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कोटा में महिला शक्ति की हुई जीत...11 दिन तक चले धरने के बाद शराब की चार दुकानों को बंद करने का फैसला - शराब

कोटा में बीते 11 दिनों से शराब की दुकानों को बंद करवाने के लिए धरने पर बैठी महिलाओं की जीत हुई है. उनके धरने के प्रभाव के चलते सरकार ने शराब की चारों दुकानों को बंद करने का फैसला लिया है.

कोटा में धरने पर बैठी महिलाएं
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Published : Apr 12, 2019, 6:00 PM IST

कोटा. शहर के संतोषी नगर एरिया में पिछले 11 दिनों से शराब की दुकानों को बंद कराने के लिए महिलाएं धरने पर बैठी थीं. इन महिलाओं में से कुछ अनशन भी कर रही थीं. आखिरकार इन महिलाओं के आंदोलन को सफलता मिली और सरकार ने चारों शराब की दुकानों को बंद करने का फैसला लिया है.

इसके बाद इन महिलाओं ने शुक्रवार को धरना हटा लिया. इस धरने के तहत शराबबंदी के लिए आंदोलन चलाने वाली पूजा छाबड़ा भी पहुंची. महिलाओं ने उनके साथ जमकर खुशियां मनाईं और उनका स्वागत किया. इस दौरान महिलाओं ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई. इसके साथ ही धरना स्थल पर ही कीर्तन किया.

इन महिलाओं का कहना है कि अब वे स्वतंत्र होकर इस एरिया से निकल सकेंगी. क्योंकि पहले शराबी फब्तियां कसते थे और उनके साथ छेड़छाड़ भी कर देते थे. बच्चों का स्कूल जाना परेशानी का सबब बना हुआ था और शराब की दुकानों के चलते यहां पर एक युवक की हत्या भी हो गई थी. आंदोलन को सफलता मिली है, इससे उनके क्षेत्र की महिलाएं और बच्चों को राहत मिलेगी

कोटा में 11 दिन तक चले धरने के बाद शराब की चार दुकानों को बंद करने का फैसला

बता दें कि ये महिलाएं पिछले 11 दिनों से चार शराब की दुकानों को हटाने के लिए आंदोलनरत थीं. इन महिलाओं के समर्थन के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों के नेता धरने पर आए थे. यहां तक की आसपास के पार्षद भी धरने पर लगातार बैठे रहे. भाजपा विधायक संदीप शर्मा भी धरने पर बैठे और उनके खिलाफ कांग्रेस से चुनाव लड़ने वाली राखी गौतम भी आंदोलन में शामिल हुईं थीं. महिलाओं ने पिछले 11 दिन में अलग-अलग तरीके से आंदोलन किया है, जिसमें भैंस के आगे बीन बजाना, अनशन और गणगौर पूजन भी धरना स्थल पर ही किया था.

कोटा. शहर के संतोषी नगर एरिया में पिछले 11 दिनों से शराब की दुकानों को बंद कराने के लिए महिलाएं धरने पर बैठी थीं. इन महिलाओं में से कुछ अनशन भी कर रही थीं. आखिरकार इन महिलाओं के आंदोलन को सफलता मिली और सरकार ने चारों शराब की दुकानों को बंद करने का फैसला लिया है.

इसके बाद इन महिलाओं ने शुक्रवार को धरना हटा लिया. इस धरने के तहत शराबबंदी के लिए आंदोलन चलाने वाली पूजा छाबड़ा भी पहुंची. महिलाओं ने उनके साथ जमकर खुशियां मनाईं और उनका स्वागत किया. इस दौरान महिलाओं ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई. इसके साथ ही धरना स्थल पर ही कीर्तन किया.

इन महिलाओं का कहना है कि अब वे स्वतंत्र होकर इस एरिया से निकल सकेंगी. क्योंकि पहले शराबी फब्तियां कसते थे और उनके साथ छेड़छाड़ भी कर देते थे. बच्चों का स्कूल जाना परेशानी का सबब बना हुआ था और शराब की दुकानों के चलते यहां पर एक युवक की हत्या भी हो गई थी. आंदोलन को सफलता मिली है, इससे उनके क्षेत्र की महिलाएं और बच्चों को राहत मिलेगी

कोटा में 11 दिन तक चले धरने के बाद शराब की चार दुकानों को बंद करने का फैसला

बता दें कि ये महिलाएं पिछले 11 दिनों से चार शराब की दुकानों को हटाने के लिए आंदोलनरत थीं. इन महिलाओं के समर्थन के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों के नेता धरने पर आए थे. यहां तक की आसपास के पार्षद भी धरने पर लगातार बैठे रहे. भाजपा विधायक संदीप शर्मा भी धरने पर बैठे और उनके खिलाफ कांग्रेस से चुनाव लड़ने वाली राखी गौतम भी आंदोलन में शामिल हुईं थीं. महिलाओं ने पिछले 11 दिन में अलग-अलग तरीके से आंदोलन किया है, जिसमें भैंस के आगे बीन बजाना, अनशन और गणगौर पूजन भी धरना स्थल पर ही किया था.

Intro:कोटा.
कोटा शहर के संतोषी नगर एरिया में पिछले 11 दिनों से शराब की दुकानों को बंद कराने के लिए महिलाएं धरने पर बैठी थी. इन महिलाओं में से कुछ अनशन भी कर रही थी. आखिर इन महिलाओं के आंदोलन को सफलता मिली और सरकार ने चारों शराब की दुकानों को बंद करने का फैसला लिया है. इसके बाद इन महिलाओं ने आज अपना धरना हटा लिया. इस धरने को हटवाने के लिए शराबबंदी के लिए आंदोलन चलाने वाली पूजा छाबड़ा भी पहुंची. महिलाओं ने उनके साथ जमकर खुशियां मनाई. पूजा छाबड़ा का स्वागत किया. एक दूसरे को मिठाई खिलाई. इसके साथ ही धरना स्थल पर ही कीर्तन किया.Body:इन महिलाओं का कहना है कि अब वे स्वतंत्र होकर इस एरिया से निकल सकेंगे. क्योंकि पहले शराबी फब्तियां कसते थे और उनके साथ छेड़छाड़ भी कर देते थे. बच्चों का स्कूल जाना परेशानी का सबब बना हुआ था और शराब की दुकानों के चलते यहां पर एक युवक की हत्या भी हो गई थी. आंदोलन को सफलता मिली है, इससे हमारे क्षेत्र की महिलाएं और बच्चों को राहत मिलेगी.

आपको बता दें कि यह महिलाएं पिछले 11 दिनों से चार शराब की दुकानों को हटाने के लिए आंदोलनरत थी. इन महिलाओं के समर्थन के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों के नेता धरने पर आए थे. यहां तक की आसपास के पार्षद भी धरने पर लगातार बैठे रहे. भाजपा विधायक संदीप शर्मा भी धरने पर बैठे और उनके खिलाफ कांग्रेस से चुनाव लड़ने वाली राखी गौतम भी आंदोलन में शामिल हुई थी. महिलाओं ने पिछले 11 दिन में अलग अलग तरीके से आंदोलन किया है. जिसमें भैंस के आगे बीन बजाना, अनशन व गणगौर पूजन भी धरना स्थल पर ही किया था.Conclusion:पैकेज में बाइट का क्रम

बाइट-- आंदोलनकारी महिला
बाइट-- क्षेत्रीय पार्षद
बाइट-- पूजा छाबड़ा
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