कोटा. जिला कलेक्टर कोटा ने देशभर से इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी करने आने वाले विद्यार्थियों के टेस्ट पर रोक लगाई थी, जिसको मंगलवार को हटा दिया है. हालांकि, कोचिंग संस्थानों को टेस्ट के साथ ही कुछ पाबंदियों की पालना करनी होगी. अगर छात्रों की क्लासेज लगातार चल रही हैं, तब 21 दिन में एक बार टेस्ट लिया जा सकेगा. जब कोर्स पूरा हो जाए, तो हर सात दिन में टेस्ट ली जा सकती है.
टेस्ट के अगले दिन होगा अवकाश : जिला कलेक्टर ओपी बुनकर की ओर से जारी किए गए आदेश के अनुसार टेस्ट के अगले दिन सभी विद्यार्थियों के लिए अवकाश होगा. परीक्षा होने के बाद विद्यार्थी की कॉपी का उचित विश्लेषण होगा. साथ ही औसत मापदंड से नीचे प्रदर्शन कर रहे विद्यार्थियों के लिए काउंसलिंग सेशन आयोजित किया जाएगा. टेस्ट का रिजल्ट तीन दिन बाद जारी होगा.
कोचिंग संस्थानों को करनी होगी पालना : राज्य सरकार ने भी कोचिंग संस्थाओं के लिए गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें साफ कहा था कि टेस्ट देने के बाद विद्यार्थी का परिणाम सार्वजनिक नहीं किया जाएगा. जिला कलेक्टर ने भी ऐसे ही आदेश निकाले हैं, जिसके तहत रिजल्ट स्टूडेंट और उनके पेरेंट्स को सेपरेट भेजा जाएगा. कोचिंग संस्थान किसी भी तरह की रैंक विद्यार्थियों की जारी नहीं करेंगे. सभी कोचिंग संस्थानों को इसकी पालना करनी होगी.
बता दें कि जिला कलेक्टर ने 27 अगस्त को एक दिन में दो सुसाइड के मामले आने के बाद तत्काल प्रभाव से टेस्ट पर रोक लगा दी थी. हाल ही में राज्य सरकार ने भी कोचिंग संस्थानों और हॉस्टलों के लिए गाइडलाइन जारी की है. वहीं, कई विद्यार्थी जिला कलेक्टर से दोबारा टेस्ट शुरू करने की मांग कर चुके थे, जिसके बाद आज ये आदेश जारी किया गया.