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स्पेशल रिपोर्टः यहां जान जोखिम में डाल शव को कंधे पर रखकर उफनती नदी को किया पार

उपखण्ड के मदनपुरा ग्राम पंचायत की सारनखेड़ी गांव में ग्रामीणों ने जिंदगी दाव पर लगाकर शव को गांव ले जाने के लिये चारपाई और ट्यूब से बांध कर शव को ताकली नदी पार करवाया.

सारनखेड़ी गांव की घटना, Sarankhedi village news
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Published : Sep 14, 2019, 10:28 PM IST

Updated : Sep 15, 2019, 7:14 AM IST

रामगंजमंडी (कोटा). जिले के उपखण्ड के पास मदनपुरा ग्राम पंचायत की सारनखेड़ी गांव में ग्रामीणों ने जिंदगी को जोखिम में डाल शव को गांव में ले जाने के लिये शव को चारपाई से बांध कर ट्यूब की सहायता से ताकली नदी को पार करवाया.

जिंदगी जोखिम में डालकर ग्रामीणों ने पार की नदी

वहीं गांव के सोनू कुमार ने बताया कि गांव के मांगीलाल गुर्जर की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई. जिसके बाद उनके शव को गांव लाया गया. जहां रास्ते के बीच आने वाली ताकली नदी उफान पर होने के कारण गांव के लोगों ने शव को चारपाई और ट्यूब की सहायता से बांधा. जिसके बाद ग्रामीणों ने जिंदगी दाव पर लगाकर शव को नदी पार करवाया.

पढ़ें: हिंदी दिवस विशेष: यहां हर बच्चे के मन में बसते हैं 'दिनकर', कंठस्थ हैं उनकी रचनाएं

जिसके बाद मृतक का अंतिम संस्कार किया गया. ग्रामीणों का कहना है कि ताकली बांध परियोजना के डूब क्षेत्र में आने वाले गांव में ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. बता दें कि परियोजना में किसानों को उचित मुवावजा नहीं मिलने के कारण यह गांव कहीं स्थापित नहीं हुए है.

साथ ही प्रशासन ने गांव में सरकारी सेवाओं का लाभ भी देना बंद कर दिया है. जिसके बाद अब इन गांव के लोगों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है. जिसे लेकर ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन से गुहार लगाई लेकिन किसी तरह की कोई कार्रवाई आज तक नहीं हुई.

रामगंजमंडी (कोटा). जिले के उपखण्ड के पास मदनपुरा ग्राम पंचायत की सारनखेड़ी गांव में ग्रामीणों ने जिंदगी को जोखिम में डाल शव को गांव में ले जाने के लिये शव को चारपाई से बांध कर ट्यूब की सहायता से ताकली नदी को पार करवाया.

जिंदगी जोखिम में डालकर ग्रामीणों ने पार की नदी

वहीं गांव के सोनू कुमार ने बताया कि गांव के मांगीलाल गुर्जर की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई. जिसके बाद उनके शव को गांव लाया गया. जहां रास्ते के बीच आने वाली ताकली नदी उफान पर होने के कारण गांव के लोगों ने शव को चारपाई और ट्यूब की सहायता से बांधा. जिसके बाद ग्रामीणों ने जिंदगी दाव पर लगाकर शव को नदी पार करवाया.

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जिसके बाद मृतक का अंतिम संस्कार किया गया. ग्रामीणों का कहना है कि ताकली बांध परियोजना के डूब क्षेत्र में आने वाले गांव में ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. बता दें कि परियोजना में किसानों को उचित मुवावजा नहीं मिलने के कारण यह गांव कहीं स्थापित नहीं हुए है.

साथ ही प्रशासन ने गांव में सरकारी सेवाओं का लाभ भी देना बंद कर दिया है. जिसके बाद अब इन गांव के लोगों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है. जिसे लेकर ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन से गुहार लगाई लेकिन किसी तरह की कोई कार्रवाई आज तक नहीं हुई.

Intro:रामगंजमंडी/कोटा
उपखण्ड के मदनपुरा ग्राम पंचायत की सारनखेड़ी गांव में ग्रामीणों ने जिंदगी दाव पर लगाकर शव को गांव ले जाने के लिये चारपाई व ट्यूब के बांध ताकली नदी को करवाया पार।Body:रामगंजमंडी/कोटा
उपखण्ड के मदनपुरा ग्राम पंचायत की सारनखेड़ी गांव में ग्रामीणों ने जिंदगी जोखिम में डाल शव को गांव में ले जाने के लिये शव को चारपाई के बांध ट्यूब की सहायता से ताकली नदी को करवाया पार। वही गांव के सोनू कुमार ने बताया कि गांव के मांगीलाल गुर्जर की इलाज के दौरान अस्पताल में मृत्यु हो गई जिसके बाद उनके शव को गांव लाया गया । वही रास्ते के बीच आने वाली ताकली नदी उफान पर होने के कारण गांव के लोगों द्वारा उनको चारपाई और ट्यूब की सहायता से ग्रामीणों ने जिंदगी दाव पर लगाकर शव को नदी पर करवाया गया ।वही अंतिम संस्कार किया गया।ग्रामीणों का कहना है कि ताकली बांध परियोजना के डूब क्षेत्र में आने वाले गांव में ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। आपको बता दे परियोजना में किसानों उचित मुवावजा नही
मिलने के कारण यह गांव कही स्थापित नही हुए । और प्रशासन द्वारा गांव में सरकारी सेवाओं का लाभ तक देना बंद कर दिया । अब इन गांव में रहने वाले वाशिन्दे नारकीय जिंदगी जीने को मजबूर हो रहे है।Conclusion:रामगंजमंडी/कोटा
उपखण्ड के मदनपुरा ग्राम पंचायत की सारनखेड़ी गांव में ग्रामीणों ने जिंदगी दाव पर लगाकर शव को गांव ले जाने के लिये चारपाई व ट्यूब के बांध ताकली नदी को करवाया पार।
Last Updated : Sep 15, 2019, 7:14 AM IST
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