कोटा. नेशनल मेडिकल कमिशन की अंडर ग्रैजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड (यूजीएमईबी) ने बड़ा फैसला करते हुए अंडर ग्रैजुएट मेडिकल एजुकेशन से संबंधित 12 जून को जारी किए गए आदेशों को निरस्त कर दिया है. इसके संबंध में एनएमसी के आधिकारिक वेबसाइट पर एक नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया. इस नोटिस में अंडर ग्रैजुएट मेडिकल एजुकेशन में प्रवेश व पढ़ाई से संबंधित आदेश पर ब्रेक लगाए गए हैं. यह सभी बदलाव व शैक्षणिक सत्र 2023-24 से लागू किए जाने थे. इनमें एमबीबीएस एडमिशन के लिए सेंट्रल काउंसलिंग से लेकर एमबीबीएस की पढ़ाई में फैमिली एडॉप्शन स्कीम भी शामिल है.
कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि इस आदेश की निरस्त किए जाने के बाद मेडिकल शिक्षा के शैक्षणिक-सत्र 2023-24 को लेकर फिर से असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है. लाखों विद्यार्थियों व अभिभावकों को अब यूजीएमईबी के आगामी आदेश का इंतजार है. देव शर्मा ने बताया कि नेशनल मेडिकल कमीशन ने 2 जून को गजट नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें कई सारे फैसले मेडिकल एजुकेशन को लेकर लिए गए हैं. इसी गजट नोटिफिकेशन को लेकर यूजीएमईबी ने 12 जून को एक आदेश जारी किया था, जिनमें पांच अलग-अलग प्रावधान मेडिकल शिक्षा सत्र 2023-24 से लागू किए जाने थे, लेकिन आदेश के निरस्त किए जाने पर अब ये नियम लागू नहीं होंगे.
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देव शर्मा ने बताया कि नीट यूजी 2023 एडमिशन काउंसलिंग को लेकर फिलहाल स्थिति साफ नहीं है. यूजीएमईबी ने पहले गजट नोटिफिकेशन के अनुसार देश के सभी मेडिकल संस्थानों की एमबीबीएस सीटों का आवंटन सेंट्रल काउंसलिंग के तहत किया जाना था, लेकिन सभी आदेश वापस लेने से यह निर्णय भी रुक गया है. हालांकि, काउंसलिंग का नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है. ऐसे में विद्यार्थी और अभिभावकों में संचय है कि अब काउंसलिंग किस तरह से होगी ?
यह आदेश हुए हैं निरस्त :
- अंडर ग्रैजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड ने फैमिली एडॉप्शन स्कीम एमबीबीएस स्टूडेंट के लिए लागू की थी. यह साल 2023-24 के सत्र में विद्यार्थियों को एक एक परिवार गोद लेना था. इस फैमिली हेल्थ का पूरा स्टेटस विद्यार्थियों को ध्यान में रखना था. इसे यूजीएमईबी ने इसे हटा दिया है.
- मेडिकल कॉलेजों में रिसर्च से संबंधित मेन पावर की संख्या व आवश्यकता के लिए भी आदेश जारी किए गए थे. इन्हें भी हटा लिया गया है.
- दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश के लिए शिथिलता बरती गई थी. इसमें प्रवेश के लिए दिव्यांगता के प्रतिशत को कम कर दिया गया था. यह भी वापस लिए गए.
- कांपीटेंसी बेस्ड मेडिकल एजुकेशन करिकुलम लागू किया गया था. जिसके अनुसार एमबीबीएस के करिकुलम को बदलने के लिए निर्देशित किया गया था, लेकिन यह बदलाव का आदेश भी वापस ले लिया गया है. ऐसे में जब तक नया आदेश नहीं आ जाता है, पूर्व करिकुलम के अनुसार ही पढ़ाई विद्यार्थियों की होगी.
- एमबीबीएस कोर्स में किए गए प्रवेश की सूचना का फॉर्मेट बदला गया था, लेकिन अब इस आदेश को भी वापस ले लिया गया है. मेडिकल कॉलेजों को पूर्व की भांति ही फॉर्मेट में यह सूचना भेजनी होगी.