कोटा.चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग ने आशा सहयोगिनियों के आवासीय शिविर में हंगामे का मामला सामने आया. ट्रेनिंग के दौरान एक निजी होटल में ठहरी आशा सहयोगिनियों ने अवैध रूप से रात के समय अनाधिकृत व्यक्ति ने वीडियोग्राफी करने का आरोप लगाते हुए उच्च अधिकारियों को लिखित में शिकायत दी है.
आशाओं ने लिखा है कि रात के समय पुरुष ने वीडियोग्राफी कराने से महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचती है. भविष्य में या तो आवासीय ट्रेनिंग ही नहीं करवाई जाए, या फिर आवासीय ट्रेनिंग होगी तो वे उस में भाग नहीं लेंगे.
मामले के अनुसार 26 मार्च से आशा सहयोगिनी की पांच दिवसीय ट्रेनिंग शुरू हुई थी, जिसमें करीब की 43 आशा सहयोगिनियों के ठहरने के लिए नयापुरा स्थित एक होटल में कमरे बुक किए गए थे.
जहां आशा सहयोगिनी रात्रि विश्राम कर सके. 27 मार्च को रात 9:45 के आसपास सीएमएचओ ऑफिस के कार्यरत मनोज कुमावत होटल में आशाओं के ठहरने की वीडियो ग्राफी करने गया, लेकिन आईडी नहीं होने के कारण होटल संचालक ने उसे अनुमति नहीं दी. 28 मार्च को फिर रात में मनोज अपने एक सहयोगी के साथ होटल में जाकर आशाओं के कमरे की वीडियो ग्राफी कर लाया.
29 मार्च को रात 10:00 बजे के आसपास सीएमएचओ की पत्नी डिस्ट्रिक्ट आशा कोऑर्डिनेटर ज्योति तंवर भी होटल पहुंची. ज्योति के साथ मनोज भी मौजूद था.होटल संचालक ने ज्योति तंवर से आदेश के प्रति मांगी, तो ज्योति बिफर पड़ी. होटल संचालक ने ज्योति तंवर से विभाग की आईडी मांगी तो वे ओर ज्यादा गुस्सा हो गई और होटल में हंगामा कर दिया.
ज्योति तंवर कहने लगी जिले के सबसे बड़े अधिकारी सीएमएचओ की पत्नी हूं. होटल संचालक को डराया और धमकाया. सूचना पर अरबन डीपीएम आकांक्षा शर्मा भी मौके पर पहुंची.ज्योति तंवर की उनसे भी बहस हो गई. यह सारा घटनाक्रम होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया. साथ ही इन सबकी हंगामे की आवाज भी उस सीसीटीवी कैमरे के साथ लगे माइक में कैद हो गई.
इस मामले में सीएमएचओ डॉ भूपेंद्र तंवर ने हंगामे की बात से इनकार करते हुए कहां कि रात को वीडियोग्राफी के लिए कार्मिकों कोऑर्डिनेटर को भिजवाया था. होटल संचालक क्वालिटी दिखाने की जरूरत नहीं है कुछ लोग प्रतिकूल माहौल बना रहे हैं.