कोटा. अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूरा होने वाला है और प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी. देश में कुछ राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन इसको लेकर अभियान छेड़े हुए हैं. दूसरी तरफ राम मंदिर को लेकर चले आंदोलन में कार सेवक भी कई बार अयोध्या गए हैं. इनमें युवा कार सेवकों का नेतृत्व एक बार मदन दिलावर ने भी किया है. दिलावर हाल ही में राजस्थान सरकार में शिक्षा मंत्री बने हैं और उनका भी संकल्प राम मंदिर से जुड़ा हुआ था. संकल्प के अनुसार वह लगभग 34 सालों से माला नहीं पहनते हैं. इस पूरे मामले पर दिलावर का कहना है कि उनका संकल्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की केंद्र सरकार के चलते 22 जनवरी को पूरा हो रहा है. इसके बाद वह माला पहनेंगे. उन्होंने कहा कि "जब यह संकल्प लिया था, तब ऐसे हालात नहीं थे और ऐसा नहीं लगता था कि राम मंदिर का निर्माण हो जाएगा. मैं खुद सोचता था कि मेरे जीते जी यह संभव नहीं है."
30 साल नहीं सोया आरामदायक बिस्तर पर : मदन दिलावर का कहना है कि फरवरी 1990 में दो संकल्प लिए थे, जब तक भगवान राम का मंदिर श्री राम जन्मभूमि पर नहीं बनेगा और भगवान वहां विराजित नहीं होंगे, तब तक माला नहीं पहनूंगा. अभी तक भी संकल्प जारी है, जो इस साल 22 जनवरी को पूरा होगा. दूसरा संकल्प धारा 370 को लेकर था, जिसमें कश्मीर से धारा 370 को हटाकर एक संविधान एक प्रधान और एक झंडा करने की मांग थी. इसको लेकर आरामदायक बिस्तर और पलंग पर नहीं सोने का संकल्प लिया था. जमीन पर चटाई या दरी बिछाकर ही सोता था. धारा 370 के लिए हम लगातार आंदोलनरत रहे. ढाई साल पहले केंद्र सरकार ने धारा 370 को हटा दिया और यह संकल्प पूरा हो गया.
तीन बार मंत्री और छह बार विधायक बने : मदन दिलावर संकल्प लेने के बाद तीन बार राजस्थान के सरकार में मंत्री बने हैं. इसके अलावा छह बार विधायक चुने गए हैं, लेकिन फिर भी उन्होंने माला नहीं पहनी है. स्वागत के दौरान कई बार माला लेकर अधिकारी और समर्थक पहुंचते हैं, लेकिन वह माला को गले में नहीं डालने देते हैं, पहले ही रोक देते हैं. जब उनसे माला नहीं पहनने का कारण पूछा जाता है, तब वह अपने संकल्प के बारे में जानकारी देते हैं.
राजस्थान के कार सेवकों का किया था नेतृत्व : मदन दिलावर ने कहा कि राम मंदिर को बनाने के लिए आंदोलन चल रहे थे, कार सेवा की तैयारी चल रही थी. उन्होंने कहा कि देश के लाखों कार सेवकों का सहयोग था. उस समय में आंदोलन का युवाओं का राजस्थान प्रमुख था. दिलावर ने कहा कि "मैं भी गुंबद के नजदीक था. राम मंदिर का मेरा यह संकल्प 34 साल बाद पूरा हो रहा है. संकल्प जब लिया था तब यह तो तय था कि कभी न कभी भगवान राम का मंदिर बनेगा, लेकिन यह नहीं सोचा था कि मेरे जीते जी हो जाएगा. भगवान की कृपा मेरे ऊपर है, मेरे जीते जी आंखों से भगवान राम का मंदिर बनते हुए देख रहा हूं."