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कोटा में दो नगर निगम के फैसले पर बोली भाजपा, कहा- कांग्रेस ने हार के डर से लिया फैसला - wo quotas, two mayors

कोटा नगर निगम दो हिस्सों में बाट दिया गया है, जिसके तहत एक निगम में 70 वार्ड और दूसरे में 80 वार्ड होंगे. इस निर्णय को राज्य सरकार ने भी लागू कर दिया है. वहीं होने वाले नगरीय निकाय चुनाव 6 महीने के लिए टल गए हैं.

कोटा नगर निगम दो,Kota municipal corporation
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Published : Oct 19, 2019, 11:33 PM IST

कोटा. शहर में दो मेयर और दो नगर निगम होंगे. जिसका समर्थन कांग्रेस के नेता तो करते नजर आ रहे हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेता इसे राज्य सरकार की हार के डर से बौखलाहट बता रहे हैं. वहीं होने वाले नगरीय निकाय चुनाव 6 महीने के लिए टल गए हैं.

दो नगर निगम बनाने के फैसले पर कांग्रेस नेता कर रहे राज्य सरकार का समर्थन

बड़े वार्ड के चलते विकास कार्य नहीं हो पाते
कांग्रेस नेता रविंद्र त्यागी का कहना है कि वार्ड बड़े होने के चलते विकास कार्य नहीं हो पाते थे, अब पार्षद अपने एरिया का ज्यादा ध्यान रख पाएंगे. क्योंकि वार्ड छोटे हिस्से में होने से विकास कार्य भी होंगे और लोगों से उसका सतत संपर्क भी बना रहेगा. जिससे वार्ड में आने वाली समस्याओं का त्वरित समाधान निकल सके. साथ ही उन्होंने कहना है कि नए महापौर के चयन तरीके का समर्थन करते हैं.

पढ़ेंः कोटाः नगर निगम में सिटी बस नहीं चलने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

नगरीय निकाय चुनाव हार रहे
भाजपा के जिलाध्यक्ष हेमंत विजयवर्गीय का कहना है कि पहले वार्डों का पुनः सीमांकन किया गया, फिर महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष हो या अप्रत्यक्ष उसमें सरकार उलझी रही. महापौर का चुनाव करवाने का फैसला बदल दिया. फिर दो मेयर बनाने का फैसला किया, इस बहाने से सरकार चुनाव को 6 महीने डालना चाह रही है, क्योंकि उन्हें सर्वे में साफ दिख रहा है कि वे नगरीय निकाय चुनाव हार रहे हैं. इसीलिए लगातार फैसले बदले जा रहे हैं.

65 से सीधे पहुंचेंगे 150 वार्ड पर
राज्य सरकार ने कोटा शहर को दो हिस्सों में विभाजित कर दो नगर निगम बना दिए हैं, ऐसे में कोटा शहर में जहां पर वर्तमान बोर्ड में 65 वार्ड थे, लेकिन हाल ही में हुए परिसीमन में इन्हें 100 कर दिया गया था. जिन पर आगामी शहरी सरकार के चुनाव होने थे, लेकिन राज्य सरकार ने शहर के दो हिस्से कर देने के बाद डेढ़ सौ वार्ड हो जाएंगे.वहीं दो नगर निगम बन जाने के बाद में नए निगम के लिए भवन और बजट कब तैयार होगा. पार्षदों की संख्या अधिक होने से अधिक लोगों को इसका लाभ मिलेगा, लेकिन पैसा नहीं होने से विकास कैसे होगा. इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ेगा, वाहनों की संख्या बढ़ेगी, बिजली से लेकर रखरखाव तक खर्च बढ़ेगा. अधिकारियों की संख्या बढ़ने से उनके वेतन पर खर्च बढ़ेगा.

कोटा. शहर में दो मेयर और दो नगर निगम होंगे. जिसका समर्थन कांग्रेस के नेता तो करते नजर आ रहे हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेता इसे राज्य सरकार की हार के डर से बौखलाहट बता रहे हैं. वहीं होने वाले नगरीय निकाय चुनाव 6 महीने के लिए टल गए हैं.

दो नगर निगम बनाने के फैसले पर कांग्रेस नेता कर रहे राज्य सरकार का समर्थन

बड़े वार्ड के चलते विकास कार्य नहीं हो पाते
कांग्रेस नेता रविंद्र त्यागी का कहना है कि वार्ड बड़े होने के चलते विकास कार्य नहीं हो पाते थे, अब पार्षद अपने एरिया का ज्यादा ध्यान रख पाएंगे. क्योंकि वार्ड छोटे हिस्से में होने से विकास कार्य भी होंगे और लोगों से उसका सतत संपर्क भी बना रहेगा. जिससे वार्ड में आने वाली समस्याओं का त्वरित समाधान निकल सके. साथ ही उन्होंने कहना है कि नए महापौर के चयन तरीके का समर्थन करते हैं.

पढ़ेंः कोटाः नगर निगम में सिटी बस नहीं चलने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

नगरीय निकाय चुनाव हार रहे
भाजपा के जिलाध्यक्ष हेमंत विजयवर्गीय का कहना है कि पहले वार्डों का पुनः सीमांकन किया गया, फिर महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष हो या अप्रत्यक्ष उसमें सरकार उलझी रही. महापौर का चुनाव करवाने का फैसला बदल दिया. फिर दो मेयर बनाने का फैसला किया, इस बहाने से सरकार चुनाव को 6 महीने डालना चाह रही है, क्योंकि उन्हें सर्वे में साफ दिख रहा है कि वे नगरीय निकाय चुनाव हार रहे हैं. इसीलिए लगातार फैसले बदले जा रहे हैं.

65 से सीधे पहुंचेंगे 150 वार्ड पर
राज्य सरकार ने कोटा शहर को दो हिस्सों में विभाजित कर दो नगर निगम बना दिए हैं, ऐसे में कोटा शहर में जहां पर वर्तमान बोर्ड में 65 वार्ड थे, लेकिन हाल ही में हुए परिसीमन में इन्हें 100 कर दिया गया था. जिन पर आगामी शहरी सरकार के चुनाव होने थे, लेकिन राज्य सरकार ने शहर के दो हिस्से कर देने के बाद डेढ़ सौ वार्ड हो जाएंगे.वहीं दो नगर निगम बन जाने के बाद में नए निगम के लिए भवन और बजट कब तैयार होगा. पार्षदों की संख्या अधिक होने से अधिक लोगों को इसका लाभ मिलेगा, लेकिन पैसा नहीं होने से विकास कैसे होगा. इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ेगा, वाहनों की संख्या बढ़ेगी, बिजली से लेकर रखरखाव तक खर्च बढ़ेगा. अधिकारियों की संख्या बढ़ने से उनके वेतन पर खर्च बढ़ेगा.

Intro:शहर में दो मेयर होंगे और दो नगर निगम रहेंगे. इस निर्णय का कोटा के कांग्रेस नेता तो राज्य सरकार का समर्थन करते नजर आ रहे हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेता इसे राज्य सरकार की हार के डर से बौखलाहट बता रहे हैं. इस मुद्दे पर भी दोनों आमने-सामने हैं.


Body:कोटा.
राज्य सरकार ने कोटा की शहरी सरकार के दो टुकड़े कर अब दो नगर निगम बना दिए हैं. ऐसे में हाल ही में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव भी 6 महीने के लिए टल गए हैं. शहर में दो मेयर होंगे और दो नगर निगम रहेंगे. इस निर्णय का कोटा के कांग्रेस नेता तो राज्य सरकार का समर्थन करते नजर आ रहे हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के नेता इसे राज्य सरकार की हार के डर से बौखलाहट बता रहे हैं. इस मुद्दे पर भी दोनों आमने-सामने हैं.

कांग्रेस नेता रविंद्र त्यागी का कहना है कि वार्ड बड़े होने के चलते विकास कार्य नहीं हो पाते थे, अब पार्षद अपने एरिया का ज्यादा ध्यान रख पाएगा. क्योंकि वार्ड छोटे हिस्से में हुए जिससे विकास कार्य भी होंगे और लोगों से उसका सतत संपर्क भी बना रहेगा. जिससे वार्ड में आने वाली समस्याओं का त्वरित समाधान निकल सकेगा. उनका कहना है कि नए महापौर चयन के तरीके का भी वे समर्थन करते हैं, जो यह फैसला था वह भी स्वागत योग्य है.
जबकि भाजपा के जिलाध्यक्ष हेमंत विजयवर्गीय का कहना है कि पहले वाडो का पुनः सीमांकन किया गया, फिर महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष हो या अप्रत्यक्ष उसमें सरकार उलझी रही. महापौर का चुनाव करवाने का अपना ही फैसला बदल दिया. अब दोनों मेयर बनाने का फैसला किया है, अब इस बहाने 6 महीने चुनाव डालना सरकार चाह रही है. क्योंकि उन्हें सर्वे में साफ दिख रहा है कि वे नगरीय निकाय चुनाव हार रहे हैं इसीलिए लगातार फैसले बदले जा रहे हैं.


Conclusion:65 से सीधे पहुंचेंगे 150 वार्ड पर
राज्य सरकार ने कोटा शहर को दो हिस्सों में विभाजित कर दो नगर निगम बना दिए हैं, ऐसे में कोटा शहर में जहां पर वर्तमान बोर्ड में 65 वार्ड थे, लेकिन हाल ही में हुए परिसीमन में इन्हें 100 कर दिया गया था. जिन पर ही आगामी शहरी सरकार के चुनाव होने थे, लेकिन राज्य सरकार ने शहर के दो हिस्से कर देने के बाद अब डेढ़ सौ वार्ड हो जाएंगे.
दो नगर निगम बन जाने के बाद में नए निगम के लिए भवन, बजट व कब तैयार होगा. पार्षदों की संख्या अधिक होने से अधिक लोगों को इसका लाभ मिलेगा, लेकिन पैसा नहीं होने से विकास कैसे होगा. इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ेगा, वाहनों की संख्या बढ़ेगी, बिजली से लेकर रखरखाव तक खर्च बढ़ेगा. अधिकारियों की संख्या बढ़ने से उनके वेतन पर खर्च बढ़ेगा.


बाइट का क्रम

बाइट-- रविंद्र त्यागी, कांग्रेस जिला अध्यक्ष
बाइट-- हेमंत विजयवर्गीय, भाजपा जिला अध्यक्ष

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