कोटा. शहर में जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की फ्रेंचाइजी कंपनी कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड को विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस नेताओं ने वापस भेजने का वादा किया था. इस बात को लेकर शनिवार को कांग्रेस के ही एक नेता ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और अपनी सरकार के खिलाफ वादाखिलाफी का आरोप जड़ दिया.
सैकड़ों की संख्या में महिलाएं और पुरुषों संतोषी नगर में खुली शराब की दुकान को बंद करने और निजी बिजली कंपनी केईडीएल को वापस भेजने की मांग की. इन लोगों ने शराब की दुकान बंद और निजी बिजली कंपनी केईडीएल को वापस भेजने मुद्दे पर चुनाव के बहिष्कार का निर्णय भी कर लिया है. लोगों का कहना है कि दोनों ही पार्टियां वादाखिलाफी करती है.
प्रदर्शन में शामिल महिलाओं का कहना है कि शराब की दुकान से उनका चैन और सुकून छीन रहा है. शराबी उनके घर में आतंक मचाते हैं. मोहल्ले में घुस उत्पात करते हैं. शराब की बोतलें घरों पर फेंक देते हैं, लड़कियों और महिलाओं का रात में निकलना दुश्वार हो जाता है. यहां तक की किराए पर कोचिंग के बच्चे भी उनके घरों में नहीं रह सकते हैं.
दूसरी तरफ कांग्रेस नेता हिम्मत सिंह हाडा का कहना है कि प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति कुमार धारीवाल और जिलाध्यक्ष रविंद्र त्यागी ने विधानसभा चुनाव के पहले केईडीएल कंपनी को भगाने का वादा जनता से किया था, लेकिन उसे पूरा नहीं किया है. कुछ दिन पहले आबकारी विभाग के अधिकारियों और जिला प्रशासन ने शराब की दुकानें हटाने की बात संतोषी नगर से कही थी, लेकिन उस बातों से भी पलट गई है. इसलिए हम सरकार का विरोध कर रहे हैं और चुनाव का बहिष्कार भी इस पूरे एरिया के लोगों के साथ किया जाएगा.
कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करने और खून से मतदान बहिष्कार का पत्र और ज्ञापन लिखकर जिला कलेक्ट्रेट के अधिकारियों को सौंपा है इसके बाद यह लोग रैली के रूप में स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री शांति कुमार धारीवाल के घर के बाहर पहुंचे. जहां भी उन्होंने जमकर प्रदर्शन किया. साथ ही इन प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वह मंत्री धारीवाल को निजी बिजली कंपनी को वापस भेजने का वादा याद दिलाने आए हैं.