कोटा. मुकंदरा टाईगर रिजर्व में वन विभाग लगातार जंगली जानवरों का शिकार की घटनाओं से सबक नहीं ले रहा. मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के अकेलगढ़ के जंगल में भालू के 2 माह का बच्चा शिकारियों के बिछाए जाल में फंस गया था. जिससे वह घायल हो गया. जिसके बाद चिड़ियाघर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
चिड़ियाघर में मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद मृत भालू के शावक का अंतिम संस्कार चिड़ियाघर परिसर में कर दिया. रिजर्व के अधिकारियों ने इस मामले की जांच करवाने की बात कही है. वहीं सबसे बड़ी लापरवाही की बात तो यह है सामने आई है कि यहां रिजर्व में जिस एरिया में भालू के बच्चे का शिकार हुआ, उस एरिया में बीट गार्ड गश्त के लिए भी नहीं जा रहा था. जबकि रिजर्व में यह एरिया भालू और पैंथर के लिए सबसे बेहतर है. अधिकारियों की ओर से इस में गंभीरता नहीं दिखाई दी. इस मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
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दौलतगंज के चरवाहे को जंगल में फंदे में भालू का बच्चा फंसे होने की सूचना होटल वाले को दी थी. इसके बाद यहां रेंजर संजय गौतम फॉरेस्टर वीरेंद्र शर्मा पहुंचे लेकिन भालू का शावक नजर नहीं आया. शुक्रवार सुबह चरवाहे को लेकर अधिकारी और मेडिकल टीम मौके पर पहुंची. इसे ट्रैंकुलाइजर कर चिड़ियाघर लाए. यहां कई घंटे तक शावक की सांसे चलती रह रही थी. उसके बाद शावक ने दम तोड़ दिया.