कोटा. ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को लेकर राजस्थान में राजनीति अब भी जारी है. 2018 के चुनाव में ये राजनीतिक मुद्दा भी बना था और आने वाले विधानसभा चुनाव में भी रहेगा. वसुंधरा राजे के शासन में पहला बैराज स्वीकृत हो गया था, जिसका निर्माण जारी है. यह कोटा जिले में कालीसिंध नदी पर स्थित नौनेरा बैराज है. इसके अलावा इसी प्रोजेक्ट से जुड़े दो अन्य बैराज का भी निर्माण जल्दी ही हाड़ौती में शुरू हो जाएगा, जिसके बाद पानी का स्टोरेज भी होगा.
बारां जिले से इसकी शुरुआत होगी. जिले की किशनगंज पंचायत समिति के रामगढ़ में पहला बांध कूल नदी पर बनने वाला है. इससे 7 किलोमीटर की दूरी पर दूसरा बांध पार्वती नदी पर महलपुर बनेगा. इस पानी को यहां से 167 किलोमीटर दूर टोंक जिले के बीसलपुर और ईसरदा ले जाया जाएगा. प्रोजेक्ट के अनुसार एक बैराज को दूसरे से कनेक्ट किया जाएगा. ऐसे में एक के बाद एक बैराज होता हुआ पानी बीसलपुर और ईसरदा पहुंचाया जाएगा. इसमें ग्रेविटी चैनल एस्कैप, ग्रेविटी फीडर, कैनाल सुरंग और पानी की पुलिया का उपयोग लिया जाएगा. साथ ही पानी को कई जगह पर लिफ्ट करके भी नहरों में डाला जाएगा.
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ईआरसीपी की ब्रांच 2022 में हुई थी घोषित : ईआरसीपी के जनरल मैनेजर पीके गुप्ता का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साल 2022 के बजट घोषणा में एनजीबीआई की घोषणा की थी. इसमें नौनेरा, गलवा, बीसलपुर और ईसरदा लिंक परियोजना शामिल हैं. इसमें 6464 करोड़ रुपए का खर्चा होना है. इसी के तहत 1316 करोड़ रुपए में नौनेरा बैराज बन रहा है. इसकी पानी स्टोरेज की क्षमता 227 मिलियन क्यूबिक मीटर की है.
इसी तरह से ईसरदा में भी 400 करोड़ से डैम का निर्माण करवाया जा रहा है, जबकि ईआरसीपी के तहत ही बारां में किशनगंज के रामगढ़ में कूल नदी और मांगरोल में पार्वती नदी पर महलपुर बैराज बनाए जा रहे हैं. इनके लिए डीपीआर तैयार हो गई है. साथ ही निर्माण भी इसी साल शुरू होने की उम्मीद है, क्योंकि इनकी टेंडरिंग का प्रोसेस चल रहा है.
हाड़ौती का दूसरा सबसे बड़ा बांध होगा महलपुर : वर्तमान में हाड़ौती का सबसे बड़ा बैराज चंबल नदी पर बना कोटा बैराज है, जिसकी क्षमता 112 मिलियन क्यूबिक मीटर है. इसके बाद दूसरे नंबर पर बूंदी का जवाहर सागर बांध 67 मिलियन क्यूबिक मीटर क्षमता के साथ है. अब हाड़ौती में 2 बांधो का निर्माण हो रहा है, जबकि दो का निर्माण जल्द ही शुरू होने वाला है. ऐसे में सबसे बड़ा बांध सिंचाई लिफ्ट योजना का बांध है, जिसकी क्षमता 400 मिलियन क्यूबिक मीटर है. इसका निर्माण भी अंतिम चरण में है.
यह हाड़ौती का सबसे बड़ा बांध बनने वाला है. इसके साथ ही नौनेरा बैराज का निर्माण चल रहा है, जिसकी क्षमता 226 मिलियन क्यूबिक मीटर है. प्रस्तावित बांधों में पार्वती नदी पर बनने वाले महलपुर बिराज की क्षमता 258 मिलियन क्यूबिक मीटर होगी और इसी तरह से कूल नदी के रामगढ़ बैराज की क्षमता 45 मिलियन क्यूबिक मीटर है. ऐसे में महलपुर बांध हाड़ौती का दूसरा सबसे बड़ा बांध बनने वाला है. यह ईआरसीपी परियोजना का हिस्सा है.