कोटा. देश के आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपलआईटी समेत 112 संस्थानों की 54 हजार 477 सीटों के लिए ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (JoSAA Counselling 2022) की काउंसलिंग जारी है. इसमें अब तक हुए राउण्ड के जारी किए गए आवंटित सीटों के अनुसार स्टूडेंट्स का रूझान शीर्ष 7 आईआईटी की लोअर ब्रांच की तरफ ज्यादा देखने को मिल रहा है.
निजी कोचिंग इंस्टीट्यूट के कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि स्टूडेंट्स ने टॉप आईआईटी बॉम्बे, दिल्ली, मद्रास, कानपुर, खड़गपुर, रूड़की, गोवाहाटी की लोअर ब्रांच जैसे कैमिकल, एनर्जी इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग फिजिक्स, प्रोडक्शन एवं इण्डस्ट्रीयल, मटिरियल साइंस, मैटलर्जी, एयरोस्पेस, एनवायरमेंटल, बायोटेक्नोलॉजी, बायो इंजीनियरिंग, मैन्यूफैक्चरिंग, टेस्क्टाइल, ओशियन इंजीनियरिंग, माइनिंग, अर्थ साइंस, एग्रीकल्चर एण्ड फूड इंजीनियरिंग जैसी ब्रांचेंज को भी अन्य आईआईटी की कोर ब्रांचेज मुकाबले प्राथमिकता दी जा रही है. इन अन्य आईआईटी में आईआईटी बीएचयू, हैदराबाद, जोधपुर, रूपड़, मंडी, धनबाद, इंदौर, गांधीनगर जैसी वर्ष 2012 में स्थापित आईआईटी शामिल है. स्टूडेंट्स केवल इन आईआईटी में कम्प्यूटर साइंस ब्रांच को ही प्राथमिकता देते हैं, इसके अतिरिक्त इनकी अन्य ब्रांचों को टॉप आईआईटी की लोअर ब्रांचेज के बाद ही प्राथमिकता देते हैं. इसके बाद वर्ष 2017-18 में खुली हुई आईआईटी जैसे आईआईटी जम्मू, भिलाई, गोवा, धारवाड़, तिरूपति, पल्लकड़ आईआईटी की कोर ब्रांचों को अंत में चुना जा रहा है.
ये है मुख्य कारण- अमित आहूजा के अनुसार स्टूडेंट्स शुरुआती 8 हजार ऑल इंडिया रैंक (AIR) तक टॉप-7 आईआईटी की कोर ब्रांच के अतिरिक्त लोअर ब्रांचेज को अन्य आईआईटी कोर ब्राचों के मुकाबले अधिक प्राथमिकता मिल रही है. क्योंकि टॉप 7 आईआईटी में स्टूडेंट के बीच कंपटीशन माहौल मिलता है, जिसके कारण विद्यार्थी अपना सर्वांगिण विकास कर पाते हैं. आईआईटी में विद्यार्थियों को स्वयं की ब्रांच के अलावा माइनर के रूप में अन्य ब्रांचों को लेने का मौका भी मिलता है, जिससे स्टूडेंट्स माइनर में आमतौर पर कम्प्यूटर साइंस के सब्जेक्ट लेकर कोडिंग, प्रोग्रामिंग सीखकर अपनी प्रोफाइल को मजबूत बना लते हैं. ये आईआईटीज बड़ी प्लेसमेंट कंपनियों की भी प्राथमिकता में रहती हैं. इस कारण यहां के विद्यार्थी अच्छी कंपनियों में प्लेसमेंट प्राप्त करते हैं. इन आईआईटी में जॉब प्लेसमेंट के लिए कंपनियां भी अन्य आईआईटी के मुकाबले में ज्यादा संख्या में आती है, जो हर फिल्ड के बच्चों को प्लेसमेंट के लिए मौका देती है.
अच्छी परफॉर्मेंस पर आईआईटी में बदल जाती है ब्रांच- अमित आहूजा ने बताया कि टॉप-7 आईआईटी में स्टूडेंट्स के पास अपनी प्रथम वर्ष की परफॉरमेंस के आधार पर ब्रांच चेंज करने का ऑप्शन भी उपलब्ध रहता है. जिससे कई विद्यार्थी दूसरे वर्ष में कोर ब्रांच और अच्छी ब्रांच में अपवर्ड हो जाते हैं. इसे देखते हुए ही विद्यार्थी टॉप-7 आईआईटी के ब्रांच के साथ कैम्पस को प्राथमिकता देते हुए लोअर ब्रांच में भी एडमिशन लेते हैं. आईआईटी बीएचयू में पहले सेमेस्टर के बाद ही ब्रांच बदलने का प्रावधान है.