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Kota ACB in Action : ठेकेदार से 50 हजार की रिश्वत लेते पार्षद गिरफ्तार - ACB arrested councilor in bribe case in Kota

कोटा एसीबी ने सुल्तानपुर नगर पालिका के पार्षद को रिश्वत लेते हुए सोमवार को रंगे हाथों गिरफ्तार किया (ACB arrested councilor in bribe case in Kota) है. आरोपी पार्षद ठेकेदार से 50 हजार रुपए रिश्वत राशि ले रहा था. इससे पहले पार्षद ने 1 लाख रुपए की मांग की थी.

Kota ACB arrested councilor taking bribe from contractor
ठेकेदार से 50 हजार की रिश्वत लेते पार्षद गिरफ्तार
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Published : Jun 13, 2022, 5:04 PM IST

Updated : Jun 13, 2022, 11:56 PM IST

कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा की बड़ी कार्रवाई में सुल्तानपुर नगर पालिका के पार्षद को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. इस मामले में आरोपी पार्षद शिवा प्रजापत नगर पालिका के ठेकेदार से रिश्वत की मांग कर रहा (Kota ACB arrested councilor taking bribe from contractor) था. सोमवार को उसे 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए एसीबी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया.

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार ने बताया कि उन्हें एक ठेकेदार ने शिकायत दी थी. जिसमें बताया था कि सुल्तानपुर नगर पालिका में उन्हें श्मशान घाट जाने वाली सड़क बनाने और खाई की सुरक्षा दीवार का ठेका मिला है. इस कार्य को निर्बाध रूप से चलने देने, निर्माण के दौरान तंग नहीं करने और बिल पास करवाने की एवज में 1 लाख रुपए की रिश्वत शिवराज उर्फ शिवा प्रजापत मांग रहा है. इस प्रकरण में उन्होंने शिकायत का सत्यापन करवाया.

पढ़ें: RTU के वीसी हुए जयपुर में ट्रैप, सरकारी गेस्ट हाउस में 5 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार... कमरे में मिले 21 लाख

आरोपी पार्षद शिवा प्रजापत ने 90 हजार रुपए में सौदा तय कर दिया. इसके बाद सोमवार को एसीबी के डीवाईएसपी धर्मवीर सिंह के नेतृत्व में ट्रैप कार्रवाई की गई. परिवादी ठेकेदार रिश्वत की राशि का पूरा इंतजाम नहीं कर पाया, उनके पास 50 हजार रुपए की ही व्यवस्था हुई. ऐसे में यह रिश्वत की पहली किश्त की राशि लेकर संवेदक को आरोपी शिवा प्रजापत के पास भेजा गया, जहां पर उन्होंने रिश्वत की राशि ले ली. इसके तुरंत बाद एसीबी की टीम ने शिवा को गिरफ्तार कर लिया.

पढ़ें: ACB in Action: एसीबी ने एएसआई को 10 हजार रुपए की घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा, दलाल भी गिरफ्तार

सुल्तानपुर में 25 वार्ड, लेकिन पार्षद 45: सुल्तानपुर नगर पालिका में सुल्तानपुर व नौताड़ा ग्राम पंचायतों को शामिल किया था. इसके साथ ही किशोरपुरा पंचायत के नापाहेड़ा, तोरण पंचायत के तोरण और झोटोली को भी जोड़ा था. इन सब को मिलाकर पूरे सुल्तानपुर नगर पालिका में 25 वार्ड बना दिए गए थे, लेकिन इन पंचायतों में नगर पालिका घोषित करने के कुछ समय पहले ही चुनाव हुए थे. जहां पर सरपंच और अन्य जनप्रतिनिधि चुने गए थे. ये जनप्रतिनिधि न्यायालय में चले गए.

पढ़ें: ACB Team Action on Tonk: एसीबी ने थानाधिकारी को 20 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथों किया गिरफ्तार, उसका निजी दलाल भी पकड़ा गया

न्यायालय ने नगर पालिका गठन पर रोक लगा दी, लेकिन कोर्ट ने सुनवाई के बाद सुल्तानपुर नगर पालिका गठन को सशर्त स्वीकृति दी थी. जिसमें सबसे बड़ी पंचायत सुल्तानपुर को मानते हुए वहां के सरपंच को अध्यक्ष व छोटी पंचायत नौताड़ा के सरपंच को उपाध्यक्ष बना दिया था. जबकि इस नए परिसीमन के एरिया में आने वाले पंचायत राज के वार्ड पंचों को पार्षद का दर्जा दिया गया था. इसी के चलते शिवराज प्रजापत पार्षद बन गए थे. पूरे सुल्तानपुर नगर पालिका एरिया में सरकार ने 25 वार्ड बनाए हैं, लेकिन इसकी जगह पर पार्षद वर्तमान में 45 से क्योंकि सभी वार्ड पंच भी पार्षद बन गए.

कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा की बड़ी कार्रवाई में सुल्तानपुर नगर पालिका के पार्षद को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. इस मामले में आरोपी पार्षद शिवा प्रजापत नगर पालिका के ठेकेदार से रिश्वत की मांग कर रहा (Kota ACB arrested councilor taking bribe from contractor) था. सोमवार को उसे 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए एसीबी की टीम ने गिरफ्तार कर लिया.

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार ने बताया कि उन्हें एक ठेकेदार ने शिकायत दी थी. जिसमें बताया था कि सुल्तानपुर नगर पालिका में उन्हें श्मशान घाट जाने वाली सड़क बनाने और खाई की सुरक्षा दीवार का ठेका मिला है. इस कार्य को निर्बाध रूप से चलने देने, निर्माण के दौरान तंग नहीं करने और बिल पास करवाने की एवज में 1 लाख रुपए की रिश्वत शिवराज उर्फ शिवा प्रजापत मांग रहा है. इस प्रकरण में उन्होंने शिकायत का सत्यापन करवाया.

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आरोपी पार्षद शिवा प्रजापत ने 90 हजार रुपए में सौदा तय कर दिया. इसके बाद सोमवार को एसीबी के डीवाईएसपी धर्मवीर सिंह के नेतृत्व में ट्रैप कार्रवाई की गई. परिवादी ठेकेदार रिश्वत की राशि का पूरा इंतजाम नहीं कर पाया, उनके पास 50 हजार रुपए की ही व्यवस्था हुई. ऐसे में यह रिश्वत की पहली किश्त की राशि लेकर संवेदक को आरोपी शिवा प्रजापत के पास भेजा गया, जहां पर उन्होंने रिश्वत की राशि ले ली. इसके तुरंत बाद एसीबी की टीम ने शिवा को गिरफ्तार कर लिया.

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सुल्तानपुर में 25 वार्ड, लेकिन पार्षद 45: सुल्तानपुर नगर पालिका में सुल्तानपुर व नौताड़ा ग्राम पंचायतों को शामिल किया था. इसके साथ ही किशोरपुरा पंचायत के नापाहेड़ा, तोरण पंचायत के तोरण और झोटोली को भी जोड़ा था. इन सब को मिलाकर पूरे सुल्तानपुर नगर पालिका में 25 वार्ड बना दिए गए थे, लेकिन इन पंचायतों में नगर पालिका घोषित करने के कुछ समय पहले ही चुनाव हुए थे. जहां पर सरपंच और अन्य जनप्रतिनिधि चुने गए थे. ये जनप्रतिनिधि न्यायालय में चले गए.

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न्यायालय ने नगर पालिका गठन पर रोक लगा दी, लेकिन कोर्ट ने सुनवाई के बाद सुल्तानपुर नगर पालिका गठन को सशर्त स्वीकृति दी थी. जिसमें सबसे बड़ी पंचायत सुल्तानपुर को मानते हुए वहां के सरपंच को अध्यक्ष व छोटी पंचायत नौताड़ा के सरपंच को उपाध्यक्ष बना दिया था. जबकि इस नए परिसीमन के एरिया में आने वाले पंचायत राज के वार्ड पंचों को पार्षद का दर्जा दिया गया था. इसी के चलते शिवराज प्रजापत पार्षद बन गए थे. पूरे सुल्तानपुर नगर पालिका एरिया में सरकार ने 25 वार्ड बनाए हैं, लेकिन इसकी जगह पर पार्षद वर्तमान में 45 से क्योंकि सभी वार्ड पंच भी पार्षद बन गए.

Last Updated : Jun 13, 2022, 11:56 PM IST
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