कोटा. मैथमेटिक्स के कैलकुलेशन, इनफिनिटी तक की टेबल वंशिका के लिए कोई बड़ी बात नहीं है. 'ह्यूमन कंप्यूटर' वंशिका ने अपने इसी टैलेंट की बदौलत 8 विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. इतना ही नहीं 17 साल की उम्र में वंशिका मैथ्स की ट्रिक्स समेत 16 किताबें लिख चुकी हैं. इसके पीछे वो अपने पिता को पूरा श्रेय देती हैं, जिनकी मेहनत से आज वो ये मुकाम हासिल कर पाई हैं.
बेटी के लिए कोटा रहने लगे पिता : झुंझुनू के चिड़ावा निवासी वंशिका शर्मा ने पहला रिकॉर्ड साल 2018 में बनाया था. इसके बाद कोटा में आयोजित हुए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में वंशिका ने 280 डिजिट का पहाड़ा 20 फुट लंबे पेपर पर लिखकर रिकॉर्ड बनाया. शिक्षा नगरी कोटा से उनके परिजन प्रभावित हो गए और कोटा में ही वंशिका की आगे की पढ़ाई जारी रखने की सोची. कक्षा 8वीं में उनका कोटा में एडमिशन कराया गया. इस दौरान वंशिका की मां गायत्री शर्मा उनके साथ रहती थीं, लेकिन उनका अपने पिता के बगैर मन नहीं लगता था. इसके चलते उनके पिता मनोज कुमार शर्मा ने अपना बिजनेस छोड़कर कोटा में ही रहने का तय किया.
स्टाफ के भरोसे बिजनस : पिता मनोज कुमार शर्मा का कहना है कि उन्होंने 1994 में शादी के पहले ही एक वर्कशॉप की शुरुआत की थी, जिसमें व्हील एलाइनमेंट से लेकर मोटर पार्ट्स का काम होता है. शुरुआत में काफी स्ट्रगल किया, लेकिन बाद में वर्कशॉप पूरी तरह से सेटल हो गया. हालांकि साल 2018 में वंशिका के चलते उन्हें सबकुछ स्टाफ के भरोसे छोड़कर कोटा आना पड़ा. वहां पूरा काम स्टाफ देख रहा है. मनोज शर्मा का कहना है कि साल में वह तीन से चार बार ही चिड़ावा जा पाते हैं. सीसीटीवी कैमरे और व्हाट्सएप पर हिसाब लगाकर चला रहे हैं.
मेरे रूटीन में बेटी ही प्राथमिकता : मनोज कुमार का कहना है कि वंशिका उनकी इकलौती बेटी है. बीते 5 सालों से कोटा में वो वंशिका के साथ ही हैं. मनोज का कहना है कि वह बीते 5 सालों में महज 15 से 20 दिन ही चिड़ावा रहे होंगे, जिसमें भी त्योहारों के दिन शामिल हैं. उन्होंने कहा कि कोटा में मेरे रूटीन में वंशिका की पढ़ाई की पूरी जानकारी लेना, सब्जेक्ट के संबंध में बातचीत करना शामिल है. कोचिंग से लेकर उसके रूटीन एक्टिविटी पर भी पूरा फोकस रहता है. वंशिका भी यही चाहती है कि मैं उसके साथ रहूंगा कि उसे लगातार मोटिवेट करता रहूं.
पापा की मेहनत के चलते बना पाई रिकॉर्ड : वंशिका बचपन में अपने पेरेंट्स से पूछती थी कि रिकॉर्ड कैसे बनते हैं? पिता मनोज कुमार शर्मा इसके बारे में बताते थे. उनकी मां गायत्री शर्मा ने एक बार मैग्जीन देखकर पहाड़ा बुलवाया, जिसे वंशिका ने बोल दिया. वंशिका ने बताया कि इसके बाद ही उसे लगातार प्रैक्टिस कराते रहे, जिसके बाद वह रिकॉर्ड बना पाई. वंशिका का कहना है कि यह आइडिया मां ने दिया है, लेकिन इसमें सभी सुधार और उनके पिता ने करवाए हैं. पापा ने ही नए-नए आइडिया लेकर आते हैं और लगातार प्रैक्टिस भी करवाते हैं. वंशिका कहती हैं कि वह जो कर रही हैं वह एक फीसदी है, 99 फीसदी उनके पापा की मेहनत है. इसी कारण सारे रिकॉर्ड बने.
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बेटी को लायक बनाना जरूरी समझा : गायत्री शर्मा का कहना है कि उनके पति ने अपनी बेटी के लिए जिस तरह से मेहनत की है और बिजनेस को दांव पर लगा दिया, ऐसा कोई नहीं करता है. शुरुआत में तो काफी स्ट्रगल किया, लेकिन हमारा बिजनेस पूरी तरह से स्थापित हो गया था. साल 2018 में ही नई मशीनें स्थापित की थी, तब हमें छोड़ कर आना पड़ा. गायत्री शर्मा ने कहा कि हमने स्टॉक की काउंटिंग भी नहीं की, जो जैसा था वैसा ही छोड़ कर आ गए. गायत्री कहती हैं कि मनोज ऐसा मानते हैं कि बेटी के लिए पैसे भी एकत्रित करने से अच्छा है कि बेटी को इस लायक बना दूं, ताकि वह अच्छी पोजीशन पर पहुंच जाए. गायत्री कहती हैं कि कई पैरेंट्स अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते, लेकिन यह पूरा समय बेटी के साथ ही लगे रहते हैं.
8 विश्व रिकॉर्ड बना चुकी हैं वंशिका : वंशिका का जन्म 11 जनवरी 2006 को हुआ था. साल 2018 में वंशिका कोटा आई थीं. फिलहाल वो कोटा से जेईई की तैयारी कर रही हैं. उसका सपना आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस ब्रांच से बीटेक करना है. वंशिका अब तक 8 मैथमेटिक्स के अलग-अलग रिकॉर्ड अपने नाम कर चुकी हैं. यहां तक कि वह 16 अलग-अलग बुक्स भी लिख चुकी हैं, जिनमें मैथमेटिक्स के ट्रिक्स की किताबें भी शामिल हैं. वह 2 से लेकर इंफिनिटी तक की टेबल लिख और बोल सकती हैं, जिन्हें उल्टा व सीधा बोल सकती है. उसकी इस अद्भुत कला के चलते ही कई देशी-विदेशी वीआईपी लोग उससे मिल चुके हैं, कई आईएएस अधिकारी भी मिलकर अचंभित रह चुके हैं.