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समर्थन मूल्य पर खरीद : मंडी में मिल रहे ज्यादा दाम, किसानों के MSP पर फसल बेचने को लेकर बना संशय - Online registration for selling crops at MSP

सोयाबीन, उड़द, मूंग और मूंगफली की खरीद के लिए 27 अक्टूबर से पंजीयन शुरू होने जा (Higher prices for Kharif Crops in mandi) रहे हैं. इस बार किसानों को मंडी में एसएसपी से ज्यादा भाव मिल रहे हैं. ऐसे में खरीद केंद्रों पर किसान फसल बेचेंगे या नहीं, इस पर संशय बना हुआ है.

मूंग, उड़द, सोयाबीन
मूंग, उड़द, सोयाबीन
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Published : Oct 26, 2022, 8:16 PM IST

कोटा. राज्य सरकार ने प्रदेश में खरीफ की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए आदेश जारी कर दिए हैं. इसके तहत 27 अक्टूबर से किसान ऑनलाइन पंजीयन करा सकेंगे. इसके बाद 1 नवंबर से सोयाबीन, उड़द व मूंग की खरीद शुरू होगी. वहीं, मूंगफली की खरीद 18 नवंबर से शुरू होगी. हालांकि, हाड़ौती में उत्पादित होने वाली दो प्रमुख फसलें उड़द और सोयाबीन की खरीद भी एमएसपी पर होने वाली है.

किसानों को मंडी में एमएसपी से ज्यादा भाव मिल रहे हैं. ऐसे में किसानों के एमएसपी पर खरीद केंद्रों पर (Online registration for selling crops at MSP) जाकर फसल बेचने पर ही संशय बना हुआ है. किसान इसके लिए इक्के दुक्के ही रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं या फिर यह संख्या कुछ सैकड़ों में ही रहेगी. केंद्र सरकार ने इस बार सोयाबीन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 4300 और उड़द के लिए 6600 रुपए घोषित किया है. जबकि बीते साल उड़द का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6300 व सोयाबीन का 3950 था. ऐसे में उड़द में बीते साल से 300 रुपए एमएसपी बढ़ाई गई है, जबकि सोयाबीन पर यह 350 रुपए की बढ़ोतरी की गई है.

इसलिए है खरीद पर संशय : वर्तमान में भामाशाह कृषि उपज मंडी में डाक बंद है और किसानों की माल की तुलाई नहीं हो रही है. मंडी में 29 अक्टूबर को पूजा अर्चना के साथ विधिवत शुरुआत दिवाली के बाद की जाएगी, लेकिन सोयाबीन और उड़द मंडी में आना शुरू हो गया था. 15 से लेकर 21 अक्टूबर तक प्रतिदिन करीब 30,000 क्विंटल सोयाबीन और 700 क्विंटल उड़द आया था. इसमें उड़द का औसत भाव ही 6700 रुपए क्विंटल के आसपास है, जबकि सोयाबीन के औसत 4850 क्विंटल किसानों को मिल रहे हैं. बीते साल की तरह इस बार भी विभाग तैयारियां तो कर रहा है, लेकिन किसानों को जब मंडी में ज्यादा माल दाम मिलेगा तो वह समर्थन मूल्य पर बेचेंगे या नहीं इस पर संशय बना हुआ है.

पढ़े. समर्थन मूल्य पर खरीद: मूंग, उड़द, सोयाबीन और मूंगफली के लिए ऑनलाइन पंजीयन 27 अक्टूबर से

हाड़ौती के 48 केंद्रों पर खरीद का दावा : राजफैड ने जारी आदेश में प्रदेश में खरीद के लिए उड़द के लिए 62508 मीट्रिक टन लक्ष्य रखा है. वहीं सोयाबीन के लिए 361790 मीट्रिक टन का लक्ष्य है. जिले के अनुसार लक्ष्य की बात की जाए तो उत्पादन का 25 फीसदी खरीद करने का दावा किया है. जिसके लिए किसान खरीद केंद्र या ईमित्र पर 27 अक्टूबर सुबह 9:00 से 7:00 तक पंजीयन करा सकेंगे. इसके लिए 31 रुपए शुल्क का भुगतान करना होगा. यह पंजीयन जन आधार कार्ड व गिरदावरी से होगा. हाड़ौती के बारां, बूंदी, कोटा व झालावाड़ जिलों के 4 दर्जन से ज्यादा खरीद केंद्रों पर यह खरीद शुरू होनी है. इसके लिए राजफैड ने तैयारी भी शुरू कर दी है और टेंडर प्रक्रिया को भी प्रोसेस में लाया जाएगा.

खरीफ सीजन में नहीं हुई एमएसपी पर कोई खरीद : बीते साल 2021 में खरीफ के सीजन में समर्थन मूल्य पर उड़द और सोयाबीन की खरीद होनी थी. इसके लिए राजफैड ने केंद्र भी खोले थे, लेकिन किसानों ने दोनों उपज को बेचने में रुचि नहीं दिखाई. हालांकि मंडी में ही सोयाबीन और उड़द के दाम काफी ज्यादा मिल रहे थे. सरकार ने उड़द की एमएसपी (MSP for Urad) 6300 और सोयाबीन की एमएसपी 3950 रुपए क्विंटल तय की थी. जबकि मंडी में सोयाबीन 4400 और उड़द करीब 7500 रुपए क्विंटल से ज्यादा दामों में बिक रहा था. ऐसे में किसानों ने मंडी में ही माल बेचा है.

कोटा. राज्य सरकार ने प्रदेश में खरीफ की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए आदेश जारी कर दिए हैं. इसके तहत 27 अक्टूबर से किसान ऑनलाइन पंजीयन करा सकेंगे. इसके बाद 1 नवंबर से सोयाबीन, उड़द व मूंग की खरीद शुरू होगी. वहीं, मूंगफली की खरीद 18 नवंबर से शुरू होगी. हालांकि, हाड़ौती में उत्पादित होने वाली दो प्रमुख फसलें उड़द और सोयाबीन की खरीद भी एमएसपी पर होने वाली है.

किसानों को मंडी में एमएसपी से ज्यादा भाव मिल रहे हैं. ऐसे में किसानों के एमएसपी पर खरीद केंद्रों पर (Online registration for selling crops at MSP) जाकर फसल बेचने पर ही संशय बना हुआ है. किसान इसके लिए इक्के दुक्के ही रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं या फिर यह संख्या कुछ सैकड़ों में ही रहेगी. केंद्र सरकार ने इस बार सोयाबीन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 4300 और उड़द के लिए 6600 रुपए घोषित किया है. जबकि बीते साल उड़द का न्यूनतम समर्थन मूल्य 6300 व सोयाबीन का 3950 था. ऐसे में उड़द में बीते साल से 300 रुपए एमएसपी बढ़ाई गई है, जबकि सोयाबीन पर यह 350 रुपए की बढ़ोतरी की गई है.

इसलिए है खरीद पर संशय : वर्तमान में भामाशाह कृषि उपज मंडी में डाक बंद है और किसानों की माल की तुलाई नहीं हो रही है. मंडी में 29 अक्टूबर को पूजा अर्चना के साथ विधिवत शुरुआत दिवाली के बाद की जाएगी, लेकिन सोयाबीन और उड़द मंडी में आना शुरू हो गया था. 15 से लेकर 21 अक्टूबर तक प्रतिदिन करीब 30,000 क्विंटल सोयाबीन और 700 क्विंटल उड़द आया था. इसमें उड़द का औसत भाव ही 6700 रुपए क्विंटल के आसपास है, जबकि सोयाबीन के औसत 4850 क्विंटल किसानों को मिल रहे हैं. बीते साल की तरह इस बार भी विभाग तैयारियां तो कर रहा है, लेकिन किसानों को जब मंडी में ज्यादा माल दाम मिलेगा तो वह समर्थन मूल्य पर बेचेंगे या नहीं इस पर संशय बना हुआ है.

पढ़े. समर्थन मूल्य पर खरीद: मूंग, उड़द, सोयाबीन और मूंगफली के लिए ऑनलाइन पंजीयन 27 अक्टूबर से

हाड़ौती के 48 केंद्रों पर खरीद का दावा : राजफैड ने जारी आदेश में प्रदेश में खरीद के लिए उड़द के लिए 62508 मीट्रिक टन लक्ष्य रखा है. वहीं सोयाबीन के लिए 361790 मीट्रिक टन का लक्ष्य है. जिले के अनुसार लक्ष्य की बात की जाए तो उत्पादन का 25 फीसदी खरीद करने का दावा किया है. जिसके लिए किसान खरीद केंद्र या ईमित्र पर 27 अक्टूबर सुबह 9:00 से 7:00 तक पंजीयन करा सकेंगे. इसके लिए 31 रुपए शुल्क का भुगतान करना होगा. यह पंजीयन जन आधार कार्ड व गिरदावरी से होगा. हाड़ौती के बारां, बूंदी, कोटा व झालावाड़ जिलों के 4 दर्जन से ज्यादा खरीद केंद्रों पर यह खरीद शुरू होनी है. इसके लिए राजफैड ने तैयारी भी शुरू कर दी है और टेंडर प्रक्रिया को भी प्रोसेस में लाया जाएगा.

खरीफ सीजन में नहीं हुई एमएसपी पर कोई खरीद : बीते साल 2021 में खरीफ के सीजन में समर्थन मूल्य पर उड़द और सोयाबीन की खरीद होनी थी. इसके लिए राजफैड ने केंद्र भी खोले थे, लेकिन किसानों ने दोनों उपज को बेचने में रुचि नहीं दिखाई. हालांकि मंडी में ही सोयाबीन और उड़द के दाम काफी ज्यादा मिल रहे थे. सरकार ने उड़द की एमएसपी (MSP for Urad) 6300 और सोयाबीन की एमएसपी 3950 रुपए क्विंटल तय की थी. जबकि मंडी में सोयाबीन 4400 और उड़द करीब 7500 रुपए क्विंटल से ज्यादा दामों में बिक रहा था. ऐसे में किसानों ने मंडी में ही माल बेचा है.

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