कोटा. जिले के महाराव भीमसिंह अस्पताल में इलाज के दौरान हुई देरी के चलते एक मरीज की मौत हो गई थी. वहीं मामले में अभी तक कार्रवाई नहीं होने पर शनिवार को हाड़ौती विकास मोर्चा ने मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य का घेराव किया.
बता दें कि ये कार्यकर्ता भारी पुलिस बल मौजूद होने के बाद भी धक्का-मुक्की करते हुए प्राचार्य कक्ष में प्रवेश घुस गए. उनके साथ मृतक सुनील की पत्नी प्रीति और बच्चे सहित परिजन मौजूद थे. जो रोते बिलखते हुए प्राचार्य डॉ. गिरीश वर्मा से न्याय मांग रहे थे. इसके साथ ही आरोपी विकास मोर्चा के कार्यकर्ता भी उनके खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे. उन्होंने कहा कि तीन दिन में चिकित्सकों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए. नहीं तो राज्य सरकार से दोषी डॉक्टरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करवाई जाएगी.
ये है पूरा मामला
मामले के अनुसार कोटा के महाराव भीमसिंह अस्पताल में अप्रैल माह में दुर्घटना में घायल मरीज के उपचार में कोताही बरतने से उसकी मौत हो गई थी. इस मामले में गठित जांच कमेटी ने चार डॉक्टरों को दोषी माना है. लेकिन मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. गिरीश वर्मा उन पर कार्रवाई करने की जगह केवल कारण बताओ नोटिस जारी कर इतिश्री कर रहे हैं. मृतक की पत्नी प्रीति ने मीडिया से कहा कि वे लोग गरीब हैं. सुनील भी सब्जी का ठेला लगाकर घर चलाता था. उसके पास दो छोटे-छोटे बच्चे हैं. उनका लालन-पालन में वह कैसे करेगी. डाक्टरों पर लापरवाही के कारण उनकी मौत हो गई है.
हाड़ौती विकास मोर्चा के संभाग अध्यक्ष राजेंद्र सांखला ने कहा है कि कांग्रेस की सरकार को इस तरह की लीपापोती की जांच में बदनाम नहीं होने दिया जाएगा. डॉक्टरों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करवाई जाएगी. मेडिकल कॉलेज प्राचार्य अगर कठोर कार्रवाई आरोपी चिकित्सक को विश्वास नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई करवाई जाएगी. इस मामले में मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. गिरीश वर्मा यह तो मान रहे हैं कि मरीज को भर्ती नहीं कर कर चिकित्सकों ने लापरवाही बरती है. ऐसे में उन्हें नोटिस देकर पूछा है. अब आगे की कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को लिखेंगे.