इटावा (कोटा). जिले के इटावा उपखंड क्षेत्र के मुंगेना गांव में बाल विवाह करवाया जा रहा था. जिसकी सूचना पर पीपल्दा तहसीलदार रामचरण मीणा और इटावा SHO मुकेश मीणा ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की. इस दौरान पुलिस कर्मियों ने बालविवाह रुकवाकर परिजनों को भी पाबंद किया.
बता दें कि ये बाल विवाह फर्जी आधार कार्ड के आधार पर करवाया जा रहा था. लेकिन समय पर किसी ने प्रशासन को इसकी सूचना दे दी, जिसके चलते बाल विवाह पर रोक लग गई और उक्त आधार कार्ड की जांच की गई तो वो आधार कार्ड भी फर्जी निकला.
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इटावा थानाधिकारी मुकेश मीणा के अनुसार ये बाल विवाह मुंगेना गांव में होना था. किसी व्यक्ति ने एसडीएम कार्यालय पर मुंगेना गांव में नाबालिग का विवाह करवाए जाने की सूचना दी. इस पर पीपल्दा तहसीलदार रामचरण मीणा और इटावा पुलिस मौके पर पहुंची.
पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर बालिका की आयु का प्रमाण पत्र मांगा तो परिजनों ने उसका आधार कार्ड दिखाया. जिसके बाद आधार कार्ड पर संदेह होने के कारण मुंगेना स्कूल के प्रधानाध्यापक को बुलाकर रिकॉर्ड मांगा गया. बता दें कि स्कूल रिकॉर्ड में बालिका की उम्र महज 14 साल निकली. इस पर कार्रवाई करते हुए बाल विवाह को रुकवाकर परिजनों को पाबंद किया गया.
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थानाधिकारी ने बताया कि मुंगेना गांव में बूंदी जिले के देई खेड़ा थाना क्षेत्र के कोटा खुर्द गांव से वर पक्ष की ओर से बारात आनी थी. लेकिन, कार्रवाई के बाद बारात मुंगेना नहीं पहुंची. वहीं, देई खेड़ा पुलिस को भी बाल विवाह को लेकर वर पक्ष के लोगों को पाबंद करने के लिए सूचित कर दिया गया है.
उल्लेखनीय है प्रदेश में बाल विवाह आज भी प्रचलन में है. लोग इसके लिए कई तरह के फर्जीवाड़े पहले भी करते रहे हैं. प्रदेश में विशेषकर आखातीज के अवसर पर काफी बाल विवाह होते हैं. हालांकि इस बार कोरोना के चलते आखातीज पर विवाह समारोह ही नहीं हुए थे, लेकिन आखातीज के अवसर पर बड़ी संख्या में बाल विवाह की संभावना को देखते हुए पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट रहता है.