कोटा. एसीबी ने जिला परिषद में कार्रवाई करते हुए आरोपी चंद्र प्रकाश गुप्ता को 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. जबकि इस मामले में दूसरा कनिष्ठ सहायक कमलकांत वैष्णव फरार है. मामले की पड़ताल करने में सामने आया है कि दोनों आरोपियों को गणतंत्र दिवस के अवसर पर ईमानदारी से काम करने के लिए इस साल जिला प्रशासन ने सम्मानित किया था. जिला स्तरीय कार्यक्रम में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने इन्हें सम्मानित किया था.
इन दोनों को राजकीय सेवा में उत्कृष्ट और सराहनीय सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया था. बताया जा रहा है कि यह पहला मौका नहीं है कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर जिला प्रशासन की ओर से सम्मानित होने वाले लोगों पर सवाल उठे हैं. इससे पहले भी जिला स्तरीय कार्यक्रमों में सम्मानित होने वाले लोगों की सूची पर हर साल सवाल उठते रहे हैं, क्योंकि इनमें से ज्यादातर लोग सिफारिश से सम्मानित होते हैं.
एसीबी की टीम ने जिला परिषद में कल कार्रवाई को अंजाम देते हुए चंद्र प्रकाश गुप्ता को तो गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन इस मामले में दूसरा आरोपी जिला परिषद से इटावा मीटिंग में भाग लेने निकल गया था. उसके साथ जिला परिषद के एक सहायक अभियंता भी थे. हालांकि इस कार्रवाई की सूचना उसे रास्ते में ही मिल गई. ऐसे में वह गाड़ी से उतर कर भाग गया. उसको पकड़ने के लिए कोटा एसीबी दीगोद, सुल्तानपुर और इटावा पुलिस के साथ तलाश कर रही है.
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बता दें कि कोटा एसीबी की टीम ने जिला परिषद में कल बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया था. जिसमें जिला प्रमुख सुरेंद्र गोचर के पीए (कनिष्ठ सहायक) चंद्र प्रकाश गुप्ता को 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था. यह रिश्वत की राशि जिला परिषद के निर्माण शाखा के कनिष्ठ सहायक कमलकांत वैष्णव के कहने पर ली थी. कमलकांत फिलहाल फरार है और जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास एसीबी कर रही है. इस कार्रवाई से पूरे जिला परिषद में हड़कंप मच गया है.