कोटा. नगर निगम में शुक्रवार को मेला समिति की बैठक आयोजित हुई. इसमें दशहरा मेला 2019 को किस तरह से भव्य बनाया जाए इस पर चर्चा की गई. बैठक में पहले लिए गए निर्णय को बदलते हुए अब पक्की दुकानों की जगह फूड कोर्ट को वापस कच्ची जगह पर ही स्थान दिया जाना तय किया गया है. बैठक की अध्यक्षता महिला अध्यक्ष राम मोहन मिश्रा ने की. इस दौरान महापौर महेश विजय और मेला अधिकारी कीर्ति राठौड़ भी उपस्थित थी. महापौर महेश विजय ने इस दौरान अधिकारियों की जमकर क्लास ली.
फूड कोर्ट के मामले पर मेला अध्यक्ष राममोहन मित्रा ने कहा कि नगर निगम के अधिकारी और कार्मिक पक्की स्थान पर एक महीने में भी व्यवस्थाएं नहीं जुटा पाए हैं. जिसके चलते वहां पर लगने वाली दुकानदारों को असुविधा होती. ऐसे में पुराने निर्णय को परिवर्तित करते हुए कच्ची जगह पर ही फूड कोर्ट स्थापित किया जाएगा. जहां पर पिछले साल लगाया गया था.
महापौर महेश विजय ने बैठक में कहा कि व्यावहारिकता को देखते हुए निर्णय लिए जाने चाहिए. पक्की दुकानों में फूड कोर्ट वाले दुकानदार अपनी भट्टी कैसे संचालित कर पाएंगे. इससे नगर निगम के स्मार्ट दशहरा मैदान में जर्मनी से आयातित कपड़ा लगाया गया है. वह खराब हो सकता है.
वहीं दुकानदारों ने भी कहा कि नगर निगम के अधिकारी एक महीने में उनके लिए व्यवस्थाएं की जगह पर नहीं कर पाए हैं. उन्हें नल कनेक्शन सहित कई सुविधाओं की आवश्यकता थी. ऐसे में दोबारा पुरानी जगह ही उन्हें दुकान आवंटित होगी जिसका वे स्वागत करते हैं.
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इसके साथ ही बैठक में पूर्व में किए गए टेंडरों जिनमें कलाकारों और कार्यक्रम पर चर्चा की गई. नगर निगम की तरफ से शहर में कई जगह करवाए जाने वाली रामलीला और राम कथाओं की राशि भी 10 से 15 फीसदी बढ़ाई गई है. इसके साथ ही महापौर महेश विजय ने कहा कि सर्कस को स्थापित किया जाए, चाहे उसे सस्ते दाम पर जगह अलॉट की जाए. इससे मेले की रौनक बनी रहती है. वहीं मेले में दुकान लगाने वाले दुकानदारों ने भी अपनी समस्याएं इस दौरान रखी.
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उन्होंने कहा कि फुट कोर्ट में मनिहारी और चप्पल की दुकान का क्या काम, ऐसी दुकानदार जो अपनी दुकान खरीद कर दूसरे को बेच देते हैं. उनको दुकान नहीं दी जाए. बैठक में पार्षद महेश गौतम लल्ली, रमेश चतुर्वेदी नरेंद्र सिंह हाड़ा, भगवान गौतम, मीनाक्षी खंडेलवाल, प्रकाश सैनी, कृष्ण मुरारी सामरिया, मोनू कुमारी और विकास तंवर मौजूद रहे.