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कोटा : जेके लोन अस्पताल में अनावश्यक रूप से खरीदे गए थे पीपीई किट, मेडिकल कॉलेज प्राचार्य ने शुरू करवाई जांच

कोटा के सबसे बड़े मातृ एवं शिशु अस्पताल में पीपीई किट खरीद में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. मामले में मेडिकल कॉलेज के ड्रग वेयरहाउस में पीपीई किट होने के बावजूद अस्पताल ने स्थानीय खरीद से पीपीई किट खरीद ली है. जिसको लेकर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की ओर से जांच शुरू करवा दी गई है.

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जे.के लोन अस्पताल में अनावश्यक रूप से खरीदे गए थे पीपीई किट पर जांच
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Published : Nov 30, 2020, 8:37 PM IST

कोटा. कोविड-19 के दौरान अस्पतालों में जमकर पीपीई किट की खरीद हुई है. मरीजों की आवश्यकता बताकर प्रबंधन ने इमरजेंसी में चिकित्सक के उपयोग में आने वाली की सामग्री की खरीद की है. हालांकि, अब इनमें घोटाले भी सामने आने लगे हैं.

जेके लोन अस्पताल में अनावश्यक रूप से खरीदे गए थे पीपीई किट पर जांच

ऐसा ही एक घोटाला और अनावश्यक रूप से खरीद का मामला कोटा के जेके लोन अस्पताल में सामने आया है. जिसमें 30 लाख रुपए कीमत की पीपीई किट खरीद ली गई है. जबकि राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन की ओर से मेडिकल कॉलेज के ड्रग वेयरहाउस में पहले से ही पीपीई किट मौजूद थी.

पढ़ें: राजसमंदः किरण माहेश्वरी के निधन पर महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने जताया शोक

ऐसे में बिना एनओसी लिए ही नए पीपीई किट खरीद लिए गए हैं. इस संबंध में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने अब जांच शुरू करवा दी है. इसमें मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने 3 लोगों की एक कमेटी गठित कर दी है. इसमें मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. देवेंद्र विजयवर्गीय मेडिसिन विभाग की प्रोफेसर डॉ. दीप्ति शर्मा और पुरुषोत्तम अग्रवाल शामिल हैं जो कि इस पूरी खरीद प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेजों की जांच कर मेडिकल कॉलेज प्राचार्य को सौंपेंगे.

इस तरह से हुई खरीद...

अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा का कहना है कि अस्पताल के स्टाफ की डिमांड लगातार आ रही थी और उन्हें सप्लाई नहीं मिल रही थी. ऐसे में एकाउंट डिपार्टमेंट और अस्पताल के अन्य स्टाफ से चर्चा के बाद ही उन्होंने किट की खरीद की है. जिसके लिए भी उन्होंने रेट कांट्रैक्ट जो हुआ था, उसके जरिए ही खरीदा है.

यह उठ रहे सवाल...

आवश्यक रूप से खरीदी हुए पीपीई किट में जेकेलोन प्रबंधन की गलती सामने आ रही है. जिसमें 45 हजार पीपीई किट जब एमसीडीडब्ल्यू में मौजूद थे. इसके बावजूद उनकी खरीद क्यों की गई. इसमें 30 लाख रुपए का अनावश्यक व्यय हुआ है. इसके साथ ही जब कोई भी खरीद अस्पताल प्रबंधन अपने स्तर पर करता है तो एनओसी ड्रग वेयरहाउस से ली जाती है, वह भी नहीं ली गई है.

कोटा. कोविड-19 के दौरान अस्पतालों में जमकर पीपीई किट की खरीद हुई है. मरीजों की आवश्यकता बताकर प्रबंधन ने इमरजेंसी में चिकित्सक के उपयोग में आने वाली की सामग्री की खरीद की है. हालांकि, अब इनमें घोटाले भी सामने आने लगे हैं.

जेके लोन अस्पताल में अनावश्यक रूप से खरीदे गए थे पीपीई किट पर जांच

ऐसा ही एक घोटाला और अनावश्यक रूप से खरीद का मामला कोटा के जेके लोन अस्पताल में सामने आया है. जिसमें 30 लाख रुपए कीमत की पीपीई किट खरीद ली गई है. जबकि राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन की ओर से मेडिकल कॉलेज के ड्रग वेयरहाउस में पहले से ही पीपीई किट मौजूद थी.

पढ़ें: राजसमंदः किरण माहेश्वरी के निधन पर महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने जताया शोक

ऐसे में बिना एनओसी लिए ही नए पीपीई किट खरीद लिए गए हैं. इस संबंध में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने अब जांच शुरू करवा दी है. इसमें मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना ने 3 लोगों की एक कमेटी गठित कर दी है. इसमें मेडिकल कॉलेज के अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. देवेंद्र विजयवर्गीय मेडिसिन विभाग की प्रोफेसर डॉ. दीप्ति शर्मा और पुरुषोत्तम अग्रवाल शामिल हैं जो कि इस पूरी खरीद प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेजों की जांच कर मेडिकल कॉलेज प्राचार्य को सौंपेंगे.

इस तरह से हुई खरीद...

अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा का कहना है कि अस्पताल के स्टाफ की डिमांड लगातार आ रही थी और उन्हें सप्लाई नहीं मिल रही थी. ऐसे में एकाउंट डिपार्टमेंट और अस्पताल के अन्य स्टाफ से चर्चा के बाद ही उन्होंने किट की खरीद की है. जिसके लिए भी उन्होंने रेट कांट्रैक्ट जो हुआ था, उसके जरिए ही खरीदा है.

यह उठ रहे सवाल...

आवश्यक रूप से खरीदी हुए पीपीई किट में जेकेलोन प्रबंधन की गलती सामने आ रही है. जिसमें 45 हजार पीपीई किट जब एमसीडीडब्ल्यू में मौजूद थे. इसके बावजूद उनकी खरीद क्यों की गई. इसमें 30 लाख रुपए का अनावश्यक व्यय हुआ है. इसके साथ ही जब कोई भी खरीद अस्पताल प्रबंधन अपने स्तर पर करता है तो एनओसी ड्रग वेयरहाउस से ली जाती है, वह भी नहीं ली गई है.

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