कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा की टीम ने सवाई माधोपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग के अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है. मामले में वह शिक्षिका के खिलाफ शिकायत की जांच को पूरा कर कार्रवाई के लिए लिखने की एवज में रिश्वत ले रहा था. सत्यापन के दौरान उसने स्वयं और अधिकारियों के लिए 80 हजार रुपए की मांग की थी.
कोटा एसीबी के पुलिस उप अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया कि कोटा के बोरखेड़ा निवासी शंभूदत्त और सवाई माधोपुर में तैनात शिक्षिका संजू मेघवाल के बीच पहले क्रॉस केस दर्ज हुए थे. इस मामले में कोटा पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया था और उसके बाद यह जेल भी गए थे. इसके बाद शिक्षिका संजू मेघवाल ने विधवा कोटे से सरकारी शिक्षिका की नौकरी प्राप्त कर ली.
इस मामले की शिकायत शंभूदत्त ने जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक सवाई माधोपुर के कार्यालय में की थी. जिसमें बताया कि संजू ने चरित्र प्रमाण पत्र में गड़बड़ी कर नौकरी हासिल की गई. जिसकी जांच वहां के अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी प्रवीण सक्सेना कर रहे थे, लेकिन इस मामले में वे ढिलाई से जांच कर रहे थे. शंभूदत्त ने जब प्रवीण सक्सेना से मुलाकात थी, तो उन्होंने कहा कि जांच जल्द करवाने के लिए उसे रिश्वत देनी पड़ेगी. इसमें रिश्वत भी उन्होंने 60 हजार रुपए उच्चाधिकारियों के लिए और 20 हजार रुपए स्वयं के लिए मांगे थे.
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'काम पूरा होने के बाद लूंगा रिश्वत': शंभूदत्त ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा की स्पेशल टीम को 11 जनवरी को शिकायत की थी. जिसके बाद इस मामले का सत्यापन 12 जनवरी को एसीबी कोटा की स्पेशल टीम ने किया. जिसमें रिश्वत की मांग करना सामने आया. साथ ही प्रवीण सक्सेना ने यह कहा कि काम पूरा हो जाने के बाद ही वह रिश्वत की राशि को लेगा. ऐसे में उसने जांच को जल्द पूरा करते हुए उसने कार्रवाई के लिए लिख दिया. जिसके बाद से ही वह शंभूदत्त को रिश्वत के लिए फोन कर रहा था.
सोमवार को रिश्वत की राशि लेकर परिवादी शंभूदत्त जब पहुंचा, तब उसने 50 हजार रुपए दिए. ऐसे में प्रवीण सक्सेना ने कहा कि बचे हुए 20 हजार रुपए भी वह लेकर आए. उसे एटीएम से पैसा निकलवाने के लिए भेज दिया. इस प्रकरण में परिवादी का इशारा मिलने के बाद एसीबी ने प्रवीण सक्सेना को गिरफ्तार कर लिया और इस मामले में अन्य लोगों की संलिप्तता के बारे में पूछताछ की जा रही है.
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पुलिस सत्यापन संदेह के घेरे में : रेलवे कॉलोनी थाना पुलिस में कैसे हुई सेटिंग: इस पूरे प्रकरण में यह बात सामने आ रही है कि संजू मेघवाल रेलवे कॉलोनी थाना इलाके में रहती है. उसने शिक्षिका की सरकारी नौकरी के लिए चरित्र प्रमाण पत्र और पुलिस सत्यापन करवाया था. जिसके आधार पर ही संजू मेघवाल की विधवा कोटे से शिक्षिका के रूप में नौकरी लगी है. उसका चरित्र प्रमाण पत्र बनाने के दौरान इस मुकदमे का जिक्र रेलवे कॉलोनी थाना पुलिस ने नहीं किया. ऐसे में तब यह पुलिस सत्यापन संदेह के घेरे में है.