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Delhi Mumbai Expressway: MP की तर्ज पर राजस्थान में एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ सर्विस लेन बनाने की मांग - पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत

प्रदेश के हिस्से वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के निर्माण के दौरान कई किसानों के खेत दो हिस्सों में बंट गए हैं. ऐसे में उनका खेत पर आने—जाने का रास्ता बंद हो गया है. इस समस्या के समाधान के लिए एक्सप्रेस वे के दोनों ओर सर्विस लेन बनाने की मांग की गई है.

Demand of service lane on Delhi Mumbai Expressway in Kota
Delhi Mumbai Expressway: MP की तर्ज पर राजस्थान में एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ सर्विस लेन बनाने की मांग
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Published : Jan 17, 2023, 4:23 PM IST

Updated : Jan 17, 2023, 4:59 PM IST

कोटा. भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बन रहे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का काम कोटा जिले में भी काफी तेज गति से चल रहा है. जहां से यह हाइवे निकल रहा है, उस पूरे इलाके में अधिकांश जगह पर खेत थे. ये खेत या तो दो हिस्सों में बंट गए हैं, या फिर किसानों के खेत पर जाने का रास्ता बंद हो गया है. इस समस्या के निवारण के लिए एक्सप्रेस वे के दोनों और सर्विस लेन बनाने की मांग की गई है.

इसी तरह का संकट मध्यप्रदेश के रतलाम, मंदसौर और झाबुआ जिले में भी था. वहां पर एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ से 10 फीट की डामर की सड़कें भी बनाई जा रही हैं. ताकि किसानों को अपने खेतों में जाने के लिए कोई समस्या नहीं हो. ऐसा रतलाम, मंदसौर और झाबुआ से गुजरने वाले 244 किमी हाइवे पर होगा. अब इसी तरह की मांग कोटा में भी उठाई गई है. पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत ने प्रतिनिधिमंडल के साथ इस संबंध में जिला कलेक्टर से मंगलवार को मुलाकात की. जिसमें दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे पर मध्यप्रदेश की भांति राजस्थान में भी किसानों के आवागमन के लिए सर्विस रोड़ बनाई जाने की मांग रख दी है. इस संबंध में उन्होंने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के नाम ज्ञापन भी जिला कलेक्टर को सौंपा है.

पढ़ें: Expressway in Alwar अलवर में किसान होंगे मालामाल, मिलेगा 500 करोड़ का मुआवजा...

कोटा जिले में 104 किमी, 80 फीसदी पर खेत: कोटा जिले में 104 किलोमीटर लंबा रास्ता यह हाइवे तय करेगा. बूंदी जिले के बाद चंबल नदी को क्रॉस करता हुआ यह कोटा जिले में प्रवेश कर रहा है. इसके बाद सुल्तानपुर, दीगोद, कनवास, मंडाना और रामगंजमंडी इलाके से गुजरता हुआ यह मध्यप्रदेश में प्रवेश कर रहा है. इन इलाकों में करीब 80 फीसदी एरिया खेती की जमीन का है. कई किसानों के खेतों में जाने का रास्ता बंद हो गया है. इसको लेकर भारतीय किसान संघ के साथ अन्य कई संगठनों ने भी लंबे समय से आंदोलन चलाया था, लेकिन कोई निष्कर्ष इसका नहीं निकला था.

पढ़ें: Delhi Mumbai Expressway : किसानों ने रोका एक्सप्रेस-वे का काम, PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में 2500 मजदूरों का छूटा रोजगार...पलायन को मजबूर

शुरू हो गया सर्विस लेन के लिए भूमि अधिग्रहण: पूर्व विधायक राजावत का कहना है कि जिन किसानों के खेतों के बीच से एक्सप्रेस वे निकल रहा है, उनकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि एक खेत रोड़ के इस तरफ है और दूसरी रोड़ के दूसरी तरफ, ऐसे में वह असमंजस में है कि खेती कैसे करे या जमीन को ही बेच दे. मध्यप्रदेश में किसानों की इस पीड़ा को केंद्रीय मंत्री गडकरी ने समझा है और सर्विस लेन बनाने की घोषणा की है. इसके लिए भूमि अधिग्रहण भी शुरू हो गया है. ऐसे में राजस्थान में भी इस तरह से सड़क बनाई जानी चाहिए ताकि किसानों को राहत मिले.

कोटा. भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बन रहे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का काम कोटा जिले में भी काफी तेज गति से चल रहा है. जहां से यह हाइवे निकल रहा है, उस पूरे इलाके में अधिकांश जगह पर खेत थे. ये खेत या तो दो हिस्सों में बंट गए हैं, या फिर किसानों के खेत पर जाने का रास्ता बंद हो गया है. इस समस्या के निवारण के लिए एक्सप्रेस वे के दोनों और सर्विस लेन बनाने की मांग की गई है.

इसी तरह का संकट मध्यप्रदेश के रतलाम, मंदसौर और झाबुआ जिले में भी था. वहां पर एक्सप्रेस वे के दोनों तरफ से 10 फीट की डामर की सड़कें भी बनाई जा रही हैं. ताकि किसानों को अपने खेतों में जाने के लिए कोई समस्या नहीं हो. ऐसा रतलाम, मंदसौर और झाबुआ से गुजरने वाले 244 किमी हाइवे पर होगा. अब इसी तरह की मांग कोटा में भी उठाई गई है. पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत ने प्रतिनिधिमंडल के साथ इस संबंध में जिला कलेक्टर से मंगलवार को मुलाकात की. जिसमें दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस वे पर मध्यप्रदेश की भांति राजस्थान में भी किसानों के आवागमन के लिए सर्विस रोड़ बनाई जाने की मांग रख दी है. इस संबंध में उन्होंने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के नाम ज्ञापन भी जिला कलेक्टर को सौंपा है.

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कोटा जिले में 104 किमी, 80 फीसदी पर खेत: कोटा जिले में 104 किलोमीटर लंबा रास्ता यह हाइवे तय करेगा. बूंदी जिले के बाद चंबल नदी को क्रॉस करता हुआ यह कोटा जिले में प्रवेश कर रहा है. इसके बाद सुल्तानपुर, दीगोद, कनवास, मंडाना और रामगंजमंडी इलाके से गुजरता हुआ यह मध्यप्रदेश में प्रवेश कर रहा है. इन इलाकों में करीब 80 फीसदी एरिया खेती की जमीन का है. कई किसानों के खेतों में जाने का रास्ता बंद हो गया है. इसको लेकर भारतीय किसान संघ के साथ अन्य कई संगठनों ने भी लंबे समय से आंदोलन चलाया था, लेकिन कोई निष्कर्ष इसका नहीं निकला था.

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शुरू हो गया सर्विस लेन के लिए भूमि अधिग्रहण: पूर्व विधायक राजावत का कहना है कि जिन किसानों के खेतों के बीच से एक्सप्रेस वे निकल रहा है, उनकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि एक खेत रोड़ के इस तरफ है और दूसरी रोड़ के दूसरी तरफ, ऐसे में वह असमंजस में है कि खेती कैसे करे या जमीन को ही बेच दे. मध्यप्रदेश में किसानों की इस पीड़ा को केंद्रीय मंत्री गडकरी ने समझा है और सर्विस लेन बनाने की घोषणा की है. इसके लिए भूमि अधिग्रहण भी शुरू हो गया है. ऐसे में राजस्थान में भी इस तरह से सड़क बनाई जानी चाहिए ताकि किसानों को राहत मिले.

Last Updated : Jan 17, 2023, 4:59 PM IST
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