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लाख कोशिशों के बाद भी नहीं हो पाया कोटा के ब्रेन डेड युवक का अंगदान

दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होकर ब्रेन डेड हुए कोटा निवासी छात्र विशाल का अंगदान लाख कोशिशों के बाद भी नहीं हो पाया.

लाख कोशिशों के बाद भी नहीं हो पाया कोटा के ब्रेन डेड युवक विशाल का अंगदान
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Published : Mar 21, 2019, 11:44 AM IST

कोटा. दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होकर ब्रेन डेड हुए कोटा निवासी छात्र विशाल का अंगदान लाख कोशिशों के बाद भी नहीं हो पाया. आखिर उसके अनुदान की प्रोसेस में जुटे उसके परिजन, चिकित्सक और सामाजिक कार्यकर्ताओं को निराशा ही हुई. विशाल ने जयपुर सवाई मानसिंह अस्पताल में होना था अंगदान. जानकारी के अनुसार विशाल को लंबी जांच प्रक्रिया के बाद कोटा मेडिकल कॉलेज की ब्रेन डेड कमेटी में ब्रेन डेड घोषित किया था. मंगलवार देर रात ब्रेन डेड घोषित करने के बाद विशाल को स्पेशल एम्बुलेंस की सहायता से पुलिस एस्कोर्ट के साथ जयपुर रवाना किया गया.

विशाल के साथ एम्बुलेन्स में मेडिकल कॉलेज कोटा के एनस्थीसिया विभाग के डॉ. खालिक और मेडिसिन विभाग के डॉ. विनोद जाटव निजी अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ और विशाल के पिता भी एम्बुलेंस में भेजे गए थे. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में करीब रात के 3 बजे उसके अंगदान की प्रक्रिया शुरू हुई. हालांकि बुधवार सुबह 10 बजे एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा में दम तोड़ दिया जिससे अंगदान नहीं हो पाया.

कोटा मेडिकल कॉलेज की ब्रेन डेड कमेटी के अध्यक्ष डॉ. विजय सरदाना ने अनुसार कोटा के विशाल के दुबारा टेस्ट किए थे. नियमानुसार पैरामीटर के आधार पर विशाल को ब्रेन डेड घोषित कर दिया किया. उन्होंने बताया कि अभी विशाल के ऑर्गन ठीक से काम कर रहे थे, कोटा में मेडिकल कॉलेज में ऑर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा ही नहीं है.

कोटा. दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होकर ब्रेन डेड हुए कोटा निवासी छात्र विशाल का अंगदान लाख कोशिशों के बाद भी नहीं हो पाया. आखिर उसके अनुदान की प्रोसेस में जुटे उसके परिजन, चिकित्सक और सामाजिक कार्यकर्ताओं को निराशा ही हुई. विशाल ने जयपुर सवाई मानसिंह अस्पताल में होना था अंगदान. जानकारी के अनुसार विशाल को लंबी जांच प्रक्रिया के बाद कोटा मेडिकल कॉलेज की ब्रेन डेड कमेटी में ब्रेन डेड घोषित किया था. मंगलवार देर रात ब्रेन डेड घोषित करने के बाद विशाल को स्पेशल एम्बुलेंस की सहायता से पुलिस एस्कोर्ट के साथ जयपुर रवाना किया गया.

विशाल के साथ एम्बुलेन्स में मेडिकल कॉलेज कोटा के एनस्थीसिया विभाग के डॉ. खालिक और मेडिसिन विभाग के डॉ. विनोद जाटव निजी अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ और विशाल के पिता भी एम्बुलेंस में भेजे गए थे. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में करीब रात के 3 बजे उसके अंगदान की प्रक्रिया शुरू हुई. हालांकि बुधवार सुबह 10 बजे एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा में दम तोड़ दिया जिससे अंगदान नहीं हो पाया.

कोटा मेडिकल कॉलेज की ब्रेन डेड कमेटी के अध्यक्ष डॉ. विजय सरदाना ने अनुसार कोटा के विशाल के दुबारा टेस्ट किए थे. नियमानुसार पैरामीटर के आधार पर विशाल को ब्रेन डेड घोषित कर दिया किया. उन्होंने बताया कि अभी विशाल के ऑर्गन ठीक से काम कर रहे थे, कोटा में मेडिकल कॉलेज में ऑर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा ही नहीं है.

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लाख कोशिशों के बाद भी नहीं हो पाया कोटा के ब्रेन डेड युवक विशाल का अंगदान

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कोटा.  दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होकर ब्रेन डेड हुए कोटा निवासी छात्र विशाल का अंगदान लाख कोशिशों के बाद भी नहीं हो पाया. आखिर उसके अनुदान की प्रोसेस में जुटे उसके परिजन, चिकित्सक और सामाजिक कार्यकर्ताओं को निराशा ही हुई. विशाल ने जयपुर सवाई मानसिंह अस्पताल में होना था अंगदान.

जानकारी के अनुसार विशाल को लंबी जांच प्रक्रिया के बाद कोटा मेडिकल कॉलेज की ब्रेन डेड कमेटी में ब्रेन डेड घोषित किया था. मंगलवार देर रात ब्रेन डेड घोषित करने के बाद विशाल को स्पेशल एम्बुलेंस की सहायता से पुलिस एस्कोर्ट के साथ जयपुर रवाना किया गया. 

विशाल के साथ एम्बुलेन्स में मेडिकल कॉलेज कोटा के एनस्थीसिया विभाग के डॉ. खालिक और मेडिसिन विभाग के डॉ. विनोद जाटव निजी अस्पताल का नर्सिंग स्टाफ और विशाल के पिता भी एम्बुलेंस में भेजे गए थे. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में करीब रात के 3 बजे उसके अंगदान की प्रक्रिया शुरू हुई. हालांकि बुधवार सुबह 10 बजे एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा में दम तोड़ दिया जिससे अंगदान नहीं हो पाया. 

कोटा मेडिकल कॉलेज की ब्रेन डेड कमेटी के अध्यक्ष डॉ. विजय सरदाना ने अनुसार कोटा के विशाल के दुबारा टेस्ट किए थे. नियमानुसार पैरामीटर के आधार पर विशाल को ब्रेन डेड घोषित कर दिया किया. उन्होंने बताया कि अभी विशाल के ऑर्गन ठीक से काम कर रहे थे, कोटा में मेडिकल कॉलेज में ऑर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा ही नहीं है. 


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