्पैक्ट और वजन में हल्का है. इसका वजन 1.5 किलोग्राम से ज्यादा नहीं है. साथ ही मजबूत डिजाइन में बनी है. लोको पायलट अपनी ड्यूटी फिर से शुरू करने पर डिवाइस को अपने साथ आसानी से लोकोमोटिव तक ले जा सकता है. लोकोमोटिव के कैब डेस्क पर आसानी से रखने की सुविधा इसमें है. ये डिवाइस कोहरे, बारिश या धूप जैसी मौसमी स्थितियों से अप्रभावित रहता है.

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