कोटा. राजस्थान रॉयल्स ने कोटा के क्रिकेट प्लेयर कुणाल सिंह को नीलामी में टीम के लिए शामिल किया (Kota Kunal Rathore in IPL) है. कुणाल सिंह कोटा से पहले प्लेयर है, जो कि इंडियन प्रीमियर लीग में खेलेंगे. कुणाल सिंह वर्तमान में रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए पांडिचेरी गए हुए हैं.
ईटीवी भारत से फोन पर हुई बातचीत में 20 साल के कुणाल सिंह बताया कि क्रिकेट से उन्हें काफी प्यार था. वे 10 साल की उम्र से ही वह क्रिकेट खेल रहे हैं. उन्होंने 9वीं के बाद से पढ़ाई से थोड़ी दूरी बना ली थी. वे अब रेगुलर स्कूलिंग की जगह ओपन एग्जाम से पढ़ाई कर रहे हैं. वर्तमान में 12वीं में वह आ गए हैं. साथ ही कॅरियर को बनाने के लिए जयपुर ही रहते हैं. इसके पहले कोटा में ही एक स्पोर्ट्स अकेडमी में ही उन्होंने प्रारंभिक ट्रेंनिग ली है.
20 लाख की लगी: कुणाल सिंह के लिए राजस्थान रॉयल्स ने 20 लाख रुपए की बोली लगाई थी. जिसके बाद ही रॉयल्स टीम में चयन किया गया. कोटा जिला क्रिकेट संघ के कोषाध्यक्ष अनस पठान ने बताया कि बीते 23 दिसम्बर को आयोजित हुई खिलाड़ियों की नीलामी में राजस्थान रॉयल्स टीम ने कुणाल सिंह राठौड़ को टीम में शामिल किया है. यह कोटा के लिए बहुत ही गौरव की बात है. राजस्थान अंडर-19 टीम के हेड कोच राकेश बत्रा ने कुणाल सिंह को शुभकामनाएं दी हैं.
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पहले हुआ ट्रायल उसके बाद बोली लगा टीम में जोड़ा: कुणाल सिंह राठौड़ वर्तमान में राजस्थान के रणजी ट्रॉफी क्रिकेट टीम के सदस्य हैं. इसके साथ ही कुणाल सिंह ने हाल ही में संपन्न हुई सैयद मुश्ताक अली टी-20 ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में राजस्थान टीम की ओर से शानदार प्रदर्शन किया है. इस साल राजस्थान स्टेट सीनियर क्रिकेट प्रतियोगिता कॉल्विन शील्ड में शानदार प्रदर्शन करने वाले कुणाल सिंह सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे हैं. इसकी बदौलत उनका चयन राजस्थान की सीनियर टीम में लगातार हुआ है. कुणाल सिंह का कहना है कि मुंबई इंडियंस और राजस्थान रॉयल ने उनकी ट्रायल ली है. यह ट्रायल मुंबई और नागपुर में हुई, जिसके बाद उनका राजस्थान रॉयल्स की टीम में चयन हुआ है.
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भाई को देखकर खेलना शुरू किया था: कुणाल सिंह कोटा के शक्ति नगर में रहते हैं. उनके पिता अजय सिंह राठौड़ सिंचाई प्रबंधन संस्थान में बतौर प्रोग्रामर कार्यरत है, जबकि उनकी मां निर्मला कोटा नागरिक सहकारी बैंक में कार्यरत हैं. उनके भाई दीक्षांत सिंह बीटेक कर चुके हैं और आगे अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. कुणाल का यह भी कहना है कि पहले उनके भाई ही क्रिकेट खेलते थे, जिसके बाद उन्होंने 10 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया और उसके बाद ही पीछे मुड़कर नहीं देखा. उनके परिवार ने भी इसमें उनका साथ दिया था. जिसके बाद उनका लगातार राजस्थान की अंडर-19 और अन्य टीमों में चयन हुआ है.
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वीवीएस लक्ष्मण के निर्देशन में ली 2 महीने ट्रेनिंग: पिता अजय सिंह राठौड़ का कहना है कि कुणाल ने अंडर 19 में वीनू माकड़ ट्रॉफी खेली है. वहीं कूच बिहार टॉफी के राजस्थान के कप्तान रहे हैं. इसके बाद अच्छे खेल व बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए नेशनल क्रिकेट एकेडमी अन्नतापुरम के हेड कोच व वेटरन इंडियन क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण के निर्देशन में 2 महीने तक ट्रेनिंग ली है. उसके बाद राजस्थान टीम की तरफ से कॉल्विन शील्ड प्रतियोगिता में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने. जिसके बाद ही उनको इंडियन प्रीमियर लीग की ट्रायल के लिए बुलाया गया.