सांगोद (कोटा). ढाई महीने के लॉकडाउन के बाद जब बाजार खुले तो व्यापारियों के चेहरों पर खुशी लौट आई. लेकिन इस बीच एक व्यवसाय ऐसा भी है, जिससी समस्या अब भी जस की तस बनी हुई है. लॉकडाउन खुलने के बाद भी शादी-ब्याह और अन्य मांगलिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं होने से डीजे और बैंड बाजे वालों को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ रहा है. ऐसे में अब डीजे और बैंड बाजा संचालकों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
लॉकडाउन तो 22 मार्च से शुरू हुआ, लेकिन बैंड बाजे और डीजे संचालकों का काम जनवरी से ही बंद पड़ा है. पंचायत चुनाव के चलते प्रशासन ने ध्वनि प्रसारण यंत्रों से प्रचार पर रोक लगा रखी थी. जिसकी वजह से ये लोग पिछले पांच महीनों से बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं. वहीं, अब मानसूनी बारिश शुरू होने वाली है, साथ ही देवशयनी एकादशी के बाद मांगलिक आयोजनों पर फिर से ब्रेक लग जाएगा. ऐसे में अब इन लोगों की आखिरी उम्मीद सरकार पर ही टिकी है. जिसको देखते हुए गुरुवार को डीजे और बैंड बाजा संचालक एसडीएम कार्यालय पहुंचे और आर्थिक सहायता की गुहार लगाई.
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संचालकों ने बताया कि पांच महीने से बेरोजगारी से जूझ रहे ज्यादातर संचालकों की स्थिति ऐसी हो गई है कि दुकानों का किराया और कर्मचारियों की पगार देना तो दूर घर का खर्चा चलाने में दिक्कत हो रही है. डीजे संचालक बृजबिहारी गौड़ ने बताया कि विगत नगर पालिका और पंचायती चुनावों के पहले से ही डीजे और बैंड बाजे से प्रचार प्रसार पर रोक लगा दी गयी थी. साथ ही देश में 22 मार्च से लॉकडाउन भी लगा दिया गया. जिससे बाजा और डीजे संचालक कर्मचारियों की पगार और दुकानों का किराया देने में भी सक्षम नहीं है. साथ ही लोन वाले भी अब परेशान करने लग गए हैं. ऐसे में सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द हमारी समस्याओं का निराकरण किया जाए, ताकि हम अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें.