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कोटा के सांगोद में अन्नदाता पर फिर बरपा बारिश का कहर, सरकार से मदद मिलने की उम्मीद में किसान - crop wasted due to rain

कोटा के सांगोद में शनिवार रात से सुबह तक हुई बारिश से किसानों की धान की फसल बर्बाद हो गई है. ऐसे में किसान मांग कर रहे हैं कि फसली नुकसान का सर्वे करवाकर उचित मुआवजा दिया जाए.

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Published : Nov 3, 2019, 7:15 PM IST

सांगोद (कोटा). जिले के किसानों को एक बार फिर बारिश की मार झेलनी पड़ी है. शनिवार देर रात लगभग 3 बजे से सुबह 6 बजे तक हुई बारिश ने धान की खड़ी फसल को बर्बाद कर दिया है, जिससे किसानों पर मुसीबत आ खड़ी हुई है.

सांगोद में बारिश से फसल बर्बाद

बता दें कि सोयाबीन और उड़द की फसल तो बारिश के कारण पहले ही नष्ट हो चुकी है. ऐसे में अब किसानों को बची हुई आस धान की फसल पर थी. वो भी रविवार की सुबह हुई बारिश और हवाओं के चलते खेत में लेटी हुई नजर आ रही है. ऐसे में किसानों के माथे पर दोबारा चिंता की लकीरों ने जगह बना ली है. किसान जोगेंद्र का कहना है कि 12 हजार रुपए प्रति बीघा पर जमीन किराये पर ली थी. अब उनको नुकसान सहना पड़ेगा.

यह भी पढे़ं. प्रदेश में कई जिलों में हुआ विधिक सेवा सप्ताह का आगाज, आम जनता को मिलेगी लीगल जानकारी

ऐसे में बची-खुची उम्मीद धान की फसल से थी. वो फसल भी रात को हुई बारिश के कारण अब खेत में पड़ी है, जिससे अब उससे भी अच्छी उपज की उम्मीद बहुत कम बची है. ऐसे में किसान अब सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि फसली नुकसान का दोबारा सर्वे करवाकर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए.

सांगोद (कोटा). जिले के किसानों को एक बार फिर बारिश की मार झेलनी पड़ी है. शनिवार देर रात लगभग 3 बजे से सुबह 6 बजे तक हुई बारिश ने धान की खड़ी फसल को बर्बाद कर दिया है, जिससे किसानों पर मुसीबत आ खड़ी हुई है.

सांगोद में बारिश से फसल बर्बाद

बता दें कि सोयाबीन और उड़द की फसल तो बारिश के कारण पहले ही नष्ट हो चुकी है. ऐसे में अब किसानों को बची हुई आस धान की फसल पर थी. वो भी रविवार की सुबह हुई बारिश और हवाओं के चलते खेत में लेटी हुई नजर आ रही है. ऐसे में किसानों के माथे पर दोबारा चिंता की लकीरों ने जगह बना ली है. किसान जोगेंद्र का कहना है कि 12 हजार रुपए प्रति बीघा पर जमीन किराये पर ली थी. अब उनको नुकसान सहना पड़ेगा.

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ऐसे में बची-खुची उम्मीद धान की फसल से थी. वो फसल भी रात को हुई बारिश के कारण अब खेत में पड़ी है, जिससे अब उससे भी अच्छी उपज की उम्मीद बहुत कम बची है. ऐसे में किसान अब सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि फसली नुकसान का दोबारा सर्वे करवाकर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए.

Intro:Body:सांगोद(कोटा)
मोतीलाल सुमन
अन्नदाता पर फिर बरपा बारिश का कहर।सरकार से मदद मिलने की उम्मीद में किसान

हवा और पानी ने फिर फेरा किसान की मेहनत पर पानी किसानों के माथे पर नजर आ रही है चिता की लकीरें

सांगोद क्षेत्र के किसानों को एक बार फिर बारिश की मार झेलनी पड़ी है। देर रात लगभग 3 बजे से सुबह 6 बजे तक हुई बारिश ने धान की खड़ी फसल को तबाह करके रख दिया है। सोयाबीन व उड़द की फसल तो बारिश के कारण पहले ही नष्ट हो चुकी है। ऐसे में अब किसानों को बची हुई आस धान की फसल पर थी। वो भी आज सुबह हुई बारिश व हवाओं के चलते खेत में लेटी हुई नजर आ रही है। ऐसे में किसानों के माथे पर पुनः चिंता की लकीरो ने जगह बना ली है। किसान जोगेंद्र का कहना है कि 12000 रुपए प्रति बीघा पर मुनाफे में करी थी। सोयाबीन की मेरी फसल पहले ही नष्ट हो चुकी है। बची खुची उम्मीद धान की फसल से थी। वो फसल भी रात को हुई बारिश के कारण अब खेत में ऑडी पड़ गई है। जिससे अब उससे भी अच्छी उपज की उम्मीद बहुत कम बची है । ऐसे में किसान अब सरकार से आग्रह कर रहे है फसली नुकसान का पुनः सर्वे करवाकर किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए।
बाईट जोगेंद्र किसानConclusion:
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